वर्तमान में आर्य समाज के प्रचारार्थ कुछ सुझाव

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१. शिक्षा का राष्ट्रीयकरण हो-

२- शिक्षा का वैदिक पाठ्यु क्रम हो ,

३- सम्पूर्ण राष्ट्र में देवनागरी लिपि हो-

४- प्रथम कक्षा से संस्कृत पठन-पाठन अनिवार्य हो-

५-राष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड एक हो-

६- लड़के-लडकियों के स्कूल अलग-अलग हों,

७- चिकित्सा का राष्ट्रीयकरण हो

८- न्याय व्यवस्था निःशुल्क प्रदान की जाय –

९-जन्म-मृत्यु-शिक्षा-रोजगार पत्र से जाति-सम्प्रदाय कालम समाप्त किया जाय –

१०-राष्ट्र में वृद्धों को समान गुजारा भत्ता दिया जाय –

११- धर्म नाम-सम्प्रदाय परिवर्तन पर रोक लगाई जाए , अर्थात बन्द करें –

१२-मिक्षावृत्ति-माँसाहार-नशीले पदार्थ शराब प्रतिबन्धित हों –

१३ – चरित्रहीन दोषियों को अतिशीघ्र मृत्यु दण्ड दिया जाय,

१४- जनसंख्या नियन्त्रण कानून बनाया जाय –

१५- विधेयक प्रस्ताव पर पार्टी व्हिप जारी न किया जाय –

१६- विधायक-सांसद स्वतन्त्र मतदान करें,

१७-गलियों में रेम-बालकनी ,छज्जे-खेतों के रास्तों के अतिक्रमण हटाये जाएं-

१८ गाँव में तालाब व खेल मैदान का प्रबंध किया जाय,

१९- धर्म नाम दान-८० जी धारा को हटाया जाय ,

२०- संविधान विधेयक नागरिक स्तर पर पारित हो,

२१-विधायक- सांसदों को कार्यकाल के बाद सामान्य नागरिक व्यवस्था दी जाय ,

२२- संसद में वार्ता देवनागरी भाषा में प्रचारित हो,

२३-विधायक-सांसद-प्रधान-सदस्यों की शिक्षा-आयु चरित्र- सम्पत्ति आदि निर्धारित व प्रमाणित की जाय ,

२४ – राष्ट्र में जीएसटी समान हो, फिर समान नागरिक संहिता -क्रय-विक्रय मूल्य भी समान हो –

२५- प्रत्येक वस्तु निर्माण लागत पर लाभ प्रतिशत भी समान हो –

नोटः

१. मुख्य मन्त्री / प्रत्येक आर्य समाज / डी.एम / मुख्यमंत्री /प्रधान मन्त्री/ राष्ट्रपति को हस्ताक्षरित ज्ञापन दें,

२- प्रजा में प्रचार भी करें, – पोस्टर- होर्डिंग-दीवार लेखन-आदि प्रचार भी करें।–

स्वामी – ओमानन्द परिव्राजक –

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