डा. त्रिलोचन सिंह बिंद्रामानव जीवन क्षणभंगुर है। अत: इस जीवन को पाकर मनुष्य को सबसे पहले चरित्र का निर्माण करना चाहिए। जो इस संसार में चरित्रवान मनुष्य है, उनका ही जीवन सार्थक है। जो मनुष्य चरित्रहीन हैं, उनका जीवन निरर्थक और निंदनीय है। इसी बात को प्रमुख मानने के कारण, वेदों में भी मनुष्य को […]
Author: अमन आर्य
मैं पाप बेचती हूं
एक बार घूमते-घूमते कालिदास बाजार गये । वहाँ एक महिला बैठी मिली। उसके पास एक मटका था और कुछ प्यालियाँ पड़ी थी । कालिदास ने उस महिला से पूछा: क्या बेच रही हो ?महिला ने जवाब दिया: महाराज ! मैं पाप बेचती हूँ ।कालिदास ने आश्चर्यचकित होकर पूछा: पाप और मटके में ?महिला बोली: हाँ […]
हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि जी महाराज ने कहा है कि विश्व के लिए हिंदू नववर्ष ही वैज्ञानिक है और इसकी वैज्ञानिकता के कारण ही प्राचीन विश्व में यह संपूर्ण भूमंडल को मान्य था। स्वामी जी महाराज ने इस अवसर पर हिंदू महासभा के कार्यालय पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया और सभी […]
पिछले दिनों तहसीलदार दादरी राजेश कुमार शुक्ला के खिलाफ वकीलों ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया था। वकीलों का कहना था कि श्री शुक्ला एक भ्रष्ट अधिकारी हैं जिन्होंने नैतिकता और न्याय की सारी सीमाएं ही तोड़ दी हैं। इस संबंध में वकीलों की एक बैठक अध्यक्ष महीपाल सिंह भाटी की अध्यक्षता में हुई थी […]
भारत में लुप्त होता लोकतंत्र
-मणि राम शर्मा|| भारत में लोकतंत्र के कार्यकरण पर समय समय पर सवाल उठते रहे हैं| पारदर्शी एवम भ्रष्टाचारमुक्त शासन के लिए शक्तियों के प्रयोग करने में पारदर्शिता और समय मानक निर्धारित होना आवश्यक है क्योंकि विलम्ब भ्रष्टाचार की जननी है| इस दिशा में सूचना का अधिकार अधिनियम,2005 की धारा 4 (1) (b) (ii) में […]
गीता पर कुछ प्रश्न
प्रश्नकर्ता आचार्य श्रीराम शर्माप्रथम प्रश्न :महाभारत के युद्ध में अटारह अक्षौहिणी सेना का परस्पर युद्ध हुआ। जो कि लगभग एक करोड से भी अधिक होती है । उसमें लाखों हाथी लाखों घोडे तथा लाखों पैदल योद्धा मौजूद थे । महाभारत स्त्री पर्व 26 के श्लोक 9 मे युधिष्टिर ने बताया है कि -उस युद्ध में […]
मुजफ्फर हुसैनमनुष्य के आचार विचार की पहली सीढ़ी उसका खान-पान का आधार भौगोलिक परिस्थितियों पर निर्भर करता है। मनुष्य क्या खाता है, उससे उसके स्वभाव की पहचान होती है, लेकिन भूगोल और अर्थव्यवस्था के साथ साथ उसका धर्म, उसके खान पान और स्वभाव को मर्यादित करने में बड़ी भूमिका निभाता है। आज की दुनिया में […]
वीरेन्द्र सेंगर भाजपा के चर्चित नेता नरेंद्र मोदी अब कांग्रेस नेतृत्व से सीधे टकराव के ‘मोड’ में आते नजर आ रहे हैं। भाजपा नेतृत्व ने भले उन्हें औपचारिक रूप से अपना ‘पीएम इन वेटिंग’ न घोषित किया हो, लेकिन मोदी मानकर चल रहे हैं कि अगले चुनाव में उन्हें ही कांग्रेस से टक्कर लेनी है। […]
राकेश कुमार आर्यएक सामाजिक संगठन प्रवासी भलाई संगठन की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक नेताओं के भड़काऊ भाषणों पर रोक लगाने की मांग को लेकर केन्द्र सरकार से जवाब तलब किया है। प्रधान न्यायाधीश अल्तमश कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने चुनाव आयोग […]
जब आधुनिक भाषाविद् भाषा पर अपने विचार प्रकट करते हैं तो कई बार ऐसी बातें कह जाते हैं, जो नितांत भ्रामक और अतार्किक होती हैं। इस लेख में ऐसी ही भ्रामक और अतार्किक बातों पर विचार किया जा रहा है। इन भ्रामक बातों में महत्वपूर्ण है कि भाषा परिवर्तनशील होती है।विश्व में आजकल बहुत सी […]