*रखना इतना ध्यान अब देश न जाए हार*
रखना इतना ध्यान अब देश न जाए हार
जाति-पांति मत पंथ धन देना सभी बिसार।
रखना इतना ध्यान सब देश न जाए हार।
उठा तर्जनी ध्यान से मान सुदर्शन चक्र।
बढ़े मान-सम्मान सुख भाग्य न होगा वक्र।
बटन दबा सम्मान से रखकर साथ विवेक।
राष्ट्रदेव आराध ले तज कर स्वार्थ अनेक।
शक्ति बड़ी है वोट की कभी न जाना भूल।
चुन मत लेना भूलकर ये कागज के फूल।
आँख रखो निज लक्ष्य पर जीना सीना तान।
बल विक्रम फिर याद कर ओ मेरे हनुमान।
लोकतंत्र का पर्व है इसको मना सहर्ष।
फिर से बने न इंडिया प्यारा भारतवर्ष।
अपना सीना तान कर देने जाना वोट।
मरें प्यार से दुष्ट सब मारो ऐसी चोट ।
गर्जन-तर्जन है बहुत मान तर्जनी-बात।
लड़-भिड़ कर मर जायगी बिन दूल्हा-बारात।
पिकनिक विकनिक छोड़ कर करो सफल मतदान।
राष्ट्र द्रोह निज राष्ट्र से मत करना नादान।
डॉ.सारस्वत मोहन मनीषी
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