राकेश कुमार आर्यगोडसे और गांधीजी दोनों में एक ‘उभयनिष्ठ’ गुण ये था कि वे दोनों गौभक्त थे। गांधीजी की गौभक्ति को कांग्रेस ने मार दिया, और गांधीजी की यह सैद्घांतिक हत्या भी उनके परम शिष्य नेहरू के शासन काल में ही कर दी गयी। गांधीजी की कांग्रेस में सन 1921 से कई बार गोरक्षा को […]
Author: अमन आर्य
आज का चिंतन-04/03/2014
सामने करते हैं जो तारीफ वही करते हैं पीठ पीछे बुराई – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com संसार भर में सबसे ज्यादा कोई लोक व्यवहार प्रचलित है तो वह है तारीफ और बुराई।इन दोनों का परस्पर चोली-दामन का साथ रहा है। आमतौर पर जो लोग अच्छे काम करते हैं उनके कामों की प्रशंसा करने से उन्हें […]
गतांक से आगे….जो गऊ हमें दूध से लगातार गोबर तक का वरदान देती है उसके शरीर पर 1 पौंड मांस की वृद्घि के लिए 5214 गैलन पानी खर्च होता है। सुअर के मांस के लिए प्रति पौंड 815 और बकरा बकरी के लिए छह सौ गैलन पानी प्रति पौंड चाहिए। सबसे अधिक ऊंट के शरीर […]
सामान्य ज्ञान-3
प्रथम भारतीय मिस वल्र्ड-सुश्री रीता फारियाप्रथम भारतीय मिस यूनिवर्स-सुश्री सुष्मिता सेनभारत में प्रथम महिला केन्द्रीय मंत्री-राजकुमारी अमृतकौरभारत में प्रथम दलित महिला मुख्यमंत्री-सुश्री मायावतीप्रथम भारतीय नोबेल पुरस्कार प्राप्तकर्ता-रविन्द्रनाथ टैगोरयोजना आयोग की प्रथम महिला अध्यक्ष-श्रीम. इंदिरा गांधीप्रथम भारत रत्न वैज्ञानिक-सीवी रमनप्रथम भारत रत्न खिलाड़ी-सचिन तेंदुलकरप्रथम राजीव गांधी खेल रतन पुरस्कार प्राप्तकर्ता-विश्वनाथ आनंदपदम श्री से सम्मानित प्रथम अभिनेता-बलराज […]
दया के ये कैसे अर्थ?
दया का राजनीतिकरण कानून की मर्यादाओं पर अतिक्रमण करता दिखाई दे रहा है। बेशरमी की यह हद संविधान, संसद और न्यायालय को एक साथ ठेंगा दिखा रही है। केंद्र के कड़े रुख के बावजूद तमिलनाडू की जयललिता सरकार राजीव गांधी के सातों हत्यारों को रिहाई देने के फैसले पर अड़ी है। प्रदेश सरकार को सर्वोच्च […]
स्वतंत्रता आंदोलन के काल में जो लोग अंग्रेजों की चाटुकारिता करते हुए राष्ट्रीय आंदोलन में अपनी सक्रियता प्रदर्शित कर रहे थे, उनकी इस दोहरी मानसिकता पर पहला और प्रबल प्रहार करने वाले लोकमान्य तिलक थे। उन्होंने ऐसे लोगों के विषय में कहा था-”यह लोग उत्कट देशभक्त हैं, लेकिन इनकी राष्ट्रीयता ही अराष्ट्रीय है।” ”क्यों?” इसलिए […]
भारत के महापुरूषों ने दूर दूर तक अपनी संस्कृति को फैलाया। वे शस्त्र नही प्रेम को लेकर आगे बढे। उन्हे न रथ की आवश्यकता पडी न धुडसवारों की उनके विचार ही पादातिक थे। वे चींटी को बचाकर चले तथा पशु बल को सदैव नगण्य समझा निपट अन्यों ने उनको अपना और अनन्य गिना। यही संस्कृति […]
आज का चिंतन-27/02/2014
जहाँ प्रकृति का उन्मुक्त विलास वहीं है शिवजी का निवास – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com शिव को पाने के लिए हम लाख जतन करते रहते हैं मगर अभी तक हमारी पीढ़ी में कोई ऎसा नहीं मिल पाया है जो दावे के साथ कह सके कि भगवान शिव का साक्षात्कार या अनुभव उसे हो […]
ज्ञानवती धाकड़गतांक से आगे….भोजन के तुरंत बाद पेशाब करने आवश्यक रूप से जाना चाहिए तथा उसके बाद थोड़ी देर के लिए घूमना चाहिए। भोजन के तुरंत बाद सोना नही चाहिए और अगर संभव हो तो भोजन के बाद थोड़ी देर के लिए वज्रासन में बैठना चाहिए, यही एक आसन ऐसा है जो भोजन के बाद […]
राजनैतिक दलों को नसीहत
केरल सरकार किए नीतिगत वादों को पूरा न करने पर सर्वोच्च न्यायालय ने राजनैतिक दलों को नसीहत दी है न्यायालय का कहना है कि दल और सरकारें वहीं वादे करें, जिन्हें यर्था के धरातल पर पूरा किया जा सके। न्यायाधीश एआर दवे और एके सीकरी की पीठ ने केरल सरकार की बिजली संबंधी पर सुनवाई […]