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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति : तृतीय खण्ड : अध्याय – ईसाई और आर्यशास्त्र

गतांक से आगे… होमरूल लीग से पृथक् लो ० तिलक ने तो अपनी एक अलग संस्था निकाली । महात्मा गांधी भी कुछ काम करना ही चाहते थे और इसके लिए केवल देश का वातावरण ही देख रहे थे । इतने में हिंदू यूनिवर्सिटी का उत्सव हुआ । इसी में महात्मा गांधी के कार्य का भविष्य […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति तृतीय खण्ड अध्याय -ईसाई और आर्यशास्त्र

गतांक से आगे… इस तरह से उस नवीन शिक्षक के द्वारा शिक्षा दिलाकर संसार को ईसाई धर्म के अनुकूल बनाने और सब धर्मों में ईसाइयत का शासन जमाने का उत्तम साधन किया गया । परन्तु पाप की नाव बहुत दिन तक नहीं चलती । भूतप्रेत दिखलानेवाले यंत्रों का भण्डाफोड़ खुद उसी आर्टिस्ट ने कर दिया […]

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धर्म-अध्यात्म

योग दिवस 21 जून का भारतीय योग परंपरा में महत्व एवं औचित्य

भारतवर्ष शनै: शनै ;अपने प्राचीन गौरव को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है ।एक दिन निश्चित रूप से भारत विश्व गुरु के पद को पुनः सुशोभित करेगा ।ऐसा वर्तमान काल में आभासित होने लगा है। आज 21 जून है। आज के दिन उत्तरी गोलार्ध में पृथ्वी की गति के कारण सूर्य का प्रकाश अधिकतम समय […]

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महत्वपूर्ण लेख

भारत के राष्ट्रपति का चुनाव : प्रक्रिया और राष्ट्रपति पद का महत्व

इस समय देश के जनमानस की निगाहें रायसीना हिल्स की ओर हैं। देखना केवल एक ही है कि भारत के गणतंत्र के प्रतीक इस सोने के पिंजरे अर्थात राष्ट्रपति भवन में रहने के लिए भारत के 16 राष्ट्रपति के रूप में किसका नाम लिया जाता है ? इस कार्य के लिए चुनावी हलचल है बड़ी […]

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आतंकवाद इतिहास के पन्नों से

इस्लाम के अत्याचार और विश्व सभ्यताओं का विनाश

विश्व प्रसिद्ध लेखक अनवर शेख ने इस्लाम के विषय में लिखा है कि यह हिंसा और संभोग से आगे कुछ नहीं सोचता। तलवार के बल पर मानवता का हत्यारा बनकर इस मजहब ने अब तक करोड़ों लोगों को मारने का अपराध किया है। यदि मोहम्मद साहब के समय की बात की जाए तो उन्होंने भी […]

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आज का चिंतन

निर्जला एकादशी व्रत की वास्तविकता

निर्जला एकादशी व्रत की वास्तविकता को समझने से पहले हम यह जान लें निर्जला एकादशी व्रत क्या है? आज निर्जला एकादशी व्रत है। एकादशी यद्यपि 10 जून और 11 जून दोनों दिन की है ,लेकिन व्रत आज ही 10 जून कब मनाया जा रहा है। निर्जला एकादशी व्रत सभी एकादशियों में सबसे बड़ी एकादशी मानी […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति, तृतीय खण्ड : अध्याय – ईसाई और आर्यशास्त्र

गतांक से आगे….. हम पहिले ही लिख आए हैं कि, कोलब्रुक आदिकों ने वेदों को प्राप्त करना चाहा था, पर द्रविड़ो ने उन्हें ठग लिया और वेदों को न दिया। किंतु पादरियों ने सोचा कि लोभी द्रविडों को रुपया देकर बाइबिल के सिद्धांतों को संस्कृत में लिखवा कर एक वेद तैयार करना चाहिए। वही किया […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति : तृतीय खण्ड ,: यूरोप निवासी ईसाई और आर्य लोग

गतांक से आगे….. चौथी यूरोपनिवासिनी ईसाई जाती है, जिसने भारत में आकर आर्यों के रहे रहे विश्वासों को बदलने और वैदिक साहित्य के द्वारा अपने सिद्धांतों का प्रचार करने के लिए महान प्रयत्न किया हैं।यद्यपि ईसाई जाति ने इस देश को बहुत बड़ी हानि पहुंचाई है, परन्तु हम यहां वह सब नहीं लिखना चाहते हैं। […]

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इसलाम और शाकाहार

मुहम्मद स्वयं हिन्दू ही जन्मे थे, होती थी महादेव की पूजा, इसके तथ्य भी हैं मौजूद

इराक का एक पुस्तक है जिसे इराकी सरकार ने खुद छपवाया था। इस किताब में 622 ई से पहले के अरब जगत का जिक्र है। आपको बता दें कि ईस्लाम धर्म की स्थापना इसी साल हुई थी। किताब में बताया गया है कि मक्का में पहले शिवजी का एक विशाल मंदिर था जिसके अंदर एक […]

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इतिहास के पन्नों से

स्वतंत्रता सेनानी विजय सिंह पथिक की 68 वी पुण्यतिथि पर विशेष आलेख

देवेंद्र सिंह आर्य (एडवोकेट) (चेयरमैन ‘उगता भारत’ समाचार पत्र) पश्चिम उत्तर भारतवर्ष, वर्तमान के देश पाकिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान ,जॉर्जिया आदि देशों में एक जाति पाई जाती है जिसको जुज्र कहा जाता था जिसके नाम पर रूस के तथा कश्यप सागर के पश्चिम में जॉर्जिया देश अवस्थित है। इसी का अपभ्रंश करके गुर्जर कहते […]

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