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प्रमुख समाचार/संपादकीय

आज का चिंतन-24/11/2013

लोकतंत्र की बुनियाद है चुनाव भागीदारी ही जगाती है भाग्य – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com निर्वाचन भारतीय लोकतंत्र की बुनियाद है जिसके जरिये आम आदमी के हाथों में सरकार बनाने की वो ताकत है जिसका कोई मुकाबला नहीं। तंत्र को संचालित करने वाले नेतृत्व से लेकर व्यवस्था तक की सँरचना को सुगठित और सुव्यवस्थित […]

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भारतीय संस्कृति

माता क्यों कही जाती है-गाय?

राकेश कुमार आर्यगाय को हमारे यहां माता का सम्मान जनक स्थान प्राप्त है। इसका कारण केवल ये है कि गाय का पंचगव्य हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी है। चिकित्सा शास्त्रों में जहां-जहां भी दूध, घी, दही, छाछ बात कही गयी है, वहीं-वहीं उसका अर्थ गोदुग्ध, गोघृत, गोदधि और गऊ छाछ से लिया जाना […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

आज का चिंतन-23/11/2013

चिंता हमें क्यों?  उसे है जिसने बसाया यह संसार है – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com वर्तमान के संसाधनों और आनंद को गौण मानकर आजकल लोग भविष्य की आशंकाओं और चिंताओं में खोये हुए हैं। इस वजह से उनका मन-मस्तिष्क हमेशा उद्विग्न, अशांत और अधीर रहने लगा है और इसका प्रभाव शरीर पर भाँति-भाँति की […]

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राजनीति

देश का पी.एम. चाय बेचने वाला नही हो सकता

राकेश कुमार आर्यहमारे देश का संविधान हमारे जनप्रतिनिधियों को चुनने के लिए केवल इतनी व्यवस्था करता है कि ऐसा व्यक्ति (1) भारत का नागरिक हो (2) सजायाफ्ता मुजरिम ना हो (3) पागल या दिवालिया न हो इत्यादि।जिस देश के जनप्रतिनिधियों के भीतर जनप्रतिनिधि बनने के लिए केवल इतनी ही योग्यता रखी गयी हो, उस देश […]

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राजनीति

भारत में पुलिस और नागरिक सम्बन्ध-कल और आज

मनीराम शर्मापुलिस सुधार के लिए भारत में समय समय पर स्वर उठते रहे हैं और जनता के उबाल पर ठन्डे छींटे मारने के लिए विभिन्न कमेटियों/आयोगों/बोर्डों का गठन किया जाता रहा है किन्तु पुलिस के कर्कश स्वर में अभी तक कोई कमी नहीं आई है। प्राय: आरोप लगते रहते हैं कि पुलिस अपराधियों के साथ […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

आज का चिंतन(21/11/2013)

उन्मादी और सनकी होते हैं बेवक्त-बेवजह तंग करने वाले – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com कुछ लोगों की आदत में ही यह शुमार हो चला है कि वे पूरी जिन्दगी बिना किसी कारण के और बेवक्त औरों को परेशान करते रहते हैं। खुद की अशांति, उद्विग्नता, फालतू के तनावों और असंतोष को हलका करने के […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

आज का चिंतन-20/11/2013

जो ईश्वर से दूर करे वह शत्रु चाहे गुरु हो या और कोई – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 ईश्वरीय सत्ता हम सभी के लिए सर्वोपरि है फिर चाहे उसका रंग-रूप कुछ भी हो, साकार हो या निराकार या फिर और कुछ। ईश्वरीय सत्ता का सान्निध्य ही हमें शाश्वत सुख-समृद्घि और आनंद से भर सकता है। […]

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राजनीति

खाके वतन का मुझको हर जर्रा देवता है

जावेद उस्मानीभारत का सौहाद्र दुनिया के लिए मिसाल है लेकिन गाहे बगाहे कुछ सरफिरे अपने निहित स्वार्थ के कारण व्यर्थ के विवादो को हवा देते रहते है इनमें दिशाविहीन और विचारहीन ,सियासतदां भी शामिल हैं। धर्म ,जाति और भाषा पर ऐसे तत्वो का हस्यापद आचरण व विषवमन समरसता और मानवता के विरुद्ध अपराध से कम […]

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भारतीय संस्कृति

बिखरे मोती-भाग 2७

ओउम् नाम की नाव से, तरे अनेकों संत आधी बीती नींद में,कुछ रोग भोग में जाए।पुण्य किया नही हरि भजा,सारी बीती जाए ।। 415।। धर्म कर्म का उपार्जन,खोले सुखों के द्वार।इनमें मत प्रमाद कर,काल खड़यो है त्यार ।। 416।। रसों में रस है ब्रह्मï रस,रोज सवायो होय।जितना हो रसपान कर,सारे दुखड़ा खोय ।। 417।। पग-पग पर […]

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महत्वपूर्ण लेख

मिशन मंगल- बड़ी प्रौद्योगिक उपलब्धि या फ़िज़ूलखर्ची

अश्वनी कुमारअगर विकास कि बात करें तो कागज़ी तौर पर भारत निरंतर विकास की ओर अग्रसर है। और हाल ही में भारत ने विकास के नए आयाम को छू लिया, मिशन मंगल (मंगलयान) के प्रक्षेपण के साथ ही मंगल लॉन्च करने के मामले में भारत का अंतरिक्ष संगठन दुनिया का चौथा संगठन बन गया। इसे […]

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