*यदि हम खुद के जीवन को सुधारेंगे तो सब व्यवस्थित हो जाएगा *

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हम तीन तरीके से ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं । पहले चिंतन द्वारा , जो सबसे उत्तम है ।
दूसरा अनुकरण द्वारा ,जो सबसे आसान है।
तीसरा अनुभव द्वारा ,जो सबसे कड़वा है।
हमारे पास दो जीवन है और दूसरा तब शुरू होता है जब हमें एहसास होता है कि हमारे पास केवल एक ही है। दूसरों में मौजूद बुराई पर हमला करने के बजाय अपने अंदर मौजूद बुराई पर हमला करो । दूसरों के प्रति विचारशीलता अच्छे जीवन और अच्छे समाज का आधार है । यदि हृदय में मानवता है ,तो चरित्र में सुंदरता होगी । यदि चरित्र में सुंदरता है तो घर में सद्भाव होगा । यदि घर में सद्भाव है तो राष्ट्र में व्यवस्था होगी ।जब राष्ट्र में व्यवस्था होगी तो दुनिया में शांति होगी , इसलिए दुनिया को व्यवस्थित करने के लिए हमें पहले राष्ट्र को व्यवस्थित करना होगा । राष्ट्र को व्यवस्थित करने के लिए हमें पहले परिवार को व्यवस्थित करना होगा । परिवार को व्यवस्थित करने के लिए हमें पहले अपने व्यक्तिगत जीवन को सुधारना होगा । इन सबसे पहले हमें अपने दिलों को सही करना होगा , और जब यह स्पष्ट हो जाए कि लक्षयों तक नहीं पहुंचा जा सकता तो लक्ष्य को समायोजित न करें , बल्कि कार्रवाई के चरणों को समायोजित करें । और एक श्रेष्ठ व्यक्ति की तरह हमेशा पुण्य के बारे में सोचें , न की सामान्य व्यक्ति की तरह जो हमेशा आराम के बारे में सोचता है । आराम करना आसान है और सभी इस रास्ते को चुनते हैं । नफरत करना आसान है और प्यार करना मुश्किल । पूरी चीज इसी तरह काम करती है। सभी अच्छी चीज पाना मुश्किल है ,और बुरी चीज पाना बहुत आसान है। इसलिए बदलाव जरूरी है।
समय नदी के पानी की तरह बह जाता है ,और जो स्वयं पर विजय प्राप्त कर लेता है, वह सबसे शक्तिशाली योद्धा है इस बात की चिंता मत करो कि कोई तुम्हें नहीं जानता ।जानने लायक बनने का प्रयास करो ।
जब हवा चलती है तो शक्तिशाली पेड़ टूट जाते हैं, पर घास झुक जाती है और टूटती नहीं । हवा से टूटने वाले शक्तिशाली पेड़ से घास अधिक मजबूत है इसलिए खुश रहिए , क्योंकि एक खुशी सौ चिताओं को दूर कर देती है। जीवन की अपेक्षाएं परिश्रम पर निर्भर करती हैं । जो मैकेनिक अपने काम को सही करना चाहता है उसे पहले अपने औजारों को तेज करना होगा । दृढ़ता के बिना एक आदमी कभी भी एक अच्छा जादूगर ,या एक अच्छा चिकित्सक नहीं बन सकता । जैसे पानी अपने बर्तन के अनुरूप खुद को डाल लेता है वैसे ही एक बुद्धिमान व्यक्ति खुद को परिस्थितियों के अनुरूप डाल लेता है । यदि आपकी इच्छा भलाई के लिए है तो लोग अच्छे होंगे ।
जो आदमी दो खरगोशों का पीछा करता है वह किसी को नहीं पकड़ पाता । इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितनी धीमी गति से चलते हैं , जब तक आप रुकते नहीं है। क्योंकि पहाड़ को हिलाने वाला व्यक्ति छोटे-छोटे पत्थरों को हटाकर काम शुरू करता है ,वही कामयाब हो पाता है।

🚩प्राणियों में सद्भावना हो विश्व का कल्याण हो वसुधैव कुटुंबकम🚩

🌷।।༺꧁ सत्यमेव-जयते!꧂༻।।🌷
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🙏 * नीति,नियती,कर्म ही महान।🙏
🚩 “” हम सुधरेंगे युग सुधरेगा “”÷ 🚩 🌱 ▬▬▬▬▬๑⁂❋⁂๑▬▬▬▬▬
🙏उमेश खण्डेलवाल फाउंडेशन ट्रस्ट भुवनेश्वर🙏

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