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भारतीय संस्कृति

स्वामी दयानंद जी महाराज और आर्योद्देश्यरत्नमाला

60 वर्ष की अल्पायु में महर्षि दयानंद ने अनेकों पुस्तकें तथा ग्रंथों की रचना की। एक एक पुस्तक को अलग-अलग पढ़ें तो आभास होता है कि प्रत्येक पुस्तक में ज्ञान की अमृत वर्षा की हुई है। हम पर बहुत ऋण है महर्षि दयानंद का। लेकिन आज मैं आर्योंदेश्यरत्नमाला पर आपका ध्यान आकर्षित कराना चाहूंगा जो […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति : वेदमंत्रों के उपदेश

(यह लेख माला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की “वैदिक सम्पत्ति” नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।) प्रस्तुति:- देवेंद्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’) गतांक से आगे….. इस प्रकार दिनचर्या का वर्णन करके अब नदावार से सम्बन्ध रखनेवाली उदारता अर्थात् दान का वर्णन करते हैं- तवोतिभिः सचनाना अरिष्टा […]

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विशेष संपादकीय

समान नागरिक संहिता पर ‘उगता भारत’ के सुझाव : समान नागरिक संहिता लागू करना समय की आवश्यकता

किसी भी राष्ट्र में विधि का प्रथम एवं परम उद्देश्य है – समाज में सामाजिक न्याय को स्थापित किया जाना। भारतवर्ष में भारतीय संविधान विधि का मूल स्रोत एवं मानक है अर्थात समस्त विधियां संविधान की अवधारणा को केंद्र में रखते हुए क्रियान्वित करने और वास्तविक स्वरूप देने में लगी हैं। इसमें दोनों प्रकार की […]

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भारतीय संस्कृति

21 जून का ऐतिहासिक और भौगोलिक महत्व तथा भारत की योग परंपरा

आज 21 जून है। आज के दिन उत्तरी गोलार्ध में पृथ्वी की गति के कारण सूर्य का प्रकाश अधिकतम समय के लिए पृथ्वी पर पड़ेगा ।इसलिए यह उत्तरी गोलार्ध का सबसे बड़ा दिन होगा। भारतवर्ष के लिए यह सबसे बड़ा एवं महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि इसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस के रूप में हमारे […]

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इतिहास के पन्नों से

हल्दीघाटी युद्ध की 447 वीं वर्षगांठ के अवसर पर: हल्दीघाटी के अमर विजेता महाराणा प्रताप

हल्दीघाटी के मैदान में युद्ध करने की योजना महाराणा प्रताप ने गोगुंदा के किले में रहते हुए बनाई थी। जब मेवाड़ और मुगलों के बीच संधि न हो पाई तो मानसिंह मुगलों की एक विशाल सेना लेकर महाराणा प्रताप पर चढ़ाई करने के लिए चल पड़ा। महाराणा प्रताप ने एक रणनीति के तहत हल्दीघाटी को […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति : मनुष्य मात्र के साथ हो समता का व्यवहार

वैदिक सम्पत्ति गतांक से आगे… इन मन्त्रों में मनुष्यमात्र के साथ समता का व्यवहार करने का उपदेश किया गया है। इस उपदेश में अच्छी तरह बतला दिया गया है कि समस्त मनुष्यों की सम्पत्ति, विचार और रहनसहन एक समान होना चाहिये, तभी सौ वर्ष तक लोग सुख से जी सकते हैं। समस्त मनुष्यों के साथ […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति , गतांक से आगे …

इससे स्पष्ट हो जाता है कि वैदिक शिक्षा में बड़े बूढ़ों के मान और सेवा के लिए कितना जोर दिया गया है। इस कौटुम्बिक व्यवहार के आगे हम दिखलाना चाहते हैं कि वेदों में अपने कुटुम्ब से सम्बन्ध रखनेवाले अन्य जातिबन्धुयो के लिये किस प्रकार सुख की कामना करने का उपदेश है। ऋग्वेद में लिखा […]

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समाज

महिला सशक्तिकरण, देश की राजनीति और देश की महिला पहलवान

किसी भी बिंदु पर दो विचारधाराएं होना और दो विचारधाराओं का टकराव होना प्राकृतिक नियम है। प्रत्येक विचारधारा की अपनी मान्यताएं, अपने नियम और अपनी कसौटियां तथा गुण विशेष हुआ करते हैं । विद्वान जगत की जहां तक बात है वह तो एक ईश्वर के मानने में भी भिन्न-भिन्न मान्यताएं रखता है अर्थात एक ईश्वर […]

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पर्व – त्यौहार

क्या निर्जला एकादशी जेष्ठ मास की शुक्ल पक्ष में मनानी चाहिए?

देवेंद्र सिंह आर्य चेयरमैन उगता भारत तप । तैत्तिरीय उपनिषद में मंत्र है कि ऋतं तप: सत्यम तपो दमस्तप: स्वाध्यायस्तप:। जिस का भावार्थ है कि हमको यथार्थ सद्भाव रखना, सत्य मानना, सत्य बोलना ,सत्य करना, मन को बुराइयों की ओर न जाने देना ,शरीर इंद्रियां और मन से शुभ कामों का करना, वेदादि सत्य शास्त्रों […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति : गतांक से आगे…

इस प्रकार से गृहस्थ की दशा का वर्णन करके अब गृहस्य के नित्य करने योग्य पंचमहायज्ञों का वर्णन करते हैं। यजुर्वेद में लिखा है कि– यद् ग्रामे यदरण्ये यत्सभायां यदिन्द्रिये । यदेनश्चकृमा वयमिदं तदवयजामहे ।। (यजुर्वेद 3/45) अर्थात् ग्राम में, जंगल में और सभा में हमने इन्द्रियों से जो पाप किया है, उसे इस यज्ञ […]

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