पश्चिम बंगाल में लोगों में प्रेम, सम्मान तो छोड़िए करुणा तक खत्म हो गई,

अंत अस्ति प्रारंभ… शिव प्रत्येक गंदगी का अंत करते हैं, प्रत्येक विनाश एक नए सृजन को जन्म देता है, फिर चाहे वो मानसिक हो, व्यावहारिक अथवा अन्य कोई…

क्योंकि YO म्हारा संदेश नहीं, महा विचार बाबा जी द्वारा भेजा गया है, अवतार तो खैर ऐसे वातावरण में भगवान भी क्या ही लेंगे, इतनी गंदगी में, इसलिए कलियुग में जिन्हें आना था, ये उन महानुभाव के लिए है, वहां तक पहुंचना जरूरी है हम सभी अब जहां तक पहुंच गए हैं, वहां से आगे जाने का यही समय है, सही समय है… अंत की शुरुआत की अच्छी बात ये है, कि ये एक नया आरंभ लेकर आती है…

पश्चिम बंगाल में लोगों में प्रेम, सम्मान तो छोड़िए करुणा तक खत्म हो गई, शूर्पणखा का ऐसा निर्मम शासन रहा की महिला सुरक्षा छोड़िए, दरिंदे महिला डॉक्टर के सामूहिक बलात्कार और जघन्य हत्या के बाद, अब आम जनता की सामूहिक चेतना तक का बलात्कार कर रहे हैं!

जेहादी महताब खान लिखता है: काश मैं भी उन 7-8 लोगों में होता, क्या मस्त माल है
जेहादन राबिया शाह लिखती है: तुम कैसे 10 में से 10 लोगों को खुश कर सकती हो ? मेरा उत्तर: ऐसे
जेहादी अल्मास चौधरी लिखता है: एक साथ 8 लड़कों को फारिग कर दिया
जेहादी इश्तियाक अहमद लिखता है: RIP मतलब Rape In Peace

थू है, ऐसे घटिया, नापाक, मजा हब को मानने वालों पर, और धिक्कार है, ऐसे जूतिया गैर इस्लामिक काफिरों पर, जो इस जेहादी कौम से किसी भी तरह का संबंध रखते हैं!?

जेहादी सोच का विकास, विस्वास और साथ छोड़ो, घटिया सोच की परछाई से भी परहेज करना चाहिए!

सोचिए, जब ऐसी घटिया, ममताराज में, पश्चिम बंगाल के, कोलकाता की उस पीड़िता के लिए इंटरनेट पर है, जिसका भयावह सामूहिक बलात्कार, सार्वजनिक अस्पताल की बिल्डिंग में किया गया, और इसके बाद बलात्कारियों ने उसकी निर्मम हत्या कर दी, पछतावा तक नहीं है, तो चार दीवारों के अंदर, मौलाना की गिरफ्त में, इनके मदरसों और मस्जिदों में कैसा घटिया सोच का वातावरण होगा!?

जब पूरा देश दरिंदों को फांसी की मांग कर रहा है, ये कौन सी मजा हबी सोच है, जो बलात्कार पीड़िता के भी बलात्कार से बाज नहीं आ रही है, इसका मतलब बुनियाद में ही गंदगी है!

विचार कीजिए, जिस घटिया समाज में ऐसे हैवान रहते होंगे, वहां क्या हमारी व आपकी बेटियां सुरक्षित रह सकेंगी?

10 साल से केंद्र सरकार से, गृहमंत्री, प्रधानमंत्री से, राष्ट्रपति शासन की गुहार लगा रहे बहुसंख्यक हिंदुओं की एक आवाज नहीं सुनी गई, गवर्नर, ईडी पत्रकार किसी की नहीं सुनी गई, आखिरकार पश्चिम बंगाल भ्रष्ट अनैतिक अराजक सत्ता संरक्षण में हैवानियत का ऐसा अड्डा बना दिया गया कि अब वहां राष्ट्रपति शासन की जरूरत बिलकुल नहीं है, बल्कि स्वच्छ भारत अभियान की जरूरत है!

ऐसे दरिंदो को एक एक कर चुन चुन कर मारने की जरूरत है, सरकार को तत्काल प्रभाव से भारत के आंतरिक सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को ऑपरेशन क्लीन बंगाल की कमान सौंपनी चाहिए, और किसी के बस की बात नहीं, आतंकवाद की जड़ को खत्म कर सकना!

भारत के तमाम धार्मिक, सामाजिक, वैचारिक संगठनों को एकजुट होकर, आरएसएस, विवेकानंद केंद्र टाइप, दुनिया भर के बौद्धिक, वैचारिक संस्कार कार्यक्रमों में ऊर्जा स्खलित ना करें, जान लें, आनंदमठ के वन्देमातरम् का, राष्ट्रहित में सही नैरेटिव देने का, यही समय है, सही समय है, अभी नहीं तो कभी नहीं, ये अंतिम अवसर है, खुलकर अपनी बात कहें, और हुंकार लगाएं, जो हिंदू हित की बात नहीं, काम करेगा, वही देश पर राज करेगा!

यदि, बांग्लादेश में हिंदुओं की सामूहिक हत्या पर एकमात्र मुखर राजनेता, धर्म सूर्य योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री बनाने की आवश्यकता है, तो इसमें देरी करने से कोई लाभ नहीं, शत्रु अपनी ताकत ही बढ़ाएगा, जैसे पिछले दस वर्ष में, ईमानदार, कर्मठ, राष्ट्रवादी लेकिन सबको साथ लेकर चलने वाले नरम प्रधानमंत्री मोदी के राज में हुआ!

भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी योग्य व्यक्ति को बनाए जाने की आवश्यकता है, फिर। जाए वो नितिन गडकरी हों या राजनाथ सिंह, सड़कों और सीमाओं की सुरक्षा निश्चित तौर पर जरूरी है, लेकिन इसके साथ ही, देश के भीतर रह रहे, नागरिकों की सुरक्षा भी बहुत जरूरी है!

जिस देश के नागरिकों को सरकार, पुलिस, सेना, कोर्ट, मीडिया, धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक संगठन मिलकर सुरक्षित नहीं रख सकते, उसकी सीमाओं को खंडित होते समय नहीं लगता, सारा विकास मिट्टी हो जायेगा, मंदिर फिर तोड़ दिए जायेंगे, सोने की चिड़िया था जो कभी अखंड भारत, वो आज पंख उधेड़ा हुआ, स्टालिन का मुर्गा बना हुआ है, दाना चुग रहा है, उन्हीं हाथों से, जिन्होंने पंख उधेड़े हैं!

क्रांतिकारी कामरेड, जब दलाल भ्रष्ट राजनेताओं के साथ, फेसबुक पर गलबहियां कर रहे हों, धूर्त भारत विरोधी ताकतों के टुकड़ों पर पलने वाले चादरमोद रंगे हुए सियार जब, एक दूसरे को कांप्लीमेंट करते हुए, शेर बता रहे हों, समझ जाओ अंत की शुरुआत हो चुकी है…

सोचकर देखो, जब 2014 में हिंदुओं की सरकार आने के बाद भी, 2024 में सीमाओं की सुरक्षा करने वाले सैनिकों के गांव, घर, गली, मोहल्ले, शहर, राज्य सुरक्षित नहीं हैं, महिलाएं, बेटियां, युवा, सुरक्षित नहीं हैं, तो ऐसे विकसित भारत का 2047 में क्या हाल होगा, आप चाहें तो इसका केवल अंदाजा ही लगा सकते हैं!?

जो अभी भी अंदाज नहीं लगा सकते वो भाईचारा निभाते रहें, घटिया हलाल की केमिकल वाली बिरयानी खाते रहें!

सनद रहे, सबको मारा नहीं जायेगा, बांग्लादेश में भी सबको नहीं मारा गया, किसी भी काल, परिस्थिति समय में सबको नहीं मारा जा सकता, व्यवस्था कैसे चलेगी, केवल कुछ को मारकर, बलात्कार कर, हत्या कर उदाहरण बनाया जाता है?

बचे हुए हिंदुओं को बाकियों को, जैसे बांग्लादेश में सामूहिक कलमा पढ़वा दिया गया, यहां भी यही होगा!

गुल्ली काटकर, टोपी पहनाकर, बुर्का डालकर, हिंजड़ा ख्वाजा, साईं, पीर, फकीर, मजार दरगाह पर मत्था रगड़ने वाला मानसिक गुलाम बना दिया जाएगा!

ठीक वैसे ही, जैसे कबायली मुगल लुटेरों द्वारा, आज भारत का कन्वर्ट मुसलमान बना हुआ है, जाहिल, जेहादी, काफिरों को दुश्मन समझने वाला, अपने ही राम के खिलाफ, अल्ला मुल्ला बलात्कार का नारा ए तदबीर लगता जूतिया, क्योंकि वो नहीं जानता, आज का मुसलमान कल का हिंदू ही है, ऐसे ही जैसे, आज का हिंदू, कल का मुसलमान होगा, जैसे अभी बांग्लादेश में चल रहा है!

अब तो जागो मूढ़मति, अबहुं चेत गंवार कोई नहीं बचाएगा, अपने हक किए आवाज उठानी होगी, वोट दो पर जिनको वोट देकर सत्ता में बैठाया है उनसे पूछो तो सही, आखिर पश्चिम बंगाल में क्या किया ठुल्लू!?

हिंदुओं जब अपनी ही सरकार से पूछने में डर रहे हो, तो कल जब कन्वर्ट हो चुके नमाज की सपा और आधुनिक मुस्लिम लीग, कांग्रेस अपने महा ठग बंधन के गठजोड़ से, खटाखट झूठ मूठ बरगलाकर, मुफ्तखोरी से, लालच से, जातिवाद से, परिवारवादी सत्ता में वापस आएगी, तब क्या करोगे!?

पहले की तरह, कन्वर्ट हो जाओगे, पुरखों की, पीढ़ियों की नाक कटवा दोगे, या अपनी गर्दन करवाओगे, डोडो 🦤 बने रहने के सिवाय, हलाल हो जाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करने के सिवाय क्या कोई और उपाय नहीं है तुम्हारे पास, या फिर नमाजवादियों की चरणवंदना कर जीवनयापन करोगे?

कम से कम इतना तो करो कि आज से अभी से प्रण ले लो, जहां भी हलाल होगा वो केमिकल नहीं खाओगे, सस्ता 100 का तीन दे चाहे चार चाहे पांच, अंदर केमिकल है, बिना रंग का, बिना स्वाद का धीमा जहर, कैंसर से भी घातक, पहले स्कैन करोगे, फिर व्यवहार करोगे!

अपने गांव, घर, गली, मोहल्ले में, साईं, पीर, फकीर, ख्वाजा, वाला दिखते ही दूरी बनाओगे, क्योंकि ये छद्म शत्रु है, नारा ए तदबीर, अल्ला मुल्ला बलात्कार का लाउड स्पीकर, बजते ही आपको मारने खड़ा हो जायेगा!

इसलिए लिख लो, जहां नहीं राम राम, वहां नहीं कोई काम चाहे कोई भी हो, और चाहे कितना ही तात्कालिक फायदा देता हो, कितना भी सस्ता हो, कितना भी अच्छा दिखता हो!

अब, भारत के ऐसे प्रधानमंत्री जिन्होंने खुद को प्रधानसेवक कहा, सम्माननीय मोदी जी के स्टाइल में पूरे भारत को प्रधानमंत्री को संदेश देना चाहिए की नहीं मोदी जी आप ही बताएं, इस रक्षाबंधन के बाद, आपकी हमारी प्यारी बहन, महरुन्निसा बेगम ऊर्फ ममता दीदी का राज खत्म होना चाहिए की नहीं!?

घटिया संबंधों को खत्म करना चाहिए, ढोते रहने का कोई फायदा नहीं, व्यक्तिगत हो चाहे, पर समाज को, धर्म को, राष्ट्र को बिलकुल नहीं… शांति, सुख और संतुष्टि का एकमात्र सूत्र आपके लिए है खास… उन संबंधों व्यक्तियों को भुला देना चाहिए, जिन्हें, आप माफ नहीं कर सकते, और उनको माफ कर देना चाहिए, जिन्हें, आप चाहकर भी भुला नहीं सकते!

जहां से अंत होता है, वहीं से कुछ नए की शुरुआत होती है… The end is the beginning…

आने वाले स्वच्छ अखंड भारत हेतु शुभ हो प्रत्येक प्रभात!

धर्म की जय हो,
अधर्म का नाश हो,
प्राणियों मे सद्भावना हो,
विश्व का कल्याण हो!

भारत माता की जय🇮🇳
वंदेमातरम्🚩

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