पिछले दिनों में चीन, सिंगापुर और मलयेशिया की यात्रा करके लौटा हूं। मुझे कुछ चीजों ने इन देशों में इतना प्रभावित किया है कि उन्हें आपके लिए लिखा जाना अनिवार्य मान बैठा हूं। जैसे चीन में हर व्यक्ति अपनी राष्ट्र भाषा चीनी से असीम स्नेह करता है। वह हर विदेशी से अपेक्षा करता है कि […]
Author: अमन आर्य
आज का चिंतन-20/06/2013
संकल्प को ताकतवर बनाएँ इच्छाओं को नहीं डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.comमनुष्य इच्छाओं का दास है और पूरी जिन्दगी वह इच्छाओं के महासागर में भ्रमण करता रहता है। जीवन के हर क्षण में मनुष्य के साथ कोई न कोई इच्छा लगी ही रहती है। इसी कारण इंसान को इच्छाओं और ऐषणाओं का पुतला कहा जाता […]
देवेन्द्र सिंह आर्यआखिर भाजपा और जद(यू) का राजनीतिक गठबंधन टूट ही गया। भाजपा में नरेन्द्र मोदी का उदय इस गठबंधन के टूटने की प्रमुख वजह माना जा रहा है। जद(यू) के वरिष्ठ नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नरेन्द्र मोदी रास नही आ रहे थे और उन्हें भाजपा के ‘नमो नम:’ मंत्र से […]
आज का चिंतन-19/06/2013
असली आनंद मिलता है कर्त्तव्य निर्वाह के बाद ही-डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com कर्म और जीवन के आनंद के बीच गहरा रिश्ता है। आनंद ही अपना चरम लक्ष्य हो और कर्त्तव्य कर्म गौण या उपेक्षित हो तो वह आनंद मात्र आभासी एवं क्षणिक ही होता है जबकि कर्त्तव्य कर्म का निर्वाह हमारी प्राथमिकता में हो […]
सुपरकूल है नया आईओएस 7
मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में एक बड़ी वॉर की शुरू हो गई है। एपल ने हाल ही में अपनी आईओएस डिवाइसेज के लिए नया ऑपरेटिंग सिस्टम आईओएस7 लॉन्च किया है। एंड्रॉयड, ब्लैकबेरी और विंडोज ओएस से मिल रही कड़ी चुनौती को देखते हुए एपल ने अपने ढ्ढह्रस् आईओएस का रंग-रूप तक बदल डाला है। एपल का […]
राकेश कुमार आर्य एक ओर भूख और कुपोषण से दम तोड़ता बचपन है तो दूसरी ओर देश में ऊंची ऊंची अट्टालिकाएं हैं जो गरीब और गरीबी दोनों पर इठला रही हैं। एक ओर गंदगी के ढेर में से ‘रोटियां’ ढूंढते बच्चे हैं तो दूसरी ओर हर सुविधा से संपन्न इस देश में एक वर्ग वो […]
-राकेश कुमार आर्य सार में किसी भी व्यक्ति से पूछा जाए कि एक और एक मिलकर कितने होते हैं? उत्तर आएगा कि दो होते हैं। कई लोग इसे ग्यारह भी बताते हैं। उनके ग्यारह बताने का भी विशेष अर्थ है। परंतु वैदिक गृहस्थाश्रम का गणित एक और एक के मिलन को न तो दो कहता […]
राजा ययाति और लाल कृष्ण आडवाणी
विनोद कुमार सिन्हावैदिक युग में आर्यावर्त्त में एक अति पराक्रमी राजा हुआ करते थे। नाम था ययाति। वे सूर्यपुत्र मनु के वंशज और इन्द्रासन के अधिपति रहे महान राजा नहुष के पुत्र थे। यश, पराक्रम और कुशल प्रजापालन में वे कही से भी अपने पिता नहुष से उन्नीस नहीं थे। एक बार आखेट करते समय […]
मधुसूदनगुजराती विश्वकोश कहता है, कि,नक्षत्रों की अवधारणा भारत छोडकर किसी अन्य देश में नहीं थी। यह, अवधारणा हमारे पुरखों की अंतरिक्षी वैचारिक उडान की परिचायक है, नक्षत्रों का नामकरण भी पुरखों की कवि कल्पना का और सौंदर्य-दृष्टि का प्रमाण है। महीनों के नामकरण में, उनकी अंतरिक्ष-लक्ष्यी मानसिकता का आभास मिलता है।(दो) अंतरिक्षी दृष्टि, या वैचारिक […]
इंकलाब जिंदाबाद-६
शांता कुमारगतांक से आगे…यदि गांधीजी को स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए अहिंसा के मार्ग पर चलने का अधिकार था तो देश के इन जवानों को मां की गुलामी की श्रंखला तोड़ने के लिए उतने ही आदर और सम्मान से हिंसा का मार्ग अपनाने का अधिकार था। सिर इस मार्ग को प्रभु, राम, कृष्ण, शिवाजी, प्रताप, सावरकर […]