डा. अशोक आर्यमैं प्रयत्न पूर्वक अपने आप को इस योग्य बना लूं की परमात्मा मुझ को धारण करे । एसे कार्य करू की प्रभु का दायाँ हाथ बन जाऊ । श्वास – प्रश्वास या प्रेम तथा अद्वेष भावना मेरे उन्नति का कारण हो । यह भाव यजुर्वेद के अध्याय दो के मंत्र संख्या तीन में […]
Author: अमन आर्य
प्यासे भारत की दरियादिली
पारस्परिक आदान-प्रदान कूटनीति का पहला सिद्धांत है, किंतु भारत के लिए नहीं। पड़ोसियों से दोस्ती की खातिर भारत हदें लांघता रहा है, फिर भी आज वह समस्या खड़ी करने वाले पड़ोसियों से घिरा हुआ है। भूमि के मुद्दे पर भारत की उदारता की काफी चर्चा हुई है। भारत 1954 में तिब्बत पर ब्रिटिश वंशागत अपरदेशीय […]
आज का चिंतन-26/12/2013
हमेशा रहेंगे बुरे लोग हमें ही चलना होगा संभलकर – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com अच्छे और बुरे लोग हर युग में रहते आए हैं। किसी समय कभी अच्छे लोगों की संख्या ज्यादा होती है, कभी बुरे लोगों की। यह अनुपात कम-ज्यादा भले ही हो सकता है पर दोनों ही प्रकार की आत्माओं का […]
प्रस्तुत कर्ता: दिनेश चन्द्र त्यागी, (राष्ट्रीय महामंत्री सांस्कृतिक गौरव संस्थान)सोनिया गांधी की अध्यक्षता में गठित (तथाकथित) राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (NAC: National Advisory Council ) द्वारा साम्प्रदायिक व लक्ष्यित हिंसा रोकथाम विधेयक, 2011Prevention of Communal and Targetted Violence (Access to Justice and Reparations) Bill, 2011 का प्रारूप तैयार किया गया। मौलिक रूप में तैयार प्रारूप में […]
प्रजातंत्र की विधानसभायें अथवा संसद कैसी हैं? यह तो हम रोज देख रहे हैं। किंतु वेद का अनोखा चिंतन जिन समितियों के गठन की बात करता है, वह कैसी होंगी, यह ऋग्वेद का ये मंत्र बताता है :- समानो मंत्र: समिति: समानी समानं मन: सह चित्तमेषाम् ।समानं मन्त्रभि मंत्रये व: समानेन वो हविषा जुहोमि।।‘ऐश्वर्य के […]
आज का चिंतन-25/12/2013
बड़े दिन पर लें बड़े संकल्प – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com दुनिया का हर पर्व-त्योहार और उत्सव का दिन अपने आप में एक संदेश लेकर आता है। जो इसे ग्रहण कर लेता है उसका जीना सार्थक हो जाता है, जो सिर्फ मौज-मस्ती और उल्लास को ही लक्ष्य मान लेते हैं, उनके लिए ऎसे दिन […]
राकेश कुमार आर्यप्राचीनता और नवीनता दो विरोधी धाराएं नही हैं। समाज की उन्नति के लिए इन दोनों का समन्वय बड़ा आवश्यक है। विज्ञान के नवीन आविष्कारों का और अनुसंधानों का लाभ लेने के लिए हमें सदा नवीनता का समर्थक रहना चाहिए। इसी से सभ्यता का विकास होता है। इसीलिए कालिदास जैसे महाकवि ने अपनी वैज्ञानिक […]
आज का चिंतन-23/12/2013
जो पाया है उसे उदारतापूर्वक बाँटें वरना नहीं हो पाएगी गति-मुक्ति – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com हमें जो कुछ प्राप्त हुआ है, हो रहा है, होने वाला है, वह सब कुछ इसी धरा से मिल रहा है। इसकी प्राप्ति का उद्देश्य यह नहीं कि हम सब कुछ अपने पास दबाकर बैठ जाएं। बल्कि जो […]
आज का चिंतन-22/12/2013
अहंकारी और कुटिल व्यवहार देता है बीमारियाँ और समस्याएँ – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com जीवन का सतत प्रवाह यदि मर्यादाओं, संयम तथा अनुशासन की सीमाओं में रहकर चलता रहे तो आदमी की जिन्दगी निर्बाध रूप से संतोष और आनंद के साथ चलती रहती है और कहीं किसी मोड़ पर कोई खतरा नहीं होता। दैववशात […]
गतांक से आगे….पैगंबर साहब खलीफा और सूफी संतों के जीवन में झांककर देखते हैं तो वे शहद व दूध का बड़े पैमाने पर उपयोग करते थे और आज भी उनके अनुयायी करते हैं।पवित्र कुरान में सूरा अन्नहल में शहद के लिए कहा गया है-व ओ हया रब्बोका इलन्नहले अनित्तखेजी मिनल जिबाले बुयूतन व मिनश्शजरे व […]