Categories
प्रमुख समाचार/संपादकीय

वेद, महर्षि दयानंद और भारतीय संविधान-37

भारतीय संस्कृति, दयानंद और संविधान के मूल अधिकारगतांक से आगे संसार में क्षुद्र से क्षुद्र कोई ऐसा प्राणी न मिलेगा, जो अपनी गतिविधि में प्रतिबंध को पसंद करे। सभी चाहते हैं कि उनकी गति निर्वाध रहे। वेद में मार्ग के संबंध में प्रार्थना है कि वह अनृक्षर अर्थात कांटों से रहित हो। कांटे मार्ग की बाधा […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

अन्ना और रामदेव भ्रष्टाचार दूर करने के लिए सरकार को बताएं लोकतंत्र को बना दो, विद्वानों का शासन

राकेश कुमार आर्यभगवान कृष्ण की गीता और हमारे वेद व्यक्ति को निष्काम कर्म का सदुपदेश देते हैं। निष्काम कर्म वे हैं जिन्हें व्यक्ति लोककल्याण के भाव से करता है और करने के बाद भूल जाता है। जब निष्कामता का यह भाव शासन का आधार बन जाता है तो वह शासन लोककल्याण कारी शासन बन जाता […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

पिता शब्द की धातु और निरूक्ति द्वारा व्याख्या

आचार्य ब्र.नंदकिशोरपिता- ‘पा रक्षणे’ धातु से ‘पिता’ शब्द निष्पन्न होता है। ‘य: पाति स पिता’ जो रक्षा करता है, वह पिता कहलाता है। यास्काचार्य प्रणीत निरूक्त में लिखा है-‘पिता पाता वा पालयिता वा’-नि. 4। 21। ”पिता-गोपिता”-नि. 6। 15 पालक, पोषक और रक्षक को पिता कहते हैं।पिता की महिमा व गरिमावैदिक शास्त्रों, मनुस्मृति वाल्मीकि रामायण, महाभारत […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

हिंदी के लिए बर्बादी का कारण बनी हिंग्लिश

राजेश कश्यपआजकल राष्ट्रभाषा हिन्दी बेहद नाजुक दौर से गुजर रही है। वैश्विक पटल पर अपनी प्रतिष्ठा को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए विभिन्न चुनौतियों से जूझ रही हिन्दी के समक्ष भारी धर्मसंकट खड़ा हो चुका है। इस धर्मसंकट का सहज अहसास भारत सरकार के गृह मंत्रालय और राजभाषा विभाग की सचिव वीणा उपाध्याय द्वारा गतवर्ष […]

Categories
राजनीति

राजनीति के रंग

जूते-घूंसे राजनीति ओछी गंदी है, उलटी सीधी बात चलें।कहीं पै जूते फिकते देखो, कहीं पै घूंसे लात चलें।।राजनीति है बड़ी निकम्मी, घात और प्रतिघात चलें।मुश्किल सच्चे इंसानों की, बोलो किसके साथ चलें।।कुरसी के जयकारेभाषण में कहते हैं नेता, देश के हम रखवाले हैं।मतदाता के हाथ जोड़ते, सब नेता मतवारे हैं।।नेताओं को प्यारी कुरर्सी, कुरसी को […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

सुशासन बाबू के किले में सुरंग

ढोल का पोल खुल गया है। यह कहावत बिहार में चरितार्थ हो रहा है। नीतीश कुमार के सुशासन के गुब्बारे में लगता है कि पिन लग गई है। ऐसा इसलिए कि मजबूत किलेबंदी के बावजूद नीतीश कुमार की लोकप्रियता के मिथ आजकल राष्ट्रीय मीडिया में टूट कर बिखर चुका है। इसकी पृष्ठभूमि पहले से ही […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

30 सितंबर को पचासवीं पुण्यतिथि पर विशेष

अंग्रेजों के शासन से मुक्ति के लिए जिन स्वदेश प्रेमी राष्ट्रभक्तों ने सतत संघर्ष किया-उनमें महात्मा गांधी, महामना पं. मदनमोहन मालवीय, लाला लाजपतराय, राजर्षि पुरूषोत्तम दास टंडन की श्रंखला में ही एक विभूति थे लाला हरदेवसहाय। इस महान विभूति ने अपना सर्वस्व स्वदेश, स्वदेशी व स्वाधीनता के लिए जीवन अर्पित कर भारतीय स्वाधीनता संग्राम के […]

Categories
राजनीति

भारत-चीन सीमा विवाद जल्द सुलझ सकता है

रक्षामंत्री एके एंटोनी ने कहा है कि चीन के साथ सीमा विवाद संबंधी विवाद को सुलझाने की बातचीत अंतिम चरण में है। रक्षा लेखा विभाग की वार्षिकी के मौके पर आयोजित समारोह में बोलते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि हर कोई इस तथ्य से परिचित है कि कई दौर की बातचीत के बाद भी सीमा […]

Categories
राजनीति

देश की स्थिति सचमुच चिंताजनक : चक्रपाणि

अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि जी महाराज ने कहा है कि वर्तमान समय में मनमोहन सिंह देश के सबसे असफल प्रधानमंत्री साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति कभी अपने विवेक से निर्णय ही नही ले पाया और जिसे एक रिमोट से एक महिला द्वारा दूर से चलाया गया उससे […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

क्यों जलाया गया था नालंदा विश्वविद्यालय?

एक सनकी और चिड़चिड़े स्वभाव वाला तुर्क मियां लूटेरा था बख्तियार खिलजी. इसने 1199 इसे जला कर पूर्णत: नष्ट कर दिया। उसने उत्तर भारत में बौद्धों द्वारा शासित कुछ क्षेत्रों पर कब्ज़ा कर लिया था. एक बार वह बहुत बीमार पड़ा उसके हकीमों ने उसको बचाने की पूरी कोशिश कर ली। मगर वह ठीक नहीं […]

Exit mobile version