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आतंकवाद विशेष संपादकीय

आतंकवादी और देश के धर्मनिरपेक्ष नेता

वर्ष 1943 में तत्कालीन राजा हरि सिंह के खिलाफ शेख अब्दुल्ला को भड़का कर राजा की खिलाफत नेहरू ने कश्मीर में कराई थी।कश्मीर में जो समस्या जवाहरलाल नेहरू ने बोई थी उसका दन्श आज तक यह देश झेल रहा है। कांग्रेस का पतन होने का एक कारण यह भी है कि वह सदैव से देश […]

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आज का चिंतन

नारद और पूर्णिमा का रहस्य

बहुत सारे साथियों को आज नारद जी को स्मरण करते हुए सुना है तथा उनके संदेश भी पढ़े हैं।ऐसा संदेश पढ़कर सुनकर मुझे ऐसी अनुभूति हो रही है कि मैं नारद जी के विषय में जो सत्य है उसका निरूपण करूं। वास्तव में नारद कौन हैं? क्या कोई मनुष्य है या कोई ऋषि है अथवा […]

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आज का चिंतन

मैं अपनी पूर्ण क्षमता के साथ अंधकार से लडूंगा ……

पूरे दिन स्वयं को जलाकर उच्चतम तपिश को झेलने के पश्चात अपने प्रकाश को पृथ्वी के भूभाग पर फैलाने के बाद और अंधेरे को दूर भगा कर अपनी यात्रा के अवसान पर सूर्य देव के मन में एक प्रश्न उठ रहा था, बार बार उसको परेशान और उद्वेलित कर रहा था प्रश्न कि मेरे अस्त […]

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इतिहास के पन्नों से

1857 की क्रांति और धन सिंह कोतवाल

1857 की क्रांति के महानायक धन सिंह कोतवाल और उनके क्रांतिकारी साथी एवं महर्षि दयानंद का विजय सिंह पथिक व अन्य सेनानियों का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में योगदान । 10 मई 1857 की प्रातः कालीन बेला। स्थान मेरठ । जिस वीर नायक ने इस पूरे स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण एवं क्रांतिकारी भूमिका निभाई थी वह […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत के पराधीनता के काल का संक्षिप्त इतिहास

14 फरवरी 1483 को बाबर का जन्म हुआ। जो दिनांक 17 नवंबर 1525 ई0 को पांचवीं बार सिंध के रास्ते से भारत आया था। जिसने 27 अप्रैल 1526 को दिल्ली की बादशाहत कायम की। 29 जनवरी 1528 को राणा सांगा से चंदेरी का किला जीत लिया। लेकिन 4 वर्ष पश्चात ही दिनांक 30 दिसंबर 1530 […]

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इतिहास के पन्नों से

महर्षि और रानी लक्ष्मीबाई की भेंट

सन्‌ 1855 ई. में स्वामी जी फर्रूखाबाद पहुंचे। वहॉं से कानपुर गये और लगभग पॉंच महीनों तक कानपुर और इलाहाबाद के बीच लोगों को जाग्रत करने का कार्य करते रहे। यहॉं से वे मिर्जापुर गए और लगभग एक माह तक आशील जी के मन्दिर में रहे। वहॉं से काशी जाकर में कुछ समय तक रहे.स्वामीजी […]

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इतिहास के पन्नों से

बहादुर शाह जफर और 1857 क्रांति

बहादुर शाह ज़फर (1775-1862) भारत में मुग़ल साम्राज्य के आखिरी शहंशाह, और उर्दू के जानेे-माने शायर थे। उन्होंने 1857 का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय सिपाहियों का नेतृत्व तो किया मगर काफी हील हुज्जत के बाद ,क्योंकि तब तक उनको बुढ़ापा आ चुका था ,उनका उत्साह पुराना हो चुका था। युद्ध में हार के […]

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इतिहास के पन्नों से

हल्दीघाटी का युद्ध , महाराणा प्रताप और चेतक

स्वाभिमान के पुरोधा अनुपम योद्धा महाराणा प्रताप की 482 वी‌ जयंती पर विशेष   भारत के स्वाभिमान के प्रतीक महाराणा प्रताप की 482 वी जयंती के पावन अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। हल्दीघाटी के मैदान में युद्ध करने की योजना महाराणा प्रताप ने गोगुंदा के किले में रहते हुए बनाई थी। जब मेवाड़ […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ती तृतीय – खण्ड अध्याय – मुसलमान और आर्यशास्त्र

गतांक से आगे… खोजों के मुकदमे में इनके धर्म- प्रचार का जो ढंग जजों ने वर्णन किया है, वही तरीका इस विद्यालय की इस शिक्षाप्रणाली में पाया जाता है और इनका वही ढंग हम यहां भारत में भी देख रहे हैं। इन्होंने इस्लाम धर्म के प्रचार के लिए जो ग्रन्थरचना की है और हिन्दू बनकर […]

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आज का चिंतन

मां गंगा का अवतरण,महर्षि परशुराम का जन्मदिन ,

मां गंगा का अवतरण,महर्षि परशुराम का जन्मदिन ,मां अन्नपूर्णा का जन्म, द्रौपदी का चीर हरण, कृष्ण सुदामा का मिलन ,कुबेर को आज के दिन खजाना मिलना, सतयुग त्रेता युग का प्रारंभ होना, ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय का अवतरण, प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बद्रीनारायण का कपाट खोलना, बांके बिहारी मंदिर में केवल आज ही के दिन […]

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