गतांक से आगे… जिस प्रकार कबीर साहब गुरु बन गए थे, उसी तरह अकबर बादशाह भी गुरु बनना चाहता था। उसने यह प्रसिद्ध कर दिया था कि, मैं पूर्व जन्म का हिंदू हूं और मेरा नाम मुकुन्द ब्रह्मचारी था। उसने मुकुन्द ब्रह्मचारी होने की पुष्टि में जो श्लोक बनाया था वह इस प्रकार है – […]
लेखक: देवेंद्र सिंह आर्य
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।
आज यह सवाल बहुत महत्वपूर्ण हो गया है कि रेहडी लगाने वाला यासीन मलिक 150 करोड़ की संपत्ति का मालिक कैसे बन गया ? इसका उत्तर केवल एक है कि उसने इतनी ऊंचाई इस्लाम के फंडामेंटलिज्म के आधार पर काम करते हुए पाई। कभी जिस काम को बादशाह के रूप में इस देश में औरंगजेब […]
कुछ संख्याएं हिंदू समाज में प्रसिद्ध हो गई हैं जिनका कोई वास्तविक आधार नहीं है, जैसे 8400000 योनियां! योनियां अनंत है क्योंकि जीवात्मा भी असंख्य हैं, पृथ्वी पर ही कितने प्रकार के प्राणी हैं कोई नहीं गिन सकता ,तो 8400000 की संख्या में समेट देना तथ्य, तर्क के आधार पर संगत नहीं लगता ,फिर भी […]
जब से ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद शुरू हुआ है, तब से रिलिजियस वरशिप एक्ट 1991 की खूब चर्चा हो रही है… खास कर इस का जिक्र अस्सुद्दीन ओबैसी खूब कर रहे है… इस कानून को लेकर काफी लोग भ्रमित भी है… इस कानून के संबंध में काफी कुछ झूठ भी फैलाया जा रहा है… टीवी […]
गतांक से आगे… इसके आगे मुसलमानी धर्म में सब को लाने के लिए लिखा है कि- चीला छोड़ो न दीन का धांचा मत खाव, सुनो बटाऊ बाबरे मत भूल न जाव। सांचा दीन रसूल का सो तमे सही करिजाणों, जो कोई आवे दीन में उनको दीन में आणों।। अर्थात् हे मुसाफिर! सुन। भूलना नहीं, धोखा […]
वर्ष 1943 में तत्कालीन राजा हरि सिंह के खिलाफ शेख अब्दुल्ला को भड़का कर राजा की खिलाफत नेहरू ने कश्मीर में कराई थी।कश्मीर में जो समस्या जवाहरलाल नेहरू ने बोई थी उसका दन्श आज तक यह देश झेल रहा है। कांग्रेस का पतन होने का एक कारण यह भी है कि वह सदैव से देश […]
बहुत सारे साथियों को आज नारद जी को स्मरण करते हुए सुना है तथा उनके संदेश भी पढ़े हैं।ऐसा संदेश पढ़कर सुनकर मुझे ऐसी अनुभूति हो रही है कि मैं नारद जी के विषय में जो सत्य है उसका निरूपण करूं। वास्तव में नारद कौन हैं? क्या कोई मनुष्य है या कोई ऋषि है अथवा […]
पूरे दिन स्वयं को जलाकर उच्चतम तपिश को झेलने के पश्चात अपने प्रकाश को पृथ्वी के भूभाग पर फैलाने के बाद और अंधेरे को दूर भगा कर अपनी यात्रा के अवसान पर सूर्य देव के मन में एक प्रश्न उठ रहा था, बार बार उसको परेशान और उद्वेलित कर रहा था प्रश्न कि मेरे अस्त […]
1857 की क्रांति के महानायक धन सिंह कोतवाल और उनके क्रांतिकारी साथी एवं महर्षि दयानंद का विजय सिंह पथिक व अन्य सेनानियों का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में योगदान । 10 मई 1857 की प्रातः कालीन बेला। स्थान मेरठ । जिस वीर नायक ने इस पूरे स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण एवं क्रांतिकारी भूमिका निभाई थी वह […]
14 फरवरी 1483 को बाबर का जन्म हुआ। जो दिनांक 17 नवंबर 1525 ई0 को पांचवीं बार सिंध के रास्ते से भारत आया था। जिसने 27 अप्रैल 1526 को दिल्ली की बादशाहत कायम की। 29 जनवरी 1528 को राणा सांगा से चंदेरी का किला जीत लिया। लेकिन 4 वर्ष पश्चात ही दिनांक 30 दिसंबर 1530 […]