आजकल की स्थिति आप संसार में देख रहे हैं, कि “अच्छे सज्जन सरल व्यक्ति गरीब हैं, और अनेक प्रकार से परेशान होकर जैसे तैसे जी रहे हैं।” “और दूसरी तरफ छली कपटी चालाक धोखेबाज बेईमान लोग बहुत धन कमा कर खूब मजे कर रहे हैं। वे भौतिक साधनों संपत्तियों का खूब भोग करते हैं।” ऐसी […]
Author: अमन आर्य
विदेशों में लड़के और लड़कियां आपस में मित्रता करते हैं। अब उन्हीं की नकल भारतीय युवक युवतियां भी करने लगे हैं। यह विदेशी परंपरा है, भारतीय नहीं। यह परंपरा सुखदायक नहीं, बल्कि दुखदायक है। “भारत में वैदिक काल में कहीं भी ऐसा देखने को नहीं मिलता, कि पुरुषों और स्त्रियों की आपस में मित्रता होती […]
आदमी को लेकर आदमी के मन में गलत धारणा
प्रायः लोगों के मन में ऐसी धारणा बनी हुई है, कि “यह व्यक्ति तो अब 60 वर्ष का हो गया। बूढ़ा हो गया। सरकार ने भी इसे रिटायर कर दिया। अब यह किसी काम का नहीं रहा। अब यह फालतू आदमी है, बेकार है।” परंतु वास्तव में ऐसा नहीं है। वास्तविकता तो यह है कि […]
भाऊराव देवरस सेवा न्यास द्वारा देशभर से चयनित छह साहित्यकारों में से एक विभूषित साहित्यकार डॉ सत्यवान सौरभ को पच्चीस हजार पुरस्कार राशि, अंग वस्त्र, सरस्वती प्रतिमा व पंडित प्रताप नारायण मिश्र रचित साहित्य उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, वन एवं पर्यावरण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण सक्सेना, बाबा साहब भीमराव […]
व्यक्ति अपने भविष्य को सुखमय बनाना चाहता है। ठीक है, बनाना चाहिए। यह अच्छी बात है। “परंतु मुफ्त में तो बनेगा नहीं। इसके लिए वेदानुकूल उत्तम कर्म करने पड़ेंगे।” “जब व्यक्ति इस बात को समझ कर वेदानुकूल कर्म करने आरंभ करता है, तो संसार के स्वार्थी मूर्ख और दुष्ट लोग उसके विरोधी हो जाते हैं। […]
परमाणु वाले जड़ पदार्थों की पहचान
“परमाणु वाले जड़ पदार्थों की पहचान यह होती है, कि उनमें रूप रस गन्ध स्पर्श भार आदि गुण होते हैं। जैसे पृथ्वी जल अग्नि वायु आदि। ये सब परमाणु वाले जड़ पदार्थ हैं। इनमें रूप रस गन्ध स्पर्श भार आदि गुण होते हैं।” “चेतन पदार्थ की पहचान यह होती है, कि उसमें इच्छा ज्ञान आदि […]
परमाणु वाले जड़ पदार्थों की पहचान
” यह होती है, कि उनमें रूप रस गन्ध स्पर्श भार आदि गुण होते हैं। जैसे पृथ्वी जल अग्नि वायु आदि। ये सब परमाणु वाले जड़ पदार्थ हैं। इनमें रूप रस गन्ध स्पर्श भार आदि गुण होते हैं।” “चेतन पदार्थ की पहचान यह होती है, कि उसमें इच्छा ज्ञान आदि गुण होते हैं। जैसे आत्मा।” […]
मेरठ । विगत 27 नवंबर को 1857 के क्रांतिनायक शहीद धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान मेरठ द्वारा धनसिंह कोतवाल के जन्मोत्सव कार्यक्रम पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन अप्लाइड साइंस सभागार चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में किया गया। इस अवसर पर अनेक विद्वानों, समाजसेवी और विभिन्न संगठनों के नेता उपस्थित हुए। जिन्होंने 1857 की […]
मनुष्य अकेला नहीं जी सकता
*”मनुष्य अकेला नहीं जी सकता, क्योंकि वह अल्पज्ञ और अल्पशक्तिमान है। ठीक प्रकार से या सुख पूर्वक जीवन जीने के लिए उसे अनेक लोगों का सहयोग लेना पड़ता है।” “दूसरे लोगों का सहयोग मिलने पर व्यक्ति का जीवन सरल हो जाता है। इससे उसकी अनेक समस्याएं सुलझ जाती हैं, और अनेक प्रकार से उसे सुख […]
संसार में तन मन धन से सुखी कौन नहीं रहना चाहता? सभी चाहते हैं। परंतु यह बात भी प्रसिद्ध है, कि “कर्म किए बिना फल नहीं मिलता।” “इसलिए जो लोग सुखी रहना चाहते हैं, उन्हें कुछ न कुछ कर्म तो करना ही पड़ेगा, तभी उनकी इच्छा पूरी हो पाएगी।” “तो यदि आप तन से सुखी […]