पागलपन से कम नहीं है दान-पुण्य के नाम पर यह बर्बादी – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com मकर संक्रांति के ये दो-तीन दिन हमारे यहाँ दान-पुण्य और धर्म के नाम पर उन्माद अभिव्यक्ति का वार्षिक पर्व हो चला है। धर्म और दान-पुण्य करें मगर इसके नाम पर आजकल जो हो रहा है वह किसी भी दृष्टि […]
Author: अमन आर्य
मनमोहन कर गये देश को बर्बाद
इक़बाल हिंदुस्तानीनई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने 10 साल के कार्यकाल में तीसरी प्रैसवार्ता में यह दावा किया है कि मोदी अगर देश के पीएम बने तो देश को तबाह कर देंगे लेकिन सत्य और तथ्य यह है कि मनमोहन ने अपनी भ्रष्ट और पूंजीवादी नीतियों से देश को पूरी तरह पहले ही तबाह […]
आज का चिंतन-10/01/2014
आशातीत सफलता पाने श्रद्धा पैदा करें अपने लिए – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com सफलता पाना हर कोई चाहता है और उसके लिए प्रयत्न भी खूब करता है लेकिन जिन प्रयत्नों में नकारात्मकता का पुट होता है वे ऊपरी तौर पर दिखते तो सफल हैं मगर भीतर से खोखले ही होते हैं। ऎसे प्रयत्नों को बेहतर […]
गतांक से आगे….उन्हें एक विशेष कला के तहत छवा देते हैं, जिससे बालू व रेत की आंधी घर के अंदर तक नही पहुंचती। दिन की गरिमी से वे ठंडक देते हैं, लेकिन रात की ठंड में उनका स्वभाव गरम हो जाता है। इस समय अरबस्थान में 150 से अधिक खजूर की प्रजातियां हैं। जिनमें अंबरी, […]
आज का चिंतन-09/01/2014
एक दूसरे के पूरक हैं खुलापन और खुला दिल – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com व्यक्ति का अन्तर्मन और परिवेश हर मामले में साम्यता रखता है। जिस किसी का मन जिन विचारों और वस्तुओं को पसंद करता है उसी के अनुरूप रूप-रंग और वैचारिक धरातल वह बाहर चाहता है। कई बार बाहरी उद्दीपनों से प्रभावित होकर […]
गतांक से आगे…..-विचारणीय विषय क्र. 8धारा 3 के अनुसार Hostile Environment अर्थात् उपद्रवी माहौल (वातावरण) बनाना या भयावह वातावरण बनाकर किसी के मौलिक अधिकारों का हनन करना अपराध माना जाएगा। इसका तात्पर्य यह है कि यदि आतंकी या दंगों की घटनाओं में लिप्त कुछ मुसलमान अपराधियों को जेल से छोडऩे की घोषणा कोई सरकार (यथा-उ.प्र. की स.पा. […]
आज का चिंतन-08/01/2014
दिल-दिमाग से कुछ उपजाएँ वरना इधर से उधर ही करते रहेंगे – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com अपने दिल और दिमाग का जितना अधिक उपयोग किया जाए उतना वे शरीर और उसके अंगों को चलाते हैं। जितना हमारा शरीर चलता है उतना ही ज्यादा स्वस्थ और मस्त रहता है। इसलिए जीवन में सदैव स्फूर्ति, आनंद और स्वास्थ्य […]
धर्म से निरपेक्ष अर्थात धर्महीन व्यक्तियों से अमर्यादित और असंयमित आचरण की ही अपेक्षा की जा सकती है। महामति महामानव चाणक्य इन अधर्मियों पर धर्म की नकेल डालने के लिए धर्म सभा की स्थापना कर भारत की प्राचीन परंपरा का पुन: प्रचलन कराते। इनके मानसिक पापों का प्रक्षालन कराने के लिए इन पर मानवीय मूल्यों […]
संसार के महा पुरुषों को दो श्रेणी में बांटा जा सकता है। एक तो वे जिनका जीवन प्रारम्भ से अन्त तक निष्कलंक रहा और दूसरे वे जिनके प्रारम्भिक जीवन में तो पतन कारी प्रवृतियां दिखाई दीं किन्तु बाद में वे अपनी प्रवल ईच्छा शक्ति व आत्म साधना के बल पर जीवन को ऊंचाइयों तक ले […]
आज का चिंतन-06/01/2014
सबके बस में नहीं है पाना अधिकार और आनंद एक साथ – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com आनंद हृदय से प्राप्त होते हैं और अधिकारों का संबंध शरीर से होता है। यह कतई जरूरी नहीं है कि जो व्यक्ति जितना अधिक अधिकार सम्पन्न है उसे उतने ही अधिक पैमाने पर आनंद की प्राप्ति हो ही। यह […]