राकेश कुमार आर्यगाय का दूध मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए अमृत माना गया है। आजकल तनाव का रोग बहुत मिलता है, इसका प्रभाव हमारी स्मरण शक्ति पर भी पड़ता है। तनाव के कारण अथवा चिड़चिड़ाहट मानसिक दुर्बलता, शारीरिक थकान, कार्य की अधिकता, मस्तिष्क में अपेक्षा से अधिक कार्यों को समेटकर रखने की हमारी प्रवृत्ति के […]
Author: अमन आर्य
आज का चिंतन (08/11/2013)
सब कुछ हो गया कामचलाऊ न गुणवान रहे, न गुणग्राही – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com व्यक्तित्व विकास में परफेक्शन अर्थात पूर्णता वह शब्द है जो हर पहलू से जुड़ा है और इसी के आधार पर हमारे व्यक्तित्व का समग्र मूल्यांकन किया जाता है। व्यक्तित्व का विकास हमारी शिक्षा-दीक्षा, संस्कारों और गुणों पर निर्भर करता […]
इतिहास को विकृत करने का षडयंत्र-2
गतांक से आगे….गुरू को फांसी उसके परिवार के कुछ लोगों की साजिश का नतीजा थी, जिसमें और लोग भी शामिल हो गये थे जो गुरू के उत्तराधिकार के विरूद्घ थे। किंतु यह भी कहा जाता है कि औरंगजेब गुरू तेगबहादुर से इसलिए नाराज था, क्योंकि उसने कुछ मुसलमानों को सिख बना लि या था।पाठ्य पुस्तकों […]
आज का चिंतन-06/11/2013
पल्ला झाड़ने में माहिर होते हैं नाकाबिल और कामचोर लोग – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com एक समय वह था जब लोग खुद आगे चलकर अपनी रुचि का कोई सा काम हाथ में लेते थे और पूरा करके ही दम लेते थे। समाज के लिए उन दिनों उपयोगी लोगों की संख्या भी खूब थी। हालांकि […]
क्या हिंदुत्व साम्प्रदायिकता है?
महंत दिग्विजयनाथआज के अधिकांश नागरिक और संसार के प्रमुख व्यक्ति, जो हिंदुत्व से अनभिज्ञ है हिंदुत्व का अर्थ साम्प्रदायिकता और हिंदू का अर्थ साम्प्रदायिक समझते हैं। यह आज का एक प्रचलित नारा हो गया है और यह भी दावे के साथ कहा जा सकता है कि इसके सदृश भ्रमपूर्ण और अनर्गल नारा दूसरा हो भी […]
सावरकर के विचार को संदर्भ सहित समझें
समग्र सावरकर ही समग्र राष्ट्र का पर्याय है अनुच्छे (1)-कई हिंदुत्व प्रेमी और साथ ही हिंदू राष्ट्रवादी चिंतकों ने वीर सावरकर जी द्वारा 1936 में हिंदू महासभा के कर्णावती अहमदाबाद में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में दिये गये अध्यक्षीय भाषण के एक अंश पर गंभी आपत्ति प्रकट की है। इस आपत्ति पर विचार करते हुए प्रस्तुत […]
हिमाचल शिक्षा बोर्ड में अब भाषा घोटाला
मनीराम शर्मायह अन्धा मोड़ है । इतना अन्धा कि इस पर कभी भी दुर्घटना हो सकती है । इसी अन्धे मोड़ पर हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड का कार्यालय स्थित है । वैसे तो यहाँ लोगों ने स्वयं ही चेतावनी पट लटका रखा है , सावधानी हटी -दुर्घटना घटी। लेकिन शिक्षा बोर्ड जो सारे हिमाचल को […]
गोमूत्र और हमारा स्वास्थ्य
भारत में गोमूत्र को औषधीय रूप में लेने की परंपरा बहुत प्राचीन है। हमारी चिकित्सा प्रणाली और आयुर्वेद एलोपैथिक चिकित्सा प्रणाली की भांति रोग से लड़ता नही है, अपितु रोग को मिटाता है। इसलिए जैसे शोक के समूल नाश के लिए योग की खोज की गयी वैसे ही हमारे ऋषि पूर्वजों ने रोग के समूल […]
स्वामी दयानन्द सरस्वती को सामान्यत: केवल आर्य समाज के संस्थापक तथा समाज-सुधारक के रूप में ही जाना जाता है। राष्ट्रीय स्वतन्त्रता के लिए किये गए प्रयत्नों में उनकी उल्लेखनीय भूमिका की जानकारी बहुत कम लोगों को है। वस्तुस्थिति यह है कि पराधीन आर्यावर्त (भारत) में यह कहने का साहस सम्भवत: सर्वप्रथम स्वामी दयानन्द सरस्वती ने […]
आज का चिंतन-03/11/2013
रोशनी चाहें तो छोड़ें अंधेरों का साथ – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com आज दीपावली है। इसका उल्लास कई दिन चलेगा। हम यह सब कुछ करते हैं अपने जीवन में उजियारा भरने के लिए। उजियारा अपने भीतर इतना विराट और व्यापक अर्थ समेटे हुए है जिसमें जीवनचर्या और परिवेश का हर कोना समाहित है। हम […]