आओ मित्र एक कप चाय , साथ-साथ पी लें !

🌻कुहरे में डूबी हैं सुबह ,
जी भर के जी लें,
आओ मित्र एक कप चाय ,
साथ-साथ पी लें !

मिल-बैठ सुनें ज़रा आओ ,
मौसम की आहट,
ठण्डे हैं पड़ गए रिश्ते ,
भर दें गरमाहट,
मौका हैं चलो दें निकाल ,
कटुता की कीलें,
आओ मित्र एक कप चाय ,
साथ-साथ पी लें !

फिर से इशारों में खेलें ,
प्यार वाला खेल,
जो कुछ भी मन में हैं दबा ,
सब कुछ दें उड़ेल,
मन से हो मन का संवाद ,
होंठों को सी लें…
आओ मित्र एक कप चाय ,
साथ-साथ पी लें !

जितने भी हैं शिकवे-गिले ,
बिसरायें सारे रात के आँचल में मिलकर ,
टाँक दें सितारे,
गहरा न जाये अन्धकार ,
जला दें कंदीलें,
आओ मित्र एक कप चाय ,
साथ-साथ पी लें !!!!

💐💐वन्दन अभिनन्दन!!💐💐

राकेश कुमार चौहान

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