अथर्व वेद बहुत से लोगों का ख्याल है कि , अथर्ववेद ऋगादि तीनों वेदों के बाद बना है । वे अपने इस विचार की पुष्टि में दो दलीलें पेश करते हैं । वे कहते हैं कि , एक तो अनेकों जगह त्रयीविद्या का ही नाम आता है और ऋग्वेद , यजुर्वेद , सामवेद ही के […]
Author: देवेंद्र सिंह आर्य
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।
1947 में भारतीय राष्ट्रभाषा के विषय पर चर्चा हो रही थी …. जब पाकिस्तान ने उर्दू को राष्ट्रीय भाषा बनाया था….उस समय दक्षिण भारत से एक व्यक्ति सामने आया जिसका नाम था अन्ना दुरई … वह एक communist थे…उनका ज्यादा जन-आधार नहीं था…परन्तु उनके एक वक्तव्य ने उनको इतना जन-आधार दिया कि वो पूरे दक्षिण […]
दसवां प्रश्न कांग्रेस के पापों की कहानी का अंत यूं तो अभी बहुत समय पश्चात होना संभावित है परंतु जब धारा 370 को हटाया गया तो इसके एक बड़े पाप का निवारण उस समय अवश्य हो गया था। अब हम संविधान की आपत्तिजनक धारा 370 और 35a को हटाने की कहानी पर विचार करते हैं। […]
हम सभी भली प्रकार जानते हैं कि महात्मा गांधी ने सरदार भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों को फांसी से बचाने का गंभीर प्रयास नहीं किया था । इसका कारण केवल एक था कि वह और उनकी पार्टी कांग्रेस इन क्रांतिकारियों को क्रांतिकारी या स्वाधीनता संग्राम का सेनानी न मानकर आतंकवादी मानती थी अर्थात क्रांतिकारियों […]
आठवां प्रश्न मूल संविधान में सेकुलर शब्द नहीं था। इंदिरा गांधी ने इस शब्द को भारत के संविधान में 1976 में संविधान के 42 वें संशोधन के अंतर्गत स्थापित किया। इस शब्द का अर्थ हिंदी में यदि पंथनिरपेक्ष रखा गया होता तो बहुत ही अच्छा होता परंतु कांग्रेसियों ने इसका अर्थ धर्मनिरपेक्ष कर दिया। जिस […]
छठा प्रश्न भारत के पास मर्यादा पुरुषोत्तम राम एक ऐसी जगह विख्यात शख्सियत हैं जिन्हें संसार के सभी देशों में जाना जाता है। मर्यादा पुरुषोत्तम राम चंद्र जी महाराज को सारे संसार में इसलिए भी जाना जाता है कि उनका राज्य सारे संसार में फैला हुआ था। इतिहास के भीतर दर्ज साक्ष्यों से यह भी […]
तीसरा प्रश्न अभी हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लोगों का आवाहन किया कि घर-घर तिरंगा फहराया जाए। इस पर कांग्रेसी नेतृत्व की ओर से जो प्रतिक्रिया आई वह उचित नहीं कही जा सकती। कांग्रेस के नेतृत्व का कहना था कि भारतीय जनता पार्टी और उसके मूल संगठन आरएसएस के द्वारा 1947 से […]
कांग्रेस और उसके नेताओं ने देश को एक ऐसी मूर्खता पूर्ण अवधारणा प्रदान की जिसके सहारे हमारा अपना बौद्धिक संपदा संपन्न देश अपनी चाल को ही भूल गया। इस मूर्खता पूर्ण अवधारणा का नाम स्वतंत्र भारत में धर्मनिरपेक्षता माना गया। जिसका अभिप्राय है कि जिससे धर्म की अपेक्षा ही नहीं की जा सकती। ऐसी धारणा […]
भारतवर्ष में आर्य समाज की स्थापना हुई तो अंग्रेजों ने आर्य समाज जैसे राष्ट्रवादी संगठन को पंखविहीन करने के उद्देश्य से प्रेरित होकर कॉन्ग्रेस की स्थापना अपने एक सेवानिवृत्त अधिकारी ए ओ ह्यूम से करवाई थी। 1857 की क्रांति में महर्षि दयानंद और उनके लोगों ने जिस प्रकार मिलकर धूम मचाई थी उसके चलते अंग्रेजों […]
वैदिक संपत्ति : वेद और ब्राह्मण
गतांक से आगे …. वेद और ब्राह्मण प्राचीन काल में वेद शब्द बड़े महत्व का समझा जाता था । जिस प्रकार शास्त्र शब्द किसी समय अनेक विषयों के लिए प्रयुक्त होने लगा था और धर्मशास्त्र , ज्योतिषशास्त्र आदि नामों से अनेकों विद्याएँ कही जाती थीं , जिस प्रकार किसी जमाने में सूत्रों का महत्व बढ़ा […]