मुहम्मद की जन्नत यात्रा की पोल खुल गयी !
मुसलमानों का ईमान है कि जिहाद करने वालों से अल्लाह खुश होता है , और जिहादियों को जन्नत में दाखिल कर देता है ,जबकि मुसलमानों को जन्नत के बारे में केवल उतना ही ज्ञान है , जितना कुरान और हदीसों में वर्णित है , जो कोरी कल्पना ,अतिश्योक्ति पूर्ण और अविश्यनीय बातें लगती है . फिर भी मुसलमानों ने कल्पित जन्नत के लिए जिहाद करके आज तक करोड़ों निर्दोष लोगों की हत्याएं कर डालीं ,औरतों से बलात्कार किये , बच्चों को अनाथ किया . और कई देशों को बर्बाद करके शहरों को खंडहर कर दिया .यदि हम मुहम्मद साहब को दुनिया का सबसे महान . चतुर और चालाक व्यक्ति कहें तो इसमे कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी .क्योंकि उन्होंने चरणबद्ध रूप से झूठ बातों को इस तरह पेश किया कि अरब के मुर्ख उनके जाल में फंस गए , इसके लिए पहले तो मुहम्मद साहब ने खुद को अनपढ़ घोषित कर दिया , ताकि उन पर कुरान लिखने का आरोप नहीं लगे .यद्यपि ऐसे अनेकों प्रमाण दिए जा सकते हैं कि मुहम्मद पढ़ सकते थे . और अरबी लिपि में लिखी गयी हिब्रू भाषा की तौरेत ( Bible ) पढ़ सकते थे .यदि वह अनपढ़ होत्ते तो व्यापार में बिना लिखापढ़ी के हिसाब कैसे करते ?मुहम्मद साहब की चालाकी का दूसरा सबुत यह है कि जब मक्का के लोगों ने उनको खदेड़ दिया तो वह मदीना में अपना मायाजाल फ़ैलाने लगे .वह जानते थे कि मूर्ख अरब लोगों की सबसे बड़ी कमजोरी औरत है . मुहम्मद की योजना थी कि अगर अरब के बद्दुओं को जन्नत की नयी कुंवारी औरतों का लालच दिया जाये , तो वह जिहाद के लिए मरने मारने पर उतारू हो जायेंगे .और उन अकल के अंधे जिहादियों की बदौलत अरब में इस्लामी राज्य स्थापित किया जा सकेगा .लेकिन मुहम्मद साहब की योजना पूर्ति में सबसे बड़ी रूकावट यह थी कि मक्का के लोगों की तरह मदीना के लोग भी मुहम्मद को पागल ,मजनू , और प्रेतग्रस्त कहने लगे ,और उनका मजाक उड़ाने लगे .तब खुद को अल्लाह का प्यारा रसूल साबित करने के लिए मुहम्मद यह चालें चली ,पहले तो उन्होंने घर बैठे ही यह बात फैला दी कि उन्होंने एक ही दिन में यरूशलेम स्थित ” अल अक्सा ” मस्जिद की सैर कर डाली . फिर दूसरा झूठ यह फैलाया कि उसी दिन उन्होंने इसी शरीर से जन्नत को भी देख लिया ,और उसके सबूत के लिए जन्नत में एक बेर प्रजाति के पेड़ के होने का दावा कर दिया , और जब लोग फिर भी नहीं माने तो मुहम्मद साहब ने कह दिया कि जन्नत में उन्होंने चार नदियाँ भी देखी है , जिनके नाम मुहम्मद ने बाइबिल में दी गयी नदियों के नामों से हदीस में लिख दिए .इस लेख में हम क्रमशः बाइबिल , कुरान , हदीस और अन्य प्रमाणों के आधारों पर मुहम्मद के झूठ , और उनकी फर्जी जन्नत की यात्रा , जन्नत का भंडाफोड़ किया जा रहा है
1-मुहम्मद साहब की जन्नत यात्रा
मुसलमानों का दावा है कि मुहम्मद ने जन्नत की यह यात्रा हिजरत से एक साल पहले की थी .और तब तक इस्लाम का प्रचार करते हुए 12 साल हो गए थे। .और मुहम्मद इस्लाम पर आधारित एक राज्य की स्थापना करना चाहते थे .लेकिन मदीना के “औस “और “खजरज ” कबीले के लोग मुहम्मद का विरोध करते थे .मुहम्मद की जन्नत की इस यात्रा के बारे में विकी पीडिया में लिखा है .”The Isra and Mi’raj (Arabic: الإسراء والمعراج, al-’Isrā’ wal-Mi‘rāj), was a Night Journey that, according to Islamic tradition, the Islamic prophet Muhammad took during a single night around the year 621. It has been described as a physical journey.
कुरान में लिखा है ‘
“महिमावान है ,वह अल्लाह जो एक रात में अपने बन्दे (मुहम्मद ) को मस्जिदे हराम (अल अक्सा ) की मस्जिद तक ले गया ,जिसके वातावरण को हमने बरकत प्रदान दी है ,ताकि हम उसे कुछ निशानियाँ दिखाएँ “सूरा -बनी इस्रायेल 17:1
कुरान के हिंदी अनुवाद इसी आयत की व्याख्या में पेज 504 में लिखा है कि रसूल बुराक पर सवार होकर पहले बैतूल मुकद्दिस गए . फिर सातवें असमान पर गए ,जहाँ उनको एक दिन में ही जन्नत और जहन्नम दिखाए गए , और जब रसूल वापिस आये तो उन्होंने जन्नत का जो आँखों देखा वर्णन किया था , वह हदीसों में मौजूद है .
(कुरान मजीद -अनुवादक फारुख खान .प्रकाशक , मकतबा अल हसनात रामपुर , उ .प्र )
2-बेर के पेड़ का सबूत
जब मदीना के लोगों ने मुहम्मद साहब द्वारा एक ही दिन में जन्नत की यात्रा पर विश्वास नहीं किया ,तो मुहम्मद साहब ने कहा की मैंने जन्नत की सीमा (border ) पर एक बेर का पेड़ भी देखा था ,इसके बारे कुरान में लिखा है ,
“परली सीमा की बेर के पेड़ पास जन्नत का ठिकाना है ,और जब छाया हुआ तो बेर के पेड़ पर कुछ छाया हुआ था ” सूरा -अन नज्म 53:13 से 16
कुरान में बेर के पेड़ का उल्लेख 4 बार किया गया है ,दो बार यहाँ इस आयत में और एक बार सूरा -अल वाकिया 56:28 और एक बार सूरा -सबा 34:16 में इसी पेड़ का उल्लेख किया गया है .वास्तव में यह बेर प्रजाति का पेड़ है ,जिसे अंगरेजी में “Lote -tree ” और अरबी में “सिदरी-سِدْرٍ ” कहा जाता है .विकीपीडिया में इस पेड़ का नाम “खरक या खर्ग या खिर्क या रोकू (honeyberry या hackberry) एक पतझड़ी वृक्ष है जो 20 से 25 मीटर तक उग सकता है।[1][2] यह रेतीली ज़मीन में और समशीतोष्ण (टेम्परेट-Temperate) इलाक़ों में तेज़ी से उगता है। इसका निवास क्षेत्र भारत, पाकिस्तान, तुर्की, बाल्कन क्षेत्र, इटली और फ़्रांस है, हालांकि यह दुनिया की अन्य जगहों पर भी फैल गया है। इसे पंजाबी भाषा में ब्रमजी और कश्मीरी भाषा में ब्रिमिज भी कहा जाता है।[3] यह पेड़ छाया में नहीं उग सकता और केवल सूरज की सीधी रोशनी में ही पनपता है। भारत में यह हिमालय के मंझले क्षेत्रों में तो उगता ही है, लेकिन साथ ही साथ दिल्ली जैसे क्षेत्रों में भी मिलता है, हालांकि कुछ जीववैज्ञानिकों के अनुसार या वृक्ष दिल्ली की गर्मियों को नहीं झेल सकता और वहाँ मिलने वाला पेड़ ‘सेल्टिस ऑस्ट्रालिस’ (celtis australis) जाति का नहीं बल्कि उस से मिलती-जुलती ‘सेल्टिस टेट्रान्ड्रा’ (celtis tetrandra) जाति का है
जन्नत के इस पेड़ की तस्वीर देखने के लिए इस लिंक को खोलिए ,
http://4.bp.blogspot.com/-4UA2nKPfWWc/UJ_coGn9MuI/AAAAAAAAKIQ/QaHa3ZnTfn4/s400/Environment-Cedar+Tree1.jpg
3-बाइबिल से नदियों की चोरी
यद्यपि मुहम्मद साहब ने अनपढ़ होने का ढोंग रचा हुआ थे , लेकिन वह तौरेत यानि बाइबिल भी पढ़ सकते थे .और फिर भी लोग उनकी जन्नत यात्रा की बातों का मजाक उड़ाने तो उनको एक तरकीब सूझी ,बाइबिल में एक जगह चार नदियों का उल्लेख है ,मुहम्मद उनका उपयोग अपनी जन्नत यात्रा में कर लिया . बाइबिल की चार नदियाँ इस प्रकार हैं ,
” उस वाटिका को सींचने के लिए “अदन – Eden ” से एक महानदी निकली . जो आगे जाकर चार धाराओं में बंट गयी .पहली धारा का नाम “पीशोन- Pison ” है ,जो “हवीला- Havilah ” देश को घेरे हुए है .और दूसरी नदी का नाम “गीहोन- Gihon ” है ,जो “कूश -Ethopia ” देश को घेरे हुए है , और तीसरी नदी का नाम “हिद्देकल- Hiddekal ” है जो “अश्शूर -Assyria ” के पूर्व में बहती है . और चौथी नदी का नाम ” फरात -Euphrates ” है .
Bible-Genesis,Chap 2 Verses11to14
http://www.kjvbible.org/rivers_of_the_garden_of_eden.html
4-हदीसों में जन्नत की नदियाँ
मुहम्मद साहब किसी न किसी तरह से अपनी जन्नत यात्रा को सच साबित करना चाहते , इसलिए हदीसों में उन्हीं नदियों को जन्नत में होने की कहानी गढ़ डाली , जो बाइबिल में लिखी है ,ऐसी तीन हदीसें दी जा रही हैं ,
हदीस.1-“अबू हुरैरा ने कहा कि रसूल ने कहा , जब मैं जन्नत गया तो ,देखा , वहां सीदान ,जीहान ,फरात और नील नामकी चार नदियाँ बह रही थीं ”
حَدَّثَنَا أَبُو بَكْرِ بْنُ أَبِي شَيْبَةَ، حَدَّثَنَا أَبُو أُسَامَةَ، وَعَبْدُ اللَّهِ بْنُ نُمَيْرٍ، وَعَلِيُّ بْنُ مُسْهِرٍ، عَنْ عُبَيْدِ اللَّهِ بْنِ عُمَرَ، ح وَحَدَّثَنَا مُحَمَّدُ بْنُ عَبْدِ اللَّهِ بْنِ نُمَيْرٍ، حَدَّثَنَا مُحَمَّدُ بْنُ بِشْرٍ، حَدَّثَنَا عُبَيْدُ اللَّهِ، عَنْ خُبَيْبِ بْنِ عَبْدِ الرَّحْمَنِ، عَنْ حَفْصِ بْنِ عَاصِمٍ، عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ، قَالَ قَالَ رَسُولُ اللَّهِ صلى الله عليه وسلم “ سَيْحَانُ وَجَيْحَانُ وَالْفُرَاتُ وَالنِّيلُ كُلٌّ مِنْ أَنْهَارِ الْجَنَّةِ ” . ”
sahi muslim- Book 54, Hadith 7340
हदीस. 2- हुरैरा ने कहा कि रसूल ने बताया ,सीदान ,जीहान , फरात और नील यह चारों नदियाँ जन्नत में बहती हैं ”
وعنه رضي الله عنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم : “سيحان وجيحان والفرات والنيل كل من أنهار الجنة ((رواه مسلم))
sahi muslim- Book 19, Hadith 1853
हदीस .3-“अबू हुरैरा ने कहा कि रसूल ने कहा , जब मैं जन्नत गया तो ,देखा , वहां जन्नत की सीमा पर एक बेर का बड़ा पेड़ था , मैनें उस पेड़ पर चढ़ कर देखा कि जन्नत में चार नदियाँ बह रही हैं , जिनमे नील और फरात का बहाव ढलान की तरफ था .तब मेरे सामने तीन प्याले दिए गए , एक में दूध दुसरे में शहद और तीसरे में शराब थी , और मैंने दूध पी लिया .और एक ही दिन में जन्नत , और दोजख को देख कर घर वापिस आ गया ”
وَقَالَ إِبْرَاهِيمُ بْنُ طَهْمَانَ عَنْ شُعْبَةَ، عَنْ قَتَادَةَ، عَنْ أَنَسِ بْنِ مَالِكٍ، قَالَ قَالَ رَسُولُ اللَّهِ صلى الله عليه وسلم “ رُفِعْتُ إِلَى السِّدْرَةِ فَإِذَا أَرْبَعَةُ أَنْهَارٍ، نَهَرَانِ ظَاهِرَانِ، وَنَهَرَانِ بَاطِنَانِ، فَأَمَّا الظَّاهِرَانِ النِّيلُ وَالْفُرَاتُ، وَأَمَّا الْبَاطِنَانِ فَنَهَرَانِ فِي الْجَنَّةِ فَأُتِيتُ بِثَلاَثَةِ أَقْدَاحٍ، قَدَحٌ فِيهِ لَبَنٌ، وَقَدَحٌ فِيهِ عَسَلٌ، وَقَدَحٌ فِيهِ خَمْرٌ، فَأَخَذْتُ الَّذِي فِيهِ اللَّبَنُ فَشَرِبْتُ فَقِيلَ لِي أَصَبْتَ الْفِطْرَةَ أَنْتَ وَأُمَّتُكَ ”. قَالَ هِشَامٌ وَسَعِيدٌ وَهَمَّامٌ عَنْ قَتَادَةَ عَنْ أَنَسِ بْنِ مَالِكٍ عَنْ مَالِكِ بْنِ صَعْصَعَةَ عَنِ النَّبِيِّ صلى الله عليه وسلم فِي الأَنْهَارِ نَحْوَهُ، وَلَمْ يَذْكُرُوا ثَلاَثَةَ أَقْدَاحٍ.
SahiBukhri-: Vol. 7, Book 69, Hadith 514
5-मुहम्मद की चालाकी पकड़ी गयी
प्रसिद्ध कहावत है कि नक़ल के लिए भी अकल की जरुरत होती है .यही बात मुहम्मद साहब पर लागू होती है , उन्होंने जब अपनी जन्नत यात्रा को सच साबित करने के लिए बाइबिल में लिखी नदियों के नाम हदीस में लिखे तो न नदियों में नामों में घोटाला कर दिया ,बाइबिल और हदीसों में दिए गए नदियों के से अलग है हदीस .इन नामों की सूचि देखिये
1. सीहान – سيحان -Saihan (Oxus)
2.जीहान -جيحان -Jaihan (Jaxartes)
3- फरात – الفرات-Al-Furat (Euphrates)
4. नील – النيل-An-Nil (Nile)
मुहम्मद साहब जब बाइबिल से नदियों के नाम लेकर हदीस में लिख रहे थे तो तीसरे नंबर की नदी ” हिद्देकल Hiddeka” का नाम भूल गए , जो फरात नदी के बराबर बहती है , इसे आजकल ” दजला دجلة” और अंगरेजी में ” Tigris ” कहते हैं .और मुहम्मद ने अपनी पत्नी आयशा और ससुर को खुश करने के लिए दजला नदी की जगह ” नील ” नदी का नाम जन्नत की नदियों के नामों में जोड़ दिया . क्योंकि अबू बकर मिस्र (Egypt ) मक्का आया था . और मिस्र में नील नदी बहती है .इस्लाम की ऐसी मूर्खों के लिए कल्पित जन्नत के बारे में अधिक जानकारी के लिए यह विडियो देखिये मुहम्मद साहब की अज्ञान भरी चतुराई पर हंसिये ,
One unscientific and laughable thing in Islam: The Rivers of Paradise
6-जन्नत की कालगणना
और जब महम्मद ऐसी बेतुकी दलीलें दे कर .भी जन्नत का अस्तित्व सिद्ध करने में असफल हो गए होंगे ,तो उन्होंने जन्नत के बारे में ऐसी अवैज्ञानिक बात कह दी . जिसका स्पष्टीकरण जाकिर नायक जैसे हजारों धूर्त मुल्ले तो क्या खुद मुहम्मद साहब भी नहीं कर सकते ,क्योंकि उन्होंने कुरान में यह आयत दे दी ,
“उसका एक दिन जिसकी मुद्दत तुम्हारी गणना के अनुसार एक हजार साल के बराबर है “(Day the length whereof will be a thousand years of your )reckoning. (32:5)
” فِي يَوْمٍ كَانَ مِقْدَارُهُ أَلْفَ سَنَةٍ مِمَّا تَعُدُّونَ ”
सूरा -अस सजदा 32:5
हमें याद होना चाहिए कि कुरान की सूरा -बनी इस्रायेल 17:1 पहले ही लिख दिया गया था कि “वह अल्लाह जो एक रात में अपने बन्दे (मुहम्मद ) को मस्जिदे हराम (अल अक्सा ) की मस्जिद तक ले गया .इसी आयत की व्याख्या में पेज 504 में लिखा है कि उनको एक दिन में ही जन्नत और जहन्नम दिखाए गए .अब प्रबुद्ध पाठक हिसाब करने की कृपा करें .कुरान की सूरा -अस सजदा 32:5 ,के अनुसार
जन्नत का एक दिन यानी 24 घंटे = मदीना के 1000 साल .
जन्नत के 12 घंटे यानि आधा दिन = मदीना के 500 साल
जन्नत के 6 घंटे यानी चौथाई दिन =मदीना के 250 साल
जन्नत के 3 घंटे यानि एक पहर = मदीना के 125 साल .बताइए यदि मुहम्मद जन्नत इतने समय तक रहे होते तो जब वह मदीना वापस आकर देखते कि उनका पूरा परिवार कबका मर चूका है .लेकिन ऐसा नहीं हुआ . क्योंकि जन्नत नाम की कोई जगह नहीं है ,मुहम्मद साहब झूठी जन्नत का लालच देकर मूर्ख मुसलमानों से जिहाद करके अपना राज्य स्थापित करना चाहते थे .
इसलिए हमारा इतना ही अनुरोध है कि मुहम्मद साहब की जन्नत तो झूठी निकली , और उसके लालच में दुनिया को जहन्नम बनाने से अच्छा है , कि इसी दुनिया को स्वर्ग बनाया जाये .
“जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी ”
जहन्नम में जाये जिहादियों की जन्नत !
(200/97)
ब्रजनंदन शर्मा
(लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं जिनकी उगता भारत पुष्टि नहीं करता।)