गतांक से आगे….. यहाँ तक हमने विदेशियों द्वारा नवीन सम्प्रदायों का प्रवर्तन और वैदिक साहित्य का विध्वंस दिखलाया । अब हम यह समस्त कथा यहीं पर समाप्त करते हैं । इतने ही वर्णन से अनुमान करने के लिए मौका न छोड़ना चाहिये और तुरन्त ही यह बात ध्यान में ले लेना चाहिये कि जब दीर्घकाल […]
लेखक: देवेंद्र सिंह आर्य
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।
जो मिथ्याज्ञान में विचरण करते हैं, जो अज्ञान रूपी अंधकार में पड़े होते हैं, अर्थात जो मूढ होते हैं वह गूढ़(वैदिक शिक्षा के रहस्य को) को न समझ कर रूढ़(सामान्यतः प्रचलन) की बात करते हैं, ऐसे मूढ लोगों से क्षमा चाहते हुए विचारवान विद्वान , सत्यान्वेषी, सत्यपारखी ,सत्यग्रही, लोगों के समक्ष एक प्रकरण उद्धत करना […]
ईशोपनिषद का मंत्र है कि :- ॐ असुर्या नाम ते लोका अन्धेन तमसाऽऽवृताः। ताँस्ते प्रेत्याभिगच्छन्ति ये के चात्महनो जनाः॥३॥ इसका भावार्थ है कि इस संसार में रहते हुए जो अज्ञान अंधकार में भटकते हैं, आत्मा का हनन करते हैं, वे मृत्यु के पश्चात ऐसे लोकों में जन्म लेते हैं जिनमें सूर्य के दर्शन भी […]
गतांक से आगे…… हमने यहाँ तक यह थोड़ी सी किन्तु देर तक गौर करने योग्य बात ईसाइयों , ईसाई शासकों और ईसाई थियोसो फिस्ट की लिखी है । यह वर्तमान जमाने की बात है , जो सबके सामने है , तो भी कितनी पेंचदार है ? पढ़े लिखे हिन्दू , पारसी , मुसलमान आदि सभी […]
आपका अपना समाचार पत्र ‘उगता भारत’ अपने 12 वर्ष पूर्ण कर 13 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। 12 वर्ष का यह काल कई उतार-चढ़ावों को लेकर आया, परंतु पाठकों का सतत प्यार और आशीर्वाद हमको प्राप्त होता रहा, उसके फलस्वरूप यह समय कब गुजर गया, पता ही नहीं चला। किसी भी समाचार पत्र […]
ईद के अवसर पर दी जा रही निरीह प्राणियों की बलि के अवसर पर विशेष आज मेरा हृदय बहुत ही व्यथित है, क्योंकि आज बहुत सारे निरीह, निरपराध,मूक प्राणियों यथा ऊंट, बकरा, मेंढें, गाय आदि का वध ‘अल्लाह’ के नाम पर किया जाएगा। सचमुच कैसी विडंबना है अल्लाह के नाम पर मूक प्राणियों का वध […]
गतांक से आगे.. स्वामी विवेकानन्द की इस वक्तृता से स्पष्ट हो जाता है कि , थियोसोफिस्ट भारत का उत्कर्ष नहीं चाहते । उनका उद्देश्य तो संसार को ईसाई बनाना है । एनी बीसेंट सब धर्मावलम्बियों को थियोसोफी में केन्द्रित करके ईसा को संसार का धर्मगुरु मनवाने का यत्न करती हैं और कृष्णमूर्ति को ईसा का […]
धर्म और संस्कृति पर जब-जब भी आपदा आई है तब तब मां भारती ने अनेक ऐसे शूरवीर धर्मवीर पैदा किए हैं जिनके कारण जनेऊ और चोटी की वैदिक संस्कृति की रक्षा हो सकी है। ऐसा ही एक धर्मवीर बालक 1719 में पैदा हुआ था । उस समय दिल्ली पर मुगल बादशाह मोहम्मद शाह रंगीला का […]
राष्ट्रपति पद के लिए होने जा रहे चुनाव की कहानी अब बड़े रोचक दौर में पहुंच चुकी है। अभी राजनीतिक दल बड़ी तेजी से अपना ध्रुवीकरण कर रहे हैं। फिलहाल राजग की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है। उनकी स्थिति दिन प्रतिदिन मजबूत होती जा रही है और विपक्ष के संयुक्त […]
लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मीडिया व्यवस्थापिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका की गतिविधियों और कार्यशैली पर नजर रखने वाला शिवजी रूपी राष्ट्र का तीसरा नेत्र है। यदि किसी की भी भूमिका में कहीं थोड़ी सी भी कमी या चूक होती दिखाई देती है तो मीडिया की सजग और सावधानी से भरी आंखें उसे तुरंत पकड़ लेती हैं। […]