खाने के शौकीनों की पसंदीदा जगह

सुबह सवेरे नाश्ते में गर्मागर्म परांठे खाने को मिल जाएं तो खाने वाले की बल्ले बल्ले हो जाती है। शायद परांठा दुनिया का एकमात्र ऐसा आहार है, जिसके नाम पर एक सड़क का नाम रखा गया है। 1650 में मुगल बादशाह शाहजहां ने जब चांदनी चौक बसाया था तब से अब तक करीब तीन सदियां देख चुकी दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित परांठे वाली गली में कुछ दुकानें शुद्ध देसी घी में करीब 50 तरह के परांठे बनाती हैं। ये परांठे तवे पर नहीं बल्कि कढ़ाही में बनाए जाते हैं।

पिछले करीब 65 साल से परांठे वाली गली में अपने 16 तरह के परांठों से दिल्ली वालों को दीवाना बनाने वाली दुकान ‘काके-दी-हट्टी‘ के संचालक सरदार गुरदीप सिंह ने बताया, ‘‘सुबह आठ बजे से ही लोगों का आना शुरू हो जाता है और हमारे यहां 16 तरह के परांठे बनते हैं। इन्हें हम सरसों के तेल में बनाते हैं और ऊपर से मक्खन डालते हैं।‘‘ उन्होंने बताया कि आलू, गोभी, धनिया, पुदीना, पनीर से लेकर मशरूम तक 16 तरह के परांठों की कीमत 25 रूपये से शुरू होती है और पनीर का एक परांठा 80 रुपये में मिलता है।

परांठे वाली गली की तर्ज पर ब्रिटेन में प्रसिद्ध ‘मेला रेस्टोरेंट‘ और मुंबई में ‘ओनली परांठा रेस्टोरेंट‘ की स्थापना की गई। 1984 के दंगों में परांठे वाली गली भी चपेट में आ गई थी, लेकिन स्वाद ने हर तरह की हिंसा और नफरत पर बाजी मार ली और यहां देसी घी की सुगंध और स्वाद की बहार फिर लौट आई। परांठे वाली गली बॉलीवुड के फिल्म निर्माताओं की भी पसंदीदा है। पुरानी दिल्ली को दिखाते वक्त वे इस गली की नकल तैयार करते हैं ताकि पुरानी दिल्ली का अहसास हो सके।

चांदनी चौक नागरिक मंच के सचिव प्रवीण शंकर कपूर कहते हैं, ‘‘वास्तव में किसी फिल्म की शूटिंग परांठे वाली गली में नहीं हुई। हां, शूटिंग के लिए इसकी नकल जरूर तैयार की गई है। निर्देशक निखिल आडवानी ने ‘चांदनी चौक टू चाइना‘ की शूटिंग के लिए भी साइकिल बाजार के पास परांठे वाली गली की नकल तैयार की, क्योंकि फिल्म की यूनिट वहां के होटल तारा पैलेस में ठहरी थी।‘‘ होटल तारा पैलेस के संचालक विजेंद्र नागर ने बताया ‘‘चार पांच दिन में उन्होंने परांठे वाली गली का सेट बनाया। हमारे होटल में निखिल और यूनिट के कुछ सदस्य थे, जबकि अक्षय और मिथुन चक्रवर्ती दूसरी जगह ठहरे थे।‘‘ अभिषेक बच्चन और सोनम कपूर की फिल्म दिल्ली 6 की शूटिंग के लिए आई यूनिट भी होटल तारा पैलेस में ही ठहरी थी। इस फिल्म का ज्यादातर हिस्सा पुरानी दिल्ली पर केंद्रित था, लेकिन परांठे वाली गली फिल्म में नहीं दिखाई गई। नागर कहते हैं ‘‘फिल्म के एक दृश्य में एक टैरेस के ऊपर से जामा मस्जिद, लाल किला, गौरी शंकर मंदिर और गुरुद्वारा शीशगंज दिखाया गया है। यह दृश्य हमारे होटल से शूट किया गया था।‘‘ उन्होंने बताया कि सुभाष घई की ‘‘ब्लैक एंड व्हाइट‘‘ के कुछ हिस्से की शूटिंग भी इसी होटल में की गई थी। परांठे वाली गली में जिस मकान में अभिनेता अक्षय कुमार अपनी नानी के साथ रहते थे, उसे कुछ साल पहले एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में तब्दील कर दिया गया।

उनके मामा, मौसी अभी भी वहीं रहते हैं। ‘‘नो वन किल्ड जेसिका‘‘ की शूटिंग के लिए दिल्ली आईं अभिनेत्री विद्या बालन ने अपनी 15 साल पुरानी इच्छा पूरी की और परांठे वाली गली में ‘काके दी हट्टी‘ जा कर परांठा खाया था।

 

 

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