विपक्ष का महागठबंधन : बिल्ली के गले में घण्टी बांधेगा कौन?✍️

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👉विपक्ष का महागठबंधन : बिल्ली के गले में घण्टी बांधेगा कौन?✍️

2024 लोकसभा चुनाव की सुगबुगाहट अब सुनाई देने लगी है। राजनीतिक गलियारों में विपक्षी पार्टियों के “महागठबंधन” को लेकर चर्चाएं ज़ोरों पर हैं। और उत्तरप्रदेश के राजनीतिक पंडितों में भी यह विषय चर्चा का मुख्य विषय बना हुआ है।

बचपन में हमने एक कहानी पढ़ी थी, “चूहों की सभा”। जिसमें चूहों की एक सभा होती है और उसमें इस बात पर विचार-विमर्श होता है कि बिल्ली के गले में घण्टी कौन बांधेगा?

वर्तमान में ठीक यही स्थिति सम्पूर्ण विपक्ष की है। इस समय समूचा विपक्ष नेतृत्व विहीन है। सभी अपने आपमें नेता हैं। और सभी की एक ही महत्वाकांक्षा है कि वह इस देश के प्रधानमंत्री बने। उधर कांग्रेस के “राजकुंवर” को ख़ुद कांग्रेसी भी अपना नेता स्वीकार करने में हिचकिचाहट महसूस करते हैं। सच पूछिए तो इस समय कांग्रेस तीन धड़ों में बंटी हुई है। एक धड़ा राहुल भक्तों का है, दूसरा प्रियंका वाड्रा का शुभचिंतक है तो तीसरा धड़ा “एंटी गांधी परिवार” है।

राहुल गांधी कई बार अपनी अयोग्यता को वैश्विक पटल पर रख चुके हैं, लेकिन उनकी माताश्री श्रीमती सोनिया गांधी पुत्रमोह में ठीक उसी प्रकार से कांग्रेस का चीरहरण होते हुए देखने पर विवश हैं, जिस प्रकार धृष्टराष्ट्र अपने पुत्र दुर्योधन के मोह में अंधा था। और इसी कारण वह उसकी तमाम अयोग्यताओं और धृष्टताओं को अनदेखा करता गया। यहां तक जनता की आवाज़ भी उसके कानों तक नहीं पहुंच पाई।

प्रियंका वाड्रा का समय अब निकल चुका है। प्रधानमंत्री के रूप में प्रियंका वाड्रा को देश की जनता अब लगभग नकार चुकी है।

अब जहां तक प्रश्न अन्य नेताओं का है तो उसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, महाराष्ट्र के सबसे वरिष्ठ नेता शरद पवार सहित कई नेताओं के मन में इस बार भी लड्डू फूट रहा है। लेकिन इनमें से कोई भी “गांधी परिवार” के प्रति वफादार नहीं है। इन सबकी अपनी-अपनी महत्वकांक्षाएं हैं। उत्तर प्रदेश में बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा मुखिया अखिलेश यादव और लोकदल प्रमुख जयंत चौधरी जैसे नेताओं के लिए “प्रधानमंत्री पद” एक दिवास्वप्न जैसा ही है।

सार-संक्षेप यह है कि सबकी अपनी-अपनी जरूरतें और महत्वकांक्षाएं हैं। सभी अपने-अपने हितों को साधने में लगे हैं, और लगभग सभी यह भलीभांति जानते भी हैं कि 2024 में मोदी को हराना, बिल्ली के गले में घण्टी बांधने जैसा ही है, लेकिन अब भला “एक सभा” करने में किसी का क्या जाता है।

किसान नेता राकेश टिकैत ने एकदम सही ही कहा है कि 2024 में श्री नरेन्द्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे, लेकिन वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे, बल्कि अंततः वह इस देश का राष्ट्रपति पद संभालने वाले हैं।

आने वाले समय में श्री अमित शाह इस देश के प्रधानमंत्री होंगे और श्री योगी आदित्यनाथ गृहमंत्री बनाये जा सकते हैं।

  • ✍️मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री”
    समाचार-सम्पादक उगता भारत
    9058118317

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