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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

एक महान देशभक्त नायक : सरदार वल्लभभाई पटेल

आज हम अपने महान इतिहास नायक सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 148वीं जयंती मना रहे हैं। कृतज्ञ राष्ट्र उनके प्रति नतमस्तक है। अपने जीवन काल में उन्होंने देश की एकता और अखंडता के लिए जिस प्रकार महान कार्य किये उनके समक्ष उनका समकालीन कोई भी नेता कहीं दूर-दूर तक भी टिकता हुआ दिखाई नहीं देता। […]

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आज का चिंतन

महर्षि पतंजलि कृत योगदर्शन के प्रथम अध्याय समाधिपाद के सूत्र 26 वें के आधार पर शंका एवं उनका समाधान

क्रमश: नवीं किस्त। शंका संख्या 83——- ईश्वर गुरुओं का गुरु कैसे हैं? समाधान —-संसार में आज तक जितने भी गुरु हुए हैं उन सब का गुरु ईश्वर है ।क्योंकि ईश्वर ने ही सृष्टि के प्रारंभ में चार वेदों का ज्ञान दिया ।वेदों के ज्ञान के बिना कोई भी व्यक्ति गुरु अथवा ज्ञानवान नहीं हो सकता […]

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पितृपक्ष की सार्थकता एवं वास्तविकता

श्राद्ध, तर्पण , दान सुपात्र को कुपात्र को नहीं, देव, देवी ,देवता, ऋषि,परम देव, मूर्ख,आदि पर आलेख। सुविख्यात अभिनेता अमिताभ बच्चन के पास एक प्रतिष्ठित संस्था गुरुकुल एवं सामाजिक संस्था के संचालक एवं अधिष्ठाता रवि कावरा जी बैठे हैं। तथा एक वीडियो इस विषय की बनाई गई। जब मैं वह वीडियो सुन रहा था तो […]

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इतिहास के पन्नों से

क्या हिन्दू शब्द मुस्लिम लाये थे ?

(नोट -कुछ दिनों पहले हैदराबाद निवासी हमारे प्रबुद्ध पाठक श्री विजय रेड्डी जी ने पूछा था कि क्या यहाँ के लोगों का हिन्दू नाम मुस्लिम हमलावरों ने रखा था ?उनको उत्तर केलिए हम अपने पुराने लेखों के अंश लेकर यह लेख दे रहे ,रेड्डी जी ” हिन्दू स्वराज्य स्वातंत्र्य महोद्यम ” नामकी संस्था के अध्यक्ष […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति : गतांक से आगे …..

जीविका, उद्योग और ज्ञानविज्ञान जीविका उत्पन्न करने के लिए सवको कृषि, पशुरक्षा और वाणिज्य का ही सहारा लेना पड़ता है। कृषि, पशुपालन और व्यापार पृथिवी की उपज से ही सम्बन्ध रखते हैं, इसलिए बिना भौगोलिक ज्ञान के जीविका का प्रश्न हल नहीं हो सकता । वेदों में भौगोलिक शिक्षा इस प्रकार दी गई है- पृच्छामि […]

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वैदिक सम्पत्ति : गताक से आगे…

इसके सम्बन्ध में वेद उपदेश करते हैं कि- शिवे ते स्तां द्यावापृथिवो असन्तापे अभिथियो । शं ते सूर्य आ तपतु शं वातो वातु ते ह्रदे । शिवा अभि क्षरन्तु त्वापो दिव्याः पयस्वतीः ।।14।। शिवास्ते सन्त्वोषधय उत् त्वाहार्थमधरस्या उत्तरां पृथिवीमभि । तत्र त्वादित्यों रक्षतां सूर्याचन्द्रमसावुभा ।। 15।। (अथर्व०8/2) अर्थात हे बालक ! तेरे लिए यह द्यौ […]

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चंद्रयान-3 की सफलता और भारत के सांस्कृतिक मूल्य

चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चंद्रमा पर लैंड करके भारतवर्ष ने अंतरिक्ष में एक नया इतिहास रच दिया। इसके लिए हमारे वैज्ञानिकों का कठोर परिश्रम ,धैर्य, लगन और कर्तव्य के प्रति निष्ठा के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी जी का तेजस्वी नेतृत्व और सभी देशवासियों का अपने वैज्ञानिकों पर पूर्ण भरोसा धन्यवाद और बधाई का पात्र है। इस दिशा […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति : गतांक से आगे…

शिर के विषय में वेद में लिखा है कि- तद्वा अथर्वणः शिरो देवकोशः समुब्जितः । तत् प्राणो अभिरक्षति शिरो अन्नमथो मनः ॥ (अथर्व० 10/2/27) अर्थात् ज्ञान का केन्द्र शिर है जो देवताओं का सुरक्षित कोश है। इस कोश की प्राण, मन और अन्न रक्षा करते हैं। ऐसे ज्ञानकोश शिर की वृद्धि के समय से गर्भिणी […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति : गतांक से आगे….

इन मंत्रों के द्वारा इस रहस्यपूर्ण कृत्य का वर्णन करके आगे वेद उपदेश करते हैं कि जब पति पत्नी गर्भस्थापन से निवृत्त हो जाय, तब वस्त्रों को धो डालें और दोनों स्नान करके गार्हपत्याग्नि में हवन करें तथा पति विनम्र भाव से परमेश्वर की इस प्रकार प्रार्थना करे कि विष्णुर्योनि कल्पयतु त्वष्टा रूपाणि पिशतु । […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति गतांक से आगे…

इन उपदेशों को अश्लील न समझना चाहिये । आगे इसी विवाहप्रकरण में गर्भाधानसंस्कार के लिए देता है कि- आ रोह तल्पं सुमनस्यमानेह प्रजां जनय पत्ये अस्मै। इन्द्राणीव सुबुधा बुध्यमाना ज्योतिरगरा उषसः प्रति जागरासि । (अथर्व० 14/2/31) देवा अग्रे न्यपद्यन्त पत्नी: समस्पृशन्त तन्वस्तनूभिः । सूर्येव नारि विश्वरूपा महित्वा प्रजावती पत्या सं भवेद् ॥ (अथर्व ० 14/2/32) […]

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