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मौलवियों की ग़लत व्याख्याओं से होती इस्लाम की बदनामी

तनवीर जाफऱीयदि हम इस्लाम के लगभग साढ़े चौदह सौ वर्षों के इतिहास को पलट कर देखें तो हमें यही मिलेगा कि इस्लाम धर्म को सबसे अधिक नुक़सान इस्लाम विरोधियों,तथाकथित काफिऱों , मुशरिकों या इस्लामी दुश्मन शक्तियों द्वारा नहीं बल्कि दुर्भाग्यवश उन्हीं लोगों द्वारा पहुंचाया गया है जो एक अल्लाह के नाम का कलमा पढ़ते थे, […]

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नज्म

मैं नये साल की आमद पर हंसू तो कैसे…..?साल 2012 गुजरा तो कहर ढाकर गुजरा,मासूम दामिनी की इज्जत खाकर गुजरा,जल जले यौन हिंसा के, हत्या करके गुजरा,देश मेरा अभी गम को उठाकर गुजरा,मैं नये साल की आमद पे हंसू तो कैसे…….?निर्भया के साथ छह बहसी दरिंदों ने यौन हिंसा कर डाली,भारतीय सभ्यता संस्कृति की धज्जियां […]

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प्रणव बाबू ! बंगला देश में तो बंगला बोल देते

डा0 कुलदीप चंद अग्निहोत्रीप्रणव मुखर्जी पिछले दिनों बंगला देश की यात्रा पर गये थे । इस प्रकार की यात्राओं का उद्देश्य बहुत हद तक दोनों देशों के बीच सम्बध बढ़ाना और आत्मीयता स्थापित करना ही होता है । इस लिये यात्रा से पहले ऐसे कारकों की पहचान भी कर ली जाती है जो दोनों देशों […]

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पश्चिम की असाधारण उन्नति के मूल में छिपा है वैदिक अंक गणित

 डॉ. मधुसूदन उवाच *डॉ. डेवीड ग्रे -(१)”वैज्ञानिक विकास में भारत हाशिये पर की टिप्पणी नहीं है।” *(२)”वैश्विक सभ्यता में भारत का महान योगदान नकारता इतिहास विकृत है।” *(३)सर्वाधिक विकसित उपलब्धियों की सूची, भारतीय चमकते तारों की. आर्यभट, ब्रह्मगुप्त, महावीर, भास्कर, माधव के योगदानों की।” **(४)”पश्चिम विशेषकर भारत का ऋणी रहा है। *प्रो. स्टर्लिंग किन्नी –(५) […]

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आओ समझें: हिन्दी अक्षरों का वैज्ञानिक स्वरूप-भाग 5

गतांक से आगे…. ‘ल’ पाणिनि ने लकार को दस काल तथा अवस्थाओं को प्रकट करने वाला पारिभाषिक शब्दों का ध्वन्यार्थक माना है। इसे इंद्र का विशेषण भी स्वीकार किया गया है। इसे लेने और रमण करने के अर्थों में भी प्रयुक्त किया जाता है। इस वर्ण की आकृति में अकार के मूलाधार से बांयी ओर […]

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जापानी उद्योगों का हब बनता नीमराना

गोपेन्द्र नाथ भट्टदिल्ली, जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करने वाले नीमराना फोर्ट और आभानेरी जैसी कलात्मक बावडी के लिए देशद्ब्रदुनिया में प्रसिद्घ ऐतिहासिक ‘नीमराना’ कस्बे में इन दिनों जापानी उद्यमियों की चहल पहल देखते ही बनती है। जापान के उद्यमियों द्वारा यहां लगाए जा रहे उद्योगों के कारण यह […]

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भारत में समाजवाद और आर्थिक-सामाजिक न्याय का सपना

मनीराम शर्माब्रिटिश सरकार ने भारत के देशी उद्योग धंधों को नष्ट कर दिया था। कच्चा माल ब्रिटेन जाता था और बदले में तैयार माल आता था। इस प्रकार देश का शासन विशुद्ध व्यापारिक ढंग से संचालित था। स्वतंत्रता के पश्चात देशवासियों को आशा बंधी थी कि रोजगार में वृद्धि से देश में खुशाहाली आएगी और […]

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इतिहास के पन्नों से: लंदन में धाँय-धाँय-३

गतांक से आगे…..शांता कुमार10 जुलाई को वैस्टमिंटर अदालत में मननलाल का मुकदमा आरंभ हुआ। उसने अपनी जब से पुलिस द्वारा तलाशी में प्राप्त वक्तव्य पढऩे का आग्रह किया। पर पुलिस वक्तव्य मिलने की बात से मुकर गयी। तब मदनलाल ने जबानी ही अदालत में वक्तव्य दिया। उसका वास्तविक वक्तव्य जो बाद में प्रकाशित हुआ था […]

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किसने लिखा जन.जन की आरती ओम जय जगदीश हरे

अरविंद छाबड़ाओम जय जगदीश हरे। ये आरती उत्तर भारत में वर्षों से करोड़ों हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को स्वर देती रही हैए लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके रचयिता पर ब्रितानी सरकार के खिलाफ प्रचार करने के आरोप भी लगे थे। पंजाब के छोटे से शहर फि ल्लौर के रहने वाले श्रद्धा राम फि […]

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नव संवत्सर को अपनाएं-निज गौरव का मान जगाएं

विनोद बंसलभारत व्रत पर्व व त्यौहारों का देश है। यूं तो काल गणना का प्रत्येक पल कोई न कोई महत्व रखता है किन्तु कुछ तिथियों का भारतीय काल गणना (कलैंडर) में विशेष महत्व है। भारतीय नव वर्ष (विक्रमी संवत्) का पहला दिन (यानि वर्ष-प्रतिपदा) अपने आप में अनूठा है। इसे नव संवत्सर भी कहते हैं। […]

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