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आओ कुछ जाने

शेषनाग पर नृत्य करते श्री कृष्ण जी का रहस्य

कृष्ण को शेषनाग पर करते हुए नृत्य हमने देखा , बल खाती माथे पर पड़ गई एक हमारे रेखा । किस मूर्ख ने कर डाली है यह शरारत गहरी ? आओ ! सच को समझें, क्या है इसका लेखा ? सचमुच लोगों ने हमारे महापुरुषों के साथ पता नहीं क्या-क्या जोड़ दिया है ? जिसे […]

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धर्म-अध्यात्म

*”धर्म क्या है, और अधर्म क्या है?”

*”धर्म क्या है, और अधर्म क्या है?” यह बड़ा जटिल प्रश्न है। लाखों करोड़ों वर्षों से लोग इस प्रश्न में उलझे हुए हैं। बहुत कम लोग ही इसे समझ पाते हैं, कि धर्म क्या है? और अधर्म क्या है?”* *”वेदों और ऋषियों के ग्रंथों के अनुसार धर्म उस आचरण का नाम है, जो कार्य हमें […]

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आज का चिंतन

यजुर्वेद का साधारण परिचय

यजुर्वेद में विशेष क्या है ? यजुर्वेद में विभिन्न प्रकार के यज्ञों की चर्चाएं हैं। कर्मकांड है। यजुर्वेद का तात्पर्य ऋग्वेद से प्राप्त ज्ञान को, विचारों को कार्य में परिणत करके अभीष्ट की सिद्धि कैसे प्राप्त हो ? इसका विवरण है। कर्म का सोपान चढ़ने के लिए जो प्रेरित करता है ,जो कर्म वेद है, […]

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आज का चिंतन

यजुर्वेद का निचोड़ है इस मंत्र में

वैसे तो यजुर्वेद का प्रत्येक मंत्र ही अपने आप में विशिष्टता लिए हुए है। परंतु मेरा मानना है कि यजुर्वेद के 22 वें अध्याय का 33 वां मंत्र पूरे यजुर्वेद का निचोड़ है । यदि जीवन में इस मंत्र की भावना को अंगीकार कर लिया जाए तो निश्चित ही आशातीत सफलता प्राप्त होती है । […]

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आज का चिंतन

बुद्धिमान लोग धन आदि का नाश नहीं करते : स्वामी विवेकानंद परिव्राजक

मनुष्य के पास अनेक प्रकार की संपत्तियां होती हैं। धन बल विद्या बुद्धि समय इत्यादि। *”कुछ मनुष्य बुद्धिमान होते हैं, जो हर वस्तु को सोच समझकर खर्च करते हैं। कुछ लोग इतने बुद्धिमान नहीं होते, उनमें बुद्धि या ज्ञान की कमी होने के कारण वे उक्त वस्तुएं यूं ही नष्ट करते रहते हैं।”* बाद में […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति तृतीय – खण्ड अध्याय – मुसलमान और आर्यशास्त्र

गतांक से आगे…. इस तरह से मुसलमानों ने संस्कृत भाषा के द्वारा अपने भाव, अपने विचार और विश्वासों को हमारे भावों, विचारों और विश्वासों में भरा है और हमारी संस्कृति में क्षोभ पैदा कर दिया है इसी तरह उनके दूसरे दल ने गुरु बनकर और देसी भाषा में नये-नथे ग्रन्थ रचकर भी हिन्दुओं के विश्वासों […]

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आज का चिंतन

बोलचाल में बुद्धिमत्ता और सभ्यता का प्रयोग अवश्य करें : परिव्राजक

*”व्यक्ति सुबह जब से जागता है, तभी से वह बोलना आरंभ कर देता है। और रात्रि को सोने तक पूरे दिन वह बोलता ही रहता है। जो भी व्यक्ति उसे मिलता है, उसी के साथ वह कुछ न कुछ बातें करता ही रहता है।”* प्रायः लोगों में एक प्रवृत्ति और देखी जाती है, कि *”वे […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

बाबू जगजीवन राम किसी जाति विशेष के नहीं बल्कि राष्ट्र की धरोहर थे

बाबू जगजीवन राम की आज जयंती के रूप में हम उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं । बाबू जगजीवन राम भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और उसके पश्चात की राजनीति के एक महान नक्षत्र हैं। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत के लोगों ने बड़े नेताओं को भी जाति बिरादरी में बांट लिया है। इससे […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

हिंदवी स्वराज्य के प्रणेता छत्रपति शिवाजी के लिए राष्ट्र सर्वोपरि था

वीर शिरोमणि मराठा शूर शिवाजी की 342वी जयंती पर विशेष आलेख। 3 अप्रैल 1680 को रायगढ़ के किले में शिवाजी का महाप्रयाण हुआ। कुछ इतिहासकारों के अनुसार उनका निधन टाइफाइड से हो गया था और आखिरी 3 दिन में तेज बुखार से ग्रस्त थे ।कुछ इतिहासकार इस को जहर देकर उनकी हत्या करना भी मानते […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक संपत्ति ; तृतीय खण्ड, अध्याय – मुसलमान और आर्यशास्त्र

गतांक से आगे… जिसको इन बातों के जाने की न तो फुर्सत है न जरूरत है, उसे नहीं मालूम कि हमारी वास्तविक दशा क्या है, हमारे प्राचीन वैदिक धर्म क्या है और हमारा प्राचीन आर्य आदर्श क्या है ? अभी गत पृष्ठों में हमने दो जातियों के द्वारा शास्त्रविध्वंस का वर्णन किया और दिखलाया दिया […]

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