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स्वास्थ्य

सूर्य की रोशनी से ये बिमारी दूर हो सकती है: —-डॉ अनुपमा प्रकृति के सान्निध्य से संस्कृति, संस्कार और सुख:— शिक्षक लखन लाल आर्य

महरौनी (ललितपुर) । महर्षि दयानंद सरस्वती योग संस्थान आर्यसमाज महरौनी जिला ललितपुर के तत्वावधान में आर्यरत्न शिक्षक लखन लाल आर्य के संयोजकत्व में आयोजित “आदर्श जीवन शैली” विषय पर दिनांक 13 सितंबर 2022 को डॉक्टर अनुपमा ने वैदिक संस्कृति व्यक्ति को सुखमय जीवन जीने का मार्ग दिखलाती है। जो प्रकृति के निकट रहेगा वह संस्कृति […]

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उगता भारत न्यूज़

आयें ! हम हिन्दी की जगह आर्यभाषा शब्द का प्रयोग करें और आर्यभाषा दिवस मनाएं —– आचार्य अशोकपाल आर्य

महरौनी (ललितपुर)। महर्षि दयानंद सरस्वती योग संस्थान आर्य समाज महरौनी के तत्वावधान में विगत 2 वर्षों से अनवरत चल रहे आर्यों का महाकुंभ के संयोजक आर्यरत्न शिक्षक लखन लाल आर्य द्वारा आयोजित कार्यक्रम में दिनांक १४सितम्बर ,२०२२ को विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर आचार्य अशोकपाल आर्य, प्रवक्ता आर्य महासंघ, ने कहा कि हम सभी […]

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उगता भारत न्यूज़

मनुष्य जीवन में उड़ने के लिए आध्यात्मिक सामाजिक और पारिवारिक तीन पंख.. डॉ अजय आर्य

“वैदिक जीवन जीने का ढंग,” द्विदिवसीय व्याख्यानमाला नन्हे बच्चों ने किया शांति पाठ माता-पिता को जीते जी तृप्त करें महरौनी (ललितपुर) । महर्षि दयानंद सरस्वती योग संस्थान आर्यसमाज महरौनी जिला ललितपुर के तत्वावधान में आर्यरत्न शिक्षक लखन लाल आर्य के संयोजकत्व में आयोजित “वैदिक जीवन जीने का ढंग” विषय पर दिनांक 16 सितंबर 2022 को […]

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उगता भारत न्यूज़

अपने सदाचरण के चलते भारत विश्व गुरु रहा है और सदाचरण से ही बन सकता है फिर से विश्व गुरु : आचार्य विद्या देव

    ग्रेनो। ( विशेष संवाददाता)  गुरुकुल मुर्शदपुर में चल रहे चतुर्वेद पारायण यज्ञ कार्यक्रम में उपस्थित लोगों का मार्गदर्शन करते हुए सुप्रसिद्ध वैदिक विद्वान आचार्य विद्या देव ने कहा कि भूगोल के बीच में (विश्व में) ऐसा श्रेष्ठ देश कोई नहीं है जिस देश में सब श्रेष्ठ पदार्थ होते हैं, छः ऋतु यथावत् वर्तमान […]

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उगता भारत न्यूज़

भारत की दिव्य, भव्य और गौरवशाली धरोहर को अपनाकर ही बन सकता है भारत विश्व गुरु : डॉ राकेश कुमार आर्य

महरौनी (ललितपुर) । महर्षि दयानंद सरस्वती योग संस्थान आर्यसमाज महरौनी जिला ललितपुर के तत्वावधान में आर्यरत्न शिक्षक लखन लाल आर्य के संयोजकत्व में आयोजित “हमारा स्वर्णिम अतीत : विश्व गुरु के रूप में भारत” विषय पर लगातार दूसरे दिन बोलते हुए सुप्रसिद्ध इतिहासकार डॉ राकेश कुमार आर्य ने कहा कि भारत की दिव्य भव्य और […]

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उगता भारत न्यूज़

संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय एसडीजी एक्शन जोन में उपस्थित रहेंगे राकेश छोकर ●संयुक्त राष्ट्र महासभा से वर्चुअल उपस्थिति हेतु मिला निमंत्रण ●21 से 23 सितंबर तक इस अद्वितीय आयोजन में दुनिया भर के चेंज मेकर्स लेंगे हिस्सा

……………………… नई दिल्ली ………………….. संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सप्ताह के दौरान सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर कार्रवाई में तेजी लाने के लिए प्रति वर्ष एक समर्पित अद्वितीय आयोजन होता हैं। इस वर्ष यह आयोजन 21 से 23 सितंबर 2022 तक की अवधि में होना सुनिश्चित हैं। संयुक्त राष्ट्र नेतृत्व के उच्चतम स्तरों से […]

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उगता भारत न्यूज़

धर्म में युद्ध और युद्ध में धर्म की अनोखी परंपरा रही है भारत की :—- डॉ राकेश कुमार आर्य “हमारा स्वर्णिम अतीत : विश्व गुरु के रूप में भारत” हुई वेबीनार संपन्न

महरौनी (ललितपुर) । महर्षि दयानंद सरस्वती योग संस्थान आर्यसमाज महरौनी जिला ललितपुर के तत्वावधान में आर्यरत्न शिक्षक लखन लाल आर्य के संयोजकत्व में आयोजित वैदिक धर्म के मर्म को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के शिवसंकल्प से संकल्पित होकर लगभग दो वर्षों से अनवरत चल रहे आर्यों के महाकुंभ कार्यक्रम में दिनांक 10 सितम्बर 2022 को […]

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कृषि जगत

प्राचीन भारत में चावल और चावल की खेती का महत्व

चावल का जिक्र किसी भी बाइबिल में नहीं आता, ईजिप्ट की सभ्यता भी इसका जिक्र नहीं करती। पश्चिम की ओर पहली बार इसे सिकंदर लेकर गया और अरस्तु ने इसका जिक्र “ओरीज़ोन” नाम से किया है। नील की घाटी में तो पहली बार 639 AD के लगभग इसकी खेती का जिक्र मिलता है। ध्यान देने […]

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कृषि जगत

प्राचीन भारत में कृषि खेती : रकेशर यानी ऋषि जो चंद्रेश्वर है !

#ऋषि_पंचमी लोक हमेशा शास्त्र की व्यावहारिक पृष्ठभूमि को धारण करता है। शास्त्र के सत्य लोक से अधिग्रहित होते हैं और कहीं न कहीं उनका व्यावहारिक पक्ष प्रकट रूप होता ही है। पूर्वजों की स्मृति का पर्व ऋषि पंचमी है। अनेक स्थानों पर इस दिन सरोवर या नदी के तट की पवित्र मिट्टी से सप्त ऋषि […]

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कृषि जगत

भारतीय संस्कृति की महानता : ऋषि या कृषि पंचमी ?

भादौ की पंचमी को ऋषि पंचमी के रूप में मनाया जाता है। मैं अकसर देखता हूं कि इस दिन व्रतार्थी महिलाएं अपने घर के आसपास खड़ी वनस्‍पति को खोजने जाती हैं। सांवा, मलीचि, अपामार्ग, दूर्वा आदि को खोजती है और उखाड़कर ले आती है। घर पर उनको पीले परिधान या धागों में लपेटती हैं और […]

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