पोंटी चड्ढा के बारे में बहुत सारे लोग बहुत कुछ जानते होंगे लेकिन हाल में ही आपसी रंजिश का शिकार हुए शराब माफिया पोंटी चड्ढा के बारे में बहुत कम लोग यह जानते होंगे कि दिल्ली की जन परिवहन सेवा में भी उसका बड़ा दखल हो गया था। पोन्टी चड्ढा ने दिल्ली के तीन बस […]
Author: अमन आर्य
पोंटी चड्ढा के बारे में बहुत सारे लोग बहुत कुछ जानते होंगे लेकिन हाल में ही आपसी रंजिश का शिकार हुए शराब माफिया पोंटी चड्ढा के बारे में बहुत कम लोग यह जानते होंगे कि दिल्ली की जन परिवहन सेवा में भी उसका बड़ा दखल हो गया था। पोन्टी चड्ढा ने दिल्ली के तीन बस […]
शहीद ऊधम सिंह की जयंती पर विशेष
मैं परवाह नहीं करता, मर जाना कोई बुरी बात नहीं है। क्या फायदा है यदि मौत का इंतजार करते हुए हम बूढ़े हो जाएँ? ऐसा करना कोई अच्छी बात नहीं है। यदि हम मरना चाहते हैं तो युवावस्था में मरें। यही अच्छा है और यही मैं कर रहा हूँ।मैं अपने देश के लिए मर रहा […]
शहीद ऊधम सिंह की जयंती पर विशेष
मैं परवाह नहीं करता, मर जाना कोई बुरी बात नहीं है। क्या फायदा है यदि मौत का इंतजार करते हुए हम बूढ़े हो जाएँ? ऐसा करना कोई अच्छी बात नहीं है। यदि हम मरना चाहते हैं तो युवावस्था में मरें। यही अच्छा है और यही मैं कर रहा हूँ।मैं अपने देश के लिए मर रहा […]
श्रीमति शीला दीक्षित साहिबा की बातों का बुरा मानने की जरूरत नहीं है। उन्होंने अगर छह सौ रूपये में पांच लोगों के महीनेभर की दालरोटी का जुगाड़ खोज लिया है तो यह उनकी राजनीतिक मजबूरी है। पूरी कांग्रेस सरकार कैश कांड का प्रचार करने निकल पड़ी है ऐसे में शीला दीक्षित अगर दिल्ली प्रदेश में […]
श्रीमति शीला दीक्षित साहिबा की बातों का बुरा मानने की जरूरत नहीं है। उन्होंने अगर छह सौ रूपये में पांच लोगों के महीनेभर की दालरोटी का जुगाड़ खोज लिया है तो यह उनकी राजनीतिक मजबूरी है। पूरी कांग्रेस सरकार कैश कांड का प्रचार करने निकल पड़ी है ऐसे में शीला दीक्षित अगर दिल्ली प्रदेश में […]
तभी आजाद होंगे
समझ में नही आता, राष्ट्रीय पर्वों का औचित्य।क्यों आते हैं बार बार, क्यों मनाए जाते हैं हर बार।।अनशन, हड़ताल, उग्रवाद, देश में हावी है आतंकवाद।भ्रष्टाचार, महंगाई, दंगे, फसाद, भुखमरी।।यही तो धरोहर है स्वाधीनता की।इसके अलावा मिला क्या है,देश की गरीब जनता को आजादी से।।हर पांच साल में कागज पर कलम से।सभाओं में जोश और इलम […]
तभी आजाद होंगे
समझ में नही आता, राष्ट्रीय पर्वों का औचित्य।क्यों आते हैं बार बार, क्यों मनाए जाते हैं हर बार।।अनशन, हड़ताल, उग्रवाद, देश में हावी है आतंकवाद।भ्रष्टाचार, महंगाई, दंगे, फसाद, भुखमरी।।यही तो धरोहर है स्वाधीनता की।इसके अलावा मिला क्या है,देश की गरीब जनता को आजादी से।।हर पांच साल में कागज पर कलम से।सभाओं में जोश और इलम […]
अंग्रेजों की शासन नीति का मूलमंत्र फूट डालो और राज करो रहा है। इस नीति के अनुसरण में उन्होंने भारत के देशी राजाओं को आपस में लड़वाकर सम्पूर्ण देश पर शासन स्थापित कर लिया था। इतना ही नहीं जब व्यापारिक क. ईस्ट इंडिया क. देश में सता की बागडोर संभालने में असमर्थ रही तो ब्रिटिश […]
अंग्रेजों की शासन नीति का मूलमंत्र फूट डालो और राज करो रहा है। इस नीति के अनुसरण में उन्होंने भारत के देशी राजाओं को आपस में लड़वाकर सम्पूर्ण देश पर शासन स्थापित कर लिया था। इतना ही नहीं जब व्यापारिक क. ईस्ट इंडिया क. देश में सता की बागडोर संभालने में असमर्थ रही तो ब्रिटिश […]