कुशल लेखक और विशिष्ट एवं अद्भुत साहित्यिक प्रतिभा के धनी श्री विजेन्द्र सिंह आर्य स्वनामधन्य विद्वान थे, जो अब हमारे बीच नहीं रहे। आधा दर्जन से अधिक पुस्तकों के लेखक श्री विजेंद्र सिंह आर्य का जन्म दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट के प्रांगण में स्थित सरकारी कर्मचारियों के लिए आवंटित क्वार्टर्स में 22 अगस्त 1947 […]
लेखक: अमन आर्य
लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार आ गया है! EC ने 2024 लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. हम, भाजपा-एनडीए, चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हम सभी क्षेत्रों में सुशासन और सेवा वितरण के अपने ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर लोगों के पास जा रहे हैं। #PirEkBaarModiSarkar दस साल पहले, हमारे […]
जब आप संसार में रहते हैं, तब आपके संबंध अनेक व्यक्तियों के साथ होते हैं। जैसे माता पिता भाई बहन चाचा चाची इत्यादि। *”परंतु ये संबंध तभी तक रहते हैं, जब तक आप जीवित हैं। जीवन समाप्त होते ही अर्थात शरीर छोड़ते ही आपके ये सारे संबंध भी समाप्त हो जाते हैं। क्योंकि आप आत्मा […]
हम संसार में देखते हैं कि “जब व्यक्ति अनपढ़ होता है, तो उसमें अभिमान कम होता है। जब वह कुछ पढ़ लिखकर विद्वान बन जाता है, तो उसमें अभिमान भी बढ़ जाता है।” “यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, कि कुछ शास्त्रों को पढ़कर व्यक्ति में अभिमान आता ही है।” परंतु इस अभिमान से बचने का […]
“अपने जीवन को सुंदर और सुखमय कौन नहीं बनाना चाहता? सभी चाहते हैं। परंतु उस की विधि ठीक प्रकार से नहीं जानते।” वेदों के आधार पर ऋषियों ने इस विधि को अपने शास्त्रों में विस्तार से समझाया है। उनका संदेश इस प्रकार से है, कि “यदि आप अपने जीवन को सुंदर एवं सुखमय बनाना चाहते […]
संसार में दो प्रकार का सुख है। एक विषय सुख और दूसरा आध्यात्मिक सुख। दोनों विपरीत दिशाओं में रखें हैं। “विषय सुख बाह्य इंद्रियों से मिलता है, जबकि आध्यात्मिक सुख अंदर से मिलता है। रूप रस गन्ध आदि विषयों का सुख, आंख रसना नाक आदि इंद्रियों से भोगा जाता है। जबकि आध्यात्मिक सुख अंदर से […]
मॉरीशस। वेद के सार्वभौम सिद्धांतों को अपनाने से ही विश्व शांति संभव है। सृष्टि के प्रारंभ में परमपिता परमेश्वर ने वेद का ज्ञान अग्नि, वायु ,आदित्य और अंगिरा जैसे ऋषियों के हृदय में प्रदान किया। जिन्होंने परमपिता परमेश्वर के संदेश को अपने लिए आदेश मानकर आने वाली पीढ़ियों के लिए आगे बढ़ाया। वेद के सिद्धांत […]
गुरुग्राम । जब व्यक्ति की प्रतिभा सिर चढ़कर बोलने लगती है तो उससे बड़े से बड़े कार्य करवाने में सक्षम हो जाती है । यही स्थिति है देश के प्रतिष्ठित और सुप्रसिद्ध इतिहासकार डॉ विनय कुमार सिंघल की। जिनकी प्रतिभा उन्हें निरंतर जागरूक बने रहकर कार्यशील बनाए रखने में सहायता करती है। उसी के चलते […]
जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी, बेणेश्वर पीठाधीश्वर श्री अच्युतानंद जी महाराज एवं पं. कमलेश शास्त्री ने किया विमोचन डूंगरपुर, 22 फरवरी/लेखिका व कवयित्री श्रीमती प्रतिज्ञा भट्ट के गीत संग्रह ‘उम्मीदों के दीये’ का विमोचन श्री हरि मन्दिर साबला में आयोजित कार्यक्रम में राजस्थान के जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी, बेणेश्वर पीठाधीश्वर […]
संसार में तीन वस्तुएं हैं, साध्य, साधक और साधन। “‘साध्य’ का अर्थ है जिसे हम सिद्ध करना चाहते हैं या प्राप्त करना चाहते हैं। ‘साधक’ उसे कहते हैं जो साध्य को प्राप्त करना चाहता है। और ‘साधन’ उसे कहते हैं जिसकी सहायता से साधक अपने साध्य तक पहुंच पाता है।” “इन वैदिक परिभाषाओं के अनुसार […]