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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति तृतीय – खण्ड अध्याय – मुसलमान और आर्यशास्त्र

गतांक से आगे…. इस तरह से मुसलमानों ने संस्कृत भाषा के द्वारा अपने भाव, अपने विचार और विश्वासों को हमारे भावों, विचारों और विश्वासों में भरा है और हमारी संस्कृति में क्षोभ पैदा कर दिया है इसी तरह उनके दूसरे दल ने गुरु बनकर और देसी भाषा में नये-नथे ग्रन्थ रचकर भी हिन्दुओं के विश्वासों […]

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आज का चिंतन

बोलचाल में बुद्धिमत्ता और सभ्यता का प्रयोग अवश्य करें : परिव्राजक

*”व्यक्ति सुबह जब से जागता है, तभी से वह बोलना आरंभ कर देता है। और रात्रि को सोने तक पूरे दिन वह बोलता ही रहता है। जो भी व्यक्ति उसे मिलता है, उसी के साथ वह कुछ न कुछ बातें करता ही रहता है।”* प्रायः लोगों में एक प्रवृत्ति और देखी जाती है, कि *”वे […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

बाबू जगजीवन राम किसी जाति विशेष के नहीं बल्कि राष्ट्र की धरोहर थे

बाबू जगजीवन राम की आज जयंती के रूप में हम उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं । बाबू जगजीवन राम भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और उसके पश्चात की राजनीति के एक महान नक्षत्र हैं। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत के लोगों ने बड़े नेताओं को भी जाति बिरादरी में बांट लिया है। इससे […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

हिंदवी स्वराज्य के प्रणेता छत्रपति शिवाजी के लिए राष्ट्र सर्वोपरि था

वीर शिरोमणि मराठा शूर शिवाजी की 342वी जयंती पर विशेष आलेख। 3 अप्रैल 1680 को रायगढ़ के किले में शिवाजी का महाप्रयाण हुआ। कुछ इतिहासकारों के अनुसार उनका निधन टाइफाइड से हो गया था और आखिरी 3 दिन में तेज बुखार से ग्रस्त थे ।कुछ इतिहासकार इस को जहर देकर उनकी हत्या करना भी मानते […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक संपत्ति ; तृतीय खण्ड, अध्याय – मुसलमान और आर्यशास्त्र

गतांक से आगे… जिसको इन बातों के जाने की न तो फुर्सत है न जरूरत है, उसे नहीं मालूम कि हमारी वास्तविक दशा क्या है, हमारे प्राचीन वैदिक धर्म क्या है और हमारा प्राचीन आर्य आदर्श क्या है ? अभी गत पृष्ठों में हमने दो जातियों के द्वारा शास्त्रविध्वंस का वर्णन किया और दिखलाया दिया […]

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भारतीय संस्कृति

नवसंवत्सरोत्सव : भारतीय वैदिक /हिन्दू नववर्ष (प्रथम किस्त)

हिन्दू नववर्ष‘नवसंवत्सरोत्सव’ सृष्टि की उत्पत्ति का प्रकरण हर मनुष्य के लिए कौतूहल और जिज्ञासा का विषय सृष्टि के प्रारंभ से ही रहा है। इसके लिए कोई भी ऐसा प्रामाणिक साक्ष्य वेदों के अतिरिक्त संसार में प्राप्त होना असंभव है जिससे इस जिज्ञासा की पूर्ण तृप्ति हो सके। वेद तो है ही सब सत्य विद्याओं की […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक संपत्ति (तृतीय – खण्ड) अध्याय – चितपावन और आर्य शास्त्र

गतांक से आगे…. जाली ग्रंथों के रचने का एक नमूना हमने खुद देखा है। उड़ीसा में आठगण नामी एक देसी राज्य है। वहां के राजा का नाम विश्वनाथ है। राजा साहब संस्कृत में कविता कर लेते हैं। उन्होंने व्यास के नाम से अपने गांव के महादेव का माहात्म्य वर्णन किया है और एक पुस्तक में […]

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200 साल पहले साधु सुंदरदास ने ईसाइयत को कैसे रोका

देवेन्द्र सिंह आर्य( चेयरमैन ‘उगता भारत’ समाचार पत्र) प्रायः यह कहा जाता है कि यदि हिंदुओं को तलवार या धन के कारण मुस्लिम या ईसाई बनया जाता तो आज एक भी हिन्दू नहीं बचता। हिंदुओं कि रक्षा के लिए धर्म सत्ता ( संत कबीर, रविदास, सुंदरदास, समर्थ गुरु रामदास और महर्षि दयानन्द आदि ) और […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक संपत्ति : अध्याय -चितपावन और आर्य शास्त्र

गतांक से आगे…. इसलिए यह निश्चय और निर्विवाद है कि, चितपावनों ने जिस प्रकार छल से क्षत्रियों का राज्य लिया और जिस प्रकार छल से ग्रन्थों में मिश्रण किया, उसी तरह छल से ही उन्होंने अपनी जाति की यह कथा और पूजा भी आर्यों में दाखिल कर दी। यहूदी लोग संसार में छ्ली प्रसिद्ध हैं। […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति तृतीय खण्ड – अध्याय – चितपावन और आर्य शास्त्र

गतांक से आगे… इन समस्त कथाओं का इतना ही तात्पर्य है कि, देवी से ब्रह्मा, विष्णु और शंकर हुए और ब्रह्मा, विष्णु तथा शंकर के मिश्रण से दत्तात्रेय की उत्पत्ति हुई। अर्थात् दत्तात्रेय की उत्पत्ति ब्रह्मा, विष्णु ,महेश से हुई और ब्रह्मा, विष्णु, महेश को पैदा करने वाली देवी है। अब देखना चाहिए कि, इस […]

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