हिंदी दिवस एक बार पुन: आ गया है। हर वर्ष हम 14 सितंबर को ‘हिंदी दिवस’ के रूप में मनाते हैं। हिंदी हमारी राजभाषा है, लेकिन राष्ट्रभाषा नही बन पायी है। स्वतंत्रता के बीते 66 वर्षों की यह दुखद उपलब्धि है कि हम आज तक हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा नही बना पाए, यद्यपि भारतवर्ष […]
Author: अमन आर्य
कांग्रेसी भी नही थे धर्मांतरण के पक्षधर
राकेश कुमार आर्य भारत धर्मान्तरण का जहर फेेलता ही जा रहा है। धर्म के नाम पर भारतीय उपहाद्वीप विभाजन की भयानक पीड़ा पूर्व में झेल चुका है। आगे क्या हो सकता है ये सोचकर भी मन सिहर उठता है। परंतु देश का बहुसंख्यक यदि किसी गफलत में सोता रहा तो कुछ भी संभव है, देश […]
आज का चिंतन-17/09/2013
आत्मनिर्भरता के लिए जरूरी है परंपरागत हुनर और स्थानीय काम-धंधे – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com हर क्षेत्र में स्थान विशेष की आबोहवा और पारिस्थिकीय तंत्र के अनुरूप परिवेश और लोक जीवन का विकास होता है। यही कारण है कि देश और दुनिया के तमाम क्षेत्रों में अलग-अलग जलवायु, परंपराएं, लोक संस्कृति, रहन-सहन और […]
आज का चिंतन-16/09/2013
कमजोर और कायर ही करते हैं विरोध और शिकायतें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com आजकल लोगों में नकारात्मकता का प्रसार तेजी से हो रहा है। जो काम खुद को करना चाहिए, उसमें तो हम फिसड्डी साबित होते हैं और दूसरों से उम्मीद रखते हैं कि हमारे काम आएं। आदमी की सबसे बड़ी समस्या […]
भारत में पर्यावरण का महत्व अति प्राचीन काल से संस्कृति व धार्मिकता से जुड़ा रहा है। जीव, निर्जीव, पशु पक्षी, पौधे, मृदा, जल, वायु, नक्षत्र, ग्रह, पृथ्वी, आकाश, अग्नि आदि सभी के लिए देव तुल्य एवं पूज्य माने जाते थे। आज भी ऐसी अनेक मान्यताएं विद्यमान हैं जो पर्यावरण सम्मत एवं प्रासंगिक हैं। हमारी परंपरा […]
आतंकवाद की जननी जिहादी शिक्षा
आज तक यही सुनते आ रहे हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और अशिक्षा, गरीबी व बेरोजगारी के कारण ही युवा आतंकवादी बनते हैं। क्या यह सत्य है? यदि ऐसा होता है तो आतंकवादी भारत में प्राय: हिन्दू बहुल इलाको, मंदिरों आदि जगहों पर ही क्यों बम-विस्फोट या हमले करते हैं। यासीन भटकल, […]
रोचक तथ्य
1. ग्रीक और बुलगारिया में एक युद्ध सिर्फ इसलिए लड़ा गया था क्योंकि एक कुत्ता उनका Border पार कर गया था।2. प्राचीन रोमन कैलेंडर में जनवरी और फरवरी के महीने नहीं होते थे।अत: उनका नव वर्ष 1 मार्च को मनाया जाता था।3. 21 मार्च 2006 को होली, ईद, गुड फ्राइडे और नवरोज़, ये चार धर्मों […]
आज का चिंतन-15/09/2013
सबसे बड़े दुश्मन वे हैं जो विश्राम में बाधक हैं – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com मनुष्य हो या मशीन, पशु हो या पक्षी या फिर दुनिया का कोई सा जड़ या चेतन, सभी के लिए रोजाना का विश्राम और शून्य में जाना जरूरी है। पशु-पक्षियों को देखें तो वे रोजाना अपनी दिनचर्या को […]
आज के इस दौर में, जहाँ हमारे देशवासी छोटी-सी-छोटी तकलीफ के लिए बड़ी ही हाईपावर की दवा-गोलियों का इस्तेमाल कर अपने शरीर में जहर घोलते जा रहे हैं, वहीं हमारे ऋषि-महर्षियों द्वारा अनुभव कर प्रकाश में लाया गया एक अत्यधिक आसान प्रयोग, जिसे अपनाकर प्राचीनकाल से करोड़ो भारतवासी सदैव स्वस्थ व प्रसन्नचित्त रहते हैं। आप […]
प्रो. देवेन्द्र स्वरूप संविधान सभा में पंचायत पर हुई बहस को पढ़ने के बाद अनेक भ्रम दूर हो जाते हैं। उस बहस में करीब 50 सदस्यों ने भाग लिया। वे सब स्वतंत्रता संग्राम के जाने.माने नाम हैं। यह कितनी विचित्र बात है कि संविधान सभा ने जिन समितियों के माध्यम से काम किया उन समितियों […]