कांग्रेसी और गठबंधन नेताओं के सेकुलर बयान

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जैसे जैसे लोकसभा के चुनाव पास आते जा रहे हैं वैसे वैसे कांग्रेसी मानसिकता वाले नेता खुद को सबसे बड़ा सेकुलर और देशप्रेमी संगठनों और पार्टियों को सम्प्रदायवादी साबित करने में जुट गए हैं . यदि हम गम्भीरता से विचार करें तो सेकुलरिज्म हिन्दूविरोध का पर्याय बन गया है , अर्थात जो भी हिंदुओं को जितना सम्प्रदायवादी बतायेगा या उनकी आस्थाओं पर जितना अधिक आघात करेगा वह उतना बड़ा सेकुलर माना जायेगा . वास्तव में यह सेकुलर समाज को तोड़ने और दो भागों में बांटने की इस्लाम की नीति का पालन कर रहे हैं , जैसे मुहम्मद ने इस्लाम की बुनियाद रखते ही एक झटके में दुनिया के लोगों को मुस्लिम और काफिर इन दो वर्गों में बाँट दिया था . उसी तरह इन कांग्रेस और उनके साथियों ने मुस्लिम वोटों के लिए भारत के लोगों को सेकुलर और गैर सेकुलर वर्गों में विभाजित करके वैमनस्य का बीज बो दिया है , जो आगे चल कर देश को कई टुकड़ों में बाँट सकता है , जिस से मुसलमानों की मंशा पूरी हो जायेगी .
लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि इस सेकुलरिज्म यानि हिन्दू विरोध की नीति का बीज नेहरु ने सन 1952 में ही बो दिया था , क्योंकि बह एक मुसलमान गयासुद्दीन गाजी का वंशज था , नेहरू के बाद उसकी दोगली वर्णसंकर संताने उस बीज को खाद पानी देती रहीं , और आज वह बीज एक विषैला वृक्ष बन गया है ,
इसका प्रमाण इन तथाकथित सेकुलरों द्वारा समय समय पर दिए गए बयानों से पता चलता है , हिंदी में कहावत है कि बात से इंसान की औकात का पता चलता है , इसलिए यहाँ इन कुख्यात सेकुलरों के कुछ बयान दिए जा रहे हैं , जिन्हें पढ़ कर पाठकों को अंदाजा हो जाएगा कि ऐसे सेकुलर नेताओं और उनकी पार्टियों को वोट देना कितना घातक होगा . हम उन नेताओं के नाम , और बयानों के साथ तारीख भी दे रहे हैं , कि उन्होंने यह बात कब कही थी ,

1-जवाहर लाल नेहरु – ” अगर हम गायों की रक्षा करने लगें , तो लोग कहेंगे कि हम देश को 15 वीं सदी में ले जा रहे हैं “(सन 1952 )

2-शरद पवार-( कृषि मंत्री )-“गायों के मारने से देश को कोई नुकसान नहीं होगा , बल्कि गायों को बचाने से बड़ी समस्या हो जायेगी ”
(21/12/2013)

3-राहुल गांधी- “देश की सबसे बड़ी समस्या कट्टर हिंदुओं की बढ़ती हुई संख्या है “(17//12/2013
4-आजम खान- (समाज वादी पार्टी ) भारत माता देवी नहीं एक पिशाचनी है “(22/12/2013)

5-हामिद अंसारी- (उप राष्ट्रपति ) ” मैं वंदे मातरम नहीं गा सकता “(13/5/2013)

6-अजीत पवार – ” उप मुख्य मंत्री महा राष्ट्र ” यदि बांधों में पानी नहीं है ,तो क्या मैं पेशाब से बांध भर डालूँ ”
(.8/4/2013)

7-भीम सिंह -( बिहार के ग्रामीण कार्य मंत्री ” लोग पुलिस और सेना में सिर्फ मरने के लिए ही भर्ती होते हैं (8/8/2013)

8-सलमान खुर्शीद- ( कानून मंत्री ) “बटला हाउस में आतंकियों के मारे जाने की खबर मिलने पर सोनिया की आँखों से आंसू बहने लगे ”
(20/2/2013)

9-भक्त चरण दास -( उड़ीसा के मंत्री ) यदि सोनिया जी का आदेश हो तो मैं उनके फर्श पर झाड़ू लगाने को तैयार हूँ ”
10-मन मोहन सिंह- ( प्रधान मंत्री ) गरीब लोग अधिक खाते हैं , यही मंहगायी का कारण है “(14/1/2011)

11-चिदंबरम – ” मंहगाई का मुख्य कारण लोगों का अधिक खाना है “(13/12/2013

12-चिदंबरम- “ईस्ट इण्डिया कंपनी ने भारत को 400 सालों तक लूटा , फिर भी हम अंगरेजों को भारत में अगले 200 साल केलिए यहाँ आने का निमंत्रण देते हैं ” ( लन्दन में 1999 में दिया बयान )
13-चिदंबरम- “लोग सोना अधिक खरीद रहे हैं , इस से मंहगाई बढ़ रही है ” (30/11/2013)

14-मन मोहन -“रूपया पेड़ों पर नहीं उगता है ” (21/9/2013)

15-सोनिया गंदी – “नरेंद्र मोदी मौत का सौदागर है ” ( 6/4/2013)

16-ए के एंटोनी- (रक्षा मंत्री ) ” हमारे सैनकों को पाकिस्तानी सैना के लोगों ने नहीं मारा , उनकी वर्दी पहने हुए आतंकियों ने मारा था ” (7/8/2013)
17-सुशील कुमार शिंदे- ( गृहमंत्री ) ” लोग जिस तरह से बोफोर्स घोटाले को भूल गए हैं ,उसी तरह हमारे घोटाले भी भूल जायेंगे ” (15/9/2012 )

18-राहुल गंदी – यू पी के लोग भिखारी हैं ,जो पजाब और गुजरात जाकर भीख माँगते हैं ” ( 4/9/2013)

19-मनमोहन सिंह – ” मंहगायी मिटाने के लिए मेरे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है ” ( 23/1/2014)

20-राहुल गंदी – देश में कोई भी गरीब नहीं है , गरीबी तो एक मानसिकता की अवस्था है ”

यह उन ऐसे लोगों के बयान हैं , जो खुद को सेकुलर और विरोधियों को सम्प्रदायवादी बताते हुए थकते नहीं ,इन लोगों के यह सभी बयान अखबारों , और टी चैनलों से जमा किये गए हैं . ऐसे बयानों से इन लोगों के सेकुलरिज्म का नंगा सच उजागर होता है .

ऐसा सेकुलरिज्म को देश , और भारतीय समाज के लिए इतने हीन विचार रखता हो , उस से कट्टर हिंदूवादी होना लाख गुना बेहतर है .

इसलिए गर्व से कहिये कि ” हाँ हाँ हम सेकुलर नहीं हैं !

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