आदर-सम्मान की भूख स्वाभाविक है मगर इसके लायक तो बनें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com आजकल सभी तरफ सम्मान के भूखों और आदर के प्यासों की तादाद बढ़ती ही जा रही है। जो इसके लायक हैं वे भी इस दौड़ में आगे ही आगे भागते जा रहे हैं और जो लायक नहीं हैं वे भी […]
Author: अमन आर्य
डा. इन्द्रा देवी शब्दकोश का सबसे मार्मिक शब्द मॉं है। मातृ, मदर, आई बेबे, माती, नैने, अम्मी आदि इसके पर्यायवाची हैं। पृथ्वी को माता और आकाश को पिता कहा जाता है। पृथ्वी पर रहने वाले समस्त जन इनके पुत्र हैं राष्ट्र भक्ति का परिचय भी भारत माता के रूप मेें ही देते है। स्वामी दयानन्द […]
आज का चिंतन-02/02/2014
मनोरंजन तक ही सीमित न रहें हमारे उत्सव, मेले और पर्व – डॉ. दीपक आचार्य 94133306077 dr.deepakaacharya@gmail.com देश या दुनिया का कोई सा मेला, पर्व हो या उत्सव, इसकी पूर्ण उपलब्धि तभी है जब कुछ विशिष्ट व्यक्तित्वों या समूहों की बजाय इसकी दृष्टि परिधि में समूचा क्षेत्र हो, क्षेत्रवासी हों तथा स्थानीय लोगों की आत्मीय भागीदारी का व्यापक प्रतिबिम्ब […]
मनमोहन कुमार आर्यमहर्षि दयानन्द ने आर्य समाज की स्थापना वेदों के प्रचार व प्रसार के लिए की थी और यही आर्य समाज का मुख्य उद्देश्य भी है। वेदों के प्रचार व प्रसार के पीछे महर्षि दयानन्द का मुख्य उद्देश्य यही था कि वेद ईशवर से उत्पन्न व प्रेरित सब सत्य विद्याओं की ज्ञान की पुस्तक […]
शाश्वत है मां
एक और मातृनवमी बीत गयी। फिर मैंने अपनी मां का श्राद्घ नही किया। क्योंकि मैं नही मानता कि वे मेरे साथ नही हैं। मृत्यु सिर्फ देहावसान है। आत्मा तो अमर है। बीस बरस हुए अम्मा को गुजरे। पर हर वक्त हर दिन वो मेरे साथ रही हैं। खुशी गम, अच्छे बुरे, सबमें। मेरा मानना है, […]
आज का चिंतन-01/02/2014
जब नहीं हो जरूरत शरीर को विराम दें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com संसार के प्रत्येक जड़ और जीव को विश्राम की जरूरत पड़ती है और पर्याप्त विश्राम पा लेने के उपरान्त पुनः ऊर्जीकरण की प्रक्रिया संपादित होने लगती है। ऎसा न हो तो इनकी आयु और क्षमता दोनों पर कुप्रभाव होने लगता है […]
स्वास्थ्य संबंधी बातें
-डब्ल्यू.एच.ओ. के संदर्भ से यह ज्ञात हुआ है कि अमरीका व अन्य देशों में कुछ दवायें जैसे एस्परीन, डिस्परीन, एनाल्जीन, नोवाल्जिीन, पेरासीटामोल, स्टे्रपीमाइसिन, टेरामाइसनि, बूटाजोल, ऑक्सीजोन, प्रोक्सीजोन, सोफरामाइसीन, निमूस्लाइड सस्पेंशन, नाइस, गैटी, सुमोकोल्ड, विक्स आदि-आदि दवायें वर्जित हो चुकी हैं क्योंकि यह दवायें किडनी, लीवर एवं हृदय के लिए हानिकारक हैं।-भारत में उपरोक्त सभी वर्जित […]
गतांक से आगे…बढ़ती जनसंख्या हेतु दो समय के भोजन के लिए यह वकालत की जाती है कि मांसाहार ही केवल इसका एकमात्र हल है। लेकिन जब गहराई से विचार करते हैं तब यह मालूम पड़ता है कि जिसे हम समाधान की संज्ञा दे रहे हैं, वास्तव में तो वही सबसे बड़ी समस्या है। भूख के कारण […]
आज का चिंतन-31/01/2014
बच्चों की परवरिश करें अपने साथ रखकर ही – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com बच्चों को भविष्य बनाना हर माता-पिता या अभिभावक अपना प्राथमिक कत्र्तव्य समझता है मगर इसका एकतरफा अर्थ सिर्फ यही नहीं है कि अपना बच्चा अपने जीवन और दुनिया के दूसरे सारे कर्मों और अपने फर्ज को भुलाकर सिर्फ पैसे कमाने और […]
डा. अशोक आर्यविश्व का प्रत्येक प्राणी मृत्यु के नाम से भयभीत है । जब भी उसके कान में यह शब्द पड़ता है तो वह डर जाता है, सहम जाता है, भय से कांपने लगता है । एसा क्यों ? क्योंकि वह मृत्यु के भाव को, मृत्यु के अर्थ को समझ ही नहीं पाया । यदि […]