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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति भाग- 352 (चतुर्थ खण्ड) – अर्थ की प्रधानता

(यह लेख माला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की पुस्तक वैदिक सम्पत्ति नामक से अपने सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।) प्रस्तुति -देवेंद्र सिंह आर्य चैयरमेन- ‘उगता भारत’ गतांक से आगे …. आ र्यसभ्यता की प्रधान चार आधारशिलाओं में मोक्ष को ही भाँति अर्थ की भी प्रधानता है। अर्थ का ही दूसरा नाम […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति भाग- 351 जाति,आयु और भोग

(यह लेख माला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की पुस्तक वैदिक सम्पत्ति नामक से अपने सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।) प्रस्तुति -देवेंद्र सिंह आर्य चैयरमेन- ‘उगता भारत’ गतांक से आगे …. यदि गीता के कर्मयोग के अनुसार कर्म से ही मोक्ष हो जाता, तो कर्मयोग के उपदेश करनेवाले स्वयं कृष्ण ही क्यों […]

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आओ कुछ जाने

भारत की वर्ण व्यवस्था बनाम जाति व्यवस्था

अमैथुनी सृष्टि में चार ऋषि हुए जिन्होंने ब्रह्मा को ज्ञान दिया तत्पश्चात मैथुनी सृष्टि प्रारंभ हुई और ऋषियों की संतान होने के कारण सर्ग के प्रारंभिक काल में सभी ब्राह्मण थे क्योंकि ऋषियों की संतान थे। जैसे-जैसे ब्राह्मणों को अपनी तथा धर्म की रक्षा करने के लिए आवश्यकता हुई तो उन्होंने कुछ रक्षक (छत्रियां) बना […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक संपत्ति- 350 जाति, आयु और भोग

(ये लेखमाला हम पं. रघुनंदन शर्मा जी की ‘वैदिक संपत्ति’ नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं) प्रस्तुतिः देवेन्द्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’) गतांक से आगे … इसी तरह बिना दुःखों को हटाए और बिना परमात्मा को प्राप्त किये आनन्द भी नहीं मिल सकता । न्यायशास्त्र मैं गौतम […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति भाग- 349 जाति,आयु और भोग

(यह लेख माला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की पुस्तक वैदिक सम्पत्ति नामक से अपने सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।) प्रस्तुति -देवेंद्र सिंह आर्य चैयरमेन- ‘उगता भारत’ गतांक से आगे …. हम देखते हैं कि संसार में जो कुछ सत् शिक्षा है, जो अध्ययन अध्यापन है और जो कुछ उपदेश है, वह […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति भाग- 348 जाति,आयु और भोग

(यह लेख माला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की पुस्तक वैदिक सम्पत्ति नामक से अपने सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।) प्रस्तुति -देवेंद्र सिंह आर्य चैयरमेन- ‘उगता भारत’ गतांक से आगे …. कि न्तु वैदिकों के मत से ये दोनों दलीलें जिज्ञासु को उलझन में डालकर मोक्ष के अनुदान ही से उपेक्षा दिलानेवाली […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति भाग- 347 जाति,आयु और भोग

(यह लेख माला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की पुस्तक वैदिक सम्पत्ति नामक से अपने सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।) प्रस्तुति -देवेंद्र सिंह आर्य चैयरमेन- ‘उगता भारत’ गतांक से आगे …. इ स पर हमारा नम्र निवेदन इतना ही है कि यह वेदो का सिद्धांत है, इसलिए केवल पुनरावर्तन की दलील से […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति भाग- 345 जाति,आयु और भोग

(यह लेख माला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की पुस्तक वैदिक सम्पत्ति नामक से अपने सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।) प्रस्तुति -देवेंद्र सिंह आर्य चैयरमेन- ‘उगता भारत’ गतांक से आगे …. बृहदारण्यक उपनिषद् में लिखा है कि ‘तेन धीरा अपि यन्ति ब्रह्मविदः स्वर्गलोकमित ऊष्य विमुक्ताः’ अर्थात् ब्रह्मज्ञानी पुरुष मुक्त होकर ऊपर की […]

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भारतीय संस्कृति

श्रद्धेय पिता श्री की 34 वीं पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि

आज 13 सितंबर है अर्थात हमारे पूज्य पिताजी महाशय राजेंद्र सिंह आर्य जी की पुण्यतिथि। 13 सितंबर 1991 को आज ही के दिन उनका परलोक गमन हो गया था। सितंबर माह आरंभ होते ही उनकी स्मृतियां चित्त पर उभरने लगती हैं। अपने आप से ही संवाद होने लगता है। मन कभी अतीत को कुरेदता है […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति भाग- 344 जाति,आयु और भोग

(यह लेख माला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की पुस्तक वैदिक सम्पत्ति नामक से अपने सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।) प्रस्तुति -देवेंद्र सिंह आर्य चैयरमेन- ‘उगता भारत’ गतांक से आगे …. दू सरा कारण आनन्द का यह कि परमेश्वर की प्राप्ति से सब शंकाएं निवृत्त हो जाती हैं और संसार की कोई […]

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