विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना’ की शुरुआत शिल्पकारों और कारीगरों के लिए वरदान

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  • मुरली मनोहर श्रीवास्तव

विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर देश में ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरुआत कर नव प्रयोग किया है। इस योजना का उदेश्य हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों के कौशल को बढ़ावा देना और उत्पादों को देश के कोने-कोने तक पहुंचाना भी योजना का लक्ष्य है। यह केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना के तहत कारीगरों के परिवार के किसी एक व्यक्ति को जोड़ा जाएगा। देश के विकास के साथ हर वर्ग के विकास के लिए लगातार कदम बढ़ाने वाले देश के ओजस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना’ की शुरुआत कर शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए शुरू किया है। इस योजना के तहत वित्त वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक 13 हजार करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान किया गया है। विश्वकर्मा जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत कर देश के 30 लाख लोगों को तोहफा दिया है। इससे राज्य के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के पारंपरिक कारोबारियों तथा हस्तशिल्प की कला करने वालों को प्रदान किया जायेगा। 6 दिन की फ्री ट्रेनिंग के साथ ही 10 हजार रूपए से लेकर 10 लाख रूपए तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 5 फीसदी की ब्याज दर के साथ 1 लाख रुपये पहली किश्त, दो लाख रुपये दूसरी किश्त के तौर पर लोगों को लोन दिया जाएगा। इसके साथ ही कारीगरों को बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग भी मुहैया कराई जाएगी। योजना के लाभार्थियों को 15,000 रुपये के टूलकिट भी सरकार मुहैया कराएगी। इस योजना के बारे में इसी वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषणा की गई थी।
इस योजना के तहत इन 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है। पीएम विश्वकर्मा योजना का फायदा बढ़ई, लोहार, सुनार, राजमिस्त्री, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, ताला बनाने वाले, अस्त्रकार,मूर्तिकार, पत्थर तराशने वाले, पत्थर तोड़ने वाले, मोची/जूता बनाने वाला कारीगर, नाव निर्माता, टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाला, गुड़िया और खिलौना निर्माता, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, फिशिंग नेट निर्माण करने वाले लोगों को मिलेगा। कारीगरों को आर्थिक सहायता देना इस योजना का उद्देश्य है। इससे कारीगरों के पारंपरिक कौशल के अभ्यास को बढ़ावा मिलेगा। यह कारीगरों तक प्रोडक्ट्स और सर्विस को सही से पहुंचाने में मदद करेगी। इस स्कीम के अंतर्गत बायोमेट्रिक आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल का इस्तेमाल करके कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से विश्वकर्माओं का फ्री रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इस योजना में परिवार का केवल एक सदस्य ही आवेदन दे सकता है। कारीगरों को आत्मनिर्भर करने के लिए सरकार 3 लाख रुपये तक का लोन भी देगा। यह लोन दो किस्त में दी जाएगी। इस योजना के जो भी लाभार्थी होंगे उन्हें सरकार द्वारा सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड, बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग से जुड़े स्किल अपग्रेडेशन, 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन, 5%की रियायती ब्याज दर पर एक लाख रुपये (पहली किस्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किस्त) तक कोलेटरल फ्री क्रेडिट सपोर्ट, डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए इन्सेंटिंव और मार्केटिंग सपोर्ट के माध्यम से मान्यता दी जाएगी। योजना में स्किल ट्रेनिंग के साथ 500 रुपये प्रतिदिन स्टाइपेंड भी दिए जाने का प्रावधान है। इस योजना के शुरु होने के साथ देश में हाशिए पर खड़े लोगों को नई ऊर्जा मिलेगी और एक बड़े वर्ग में परिवर्तन देखने को मिलेगा।

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