ठाकुर विक्रम सिंह की 80 वी जयंती के अवसर पर होगा अभिनंदन ग्रंथ प्रकाशित : वेद प्रचार के लिए की जाएगी वेद निधि ट्रस्ट की स्थापना

नई दिल्ली। ( अजय कुमार आर्य ) यहां स्थित गुरुकुल गौतम नगर में एक विशेष बैठक में निर्णय लिया गया कि राष्ट्र निर्माण पार्टी के संस्थापक और आर्य जगत के सुप्रसिद्ध विद्वान एवं दानवीर ठाकुर विक्रम सिंह की 80 वीं जयंती के अवसर पर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को लेकर एक अभिनंदन ग्रंथ प्रकाशित किया जाएगा। जिसमें ठाकुर विक्रम सिंह के समग्र चिंतन व्यक्तित्व और कृतित्व को समाविष्ट करने का प्रयास किया जाएगा।

इस संबंध में जानकारी देते हुए राष्ट्र निर्माण पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आनंद कुमार ने बताया कि अभिनंदन ग्रन्थ के निर्माण के लिए संपादक मंडल की भी घोषणा कर दी गई है। इस अभिनंदन ग्रंथ के माध्यम से ठाकुर विक्रम सिंह और उनके परिवार की राष्ट्र निर्माण में, समाज सुधार के क्षेत्र में वैदिक सिद्धांतों के प्रचार प्रसार और शिक्षा के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों का विवरण दिया जाएगा। जिससे कि उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को ऐतिहासिक धरोहर के रूप में सुरक्षित रखा जा सके। ज्ञात रहे कि ठाकुर विक्रम सिंह अपने पूरे जीवन महर्षि दयानंद जी महाराज के सिद्धांतों को लेकर कार्य करते रहे हैं। अपने इस प्रकार के मिशनरी कार्य को सिरे चढ़ाने के लिए उन्होंने अनेक पुस्तकों का भी लेखन किया है। जिन्हें लोगों में निशुल्क बांटने का कार्य उन के माध्यम से किया गया है। जिससे कि वैदिक सिद्धांतों की रक्षा हो सके। इसलिए राष्ट्र निर्माण के संदर्भ में स्वामी दयानंद जी के योगदान को भी इस अभिनंदन ग्रंथ के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। दयानंद जी द्वारा प्रतिपादित शिक्षा पद्धति और राजनीतिक दर्शन के महत्व को भी रेखांकित करने का निर्णय बैठक में लिया गया है।
 बैठक में उपस्थित रहे आर्य जगत के सुप्रसिद्ध विद्वान और  स्वामी प्रणवानंद जी महाराज, प्रतिनिधि सभा के पूर्व प्रधान रहे स्वामी आर्य वेश जी महाराज , दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रहे योगानंद शास्त्री, आर्य जगत के  विद्वान प्रेमपाल शास्त्री , सुप्रसिद्ध इतिहासकार एवं लेखक डॉ राकेश कुमार आर्य, कार्य जगत के सुप्रसिद्ध सन्यासी स्वामी आदित्य वेश, श्री कन्हैया लाल आर्य, श्री सतीश चड्ढा, डॉक्टर जयपाल सिंह आदि ने राष्ट्र निर्माण पार्टी के अध्यक्ष डॉ आनंद कुमार को इस बात के लिए अधिकृत किया कि वह अभिनंदन ग्रंथ के लोकार्पण के लिए होने वाले कार्यक्रम के संबंध में स्वागत समिति, समारोह आयोजन समिति ,अर्थ संग्रह समिति, प्रचार प्रसार समिति, आवास समिति, वाहन समिति, भोजन समिति, आयोजन समिति आदि का गठन अपने विवेक से लोगों के साथ संपर्क और विचार विमर्श करने के उपरांत कर लें।


बैठक में सभी वक्ताओं के विचार सुनने के उपरांत यह भी निर्णय लिया गया कि वेद प्रचार हेतु एक वेद निधि ट्रस्ट की स्थापना की जाएगी। जिसके माध्यम से वेद प्रचार के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। इस संबंध में डॉ आनंद कुमार ने बताया कि इस ट्रस्ट के माध्यम से सन्यासी, विद्वान, उपदेशक जिस समय खाली हैं उस समय उन्हें कार्यक्रम देकर विभिन्न क्षेत्रों में आर्य समाज का प्रचार प्रसार सुनिश्चित किया जाएगा और उनकी आर्थिक सहायता ट्रस्ट के द्वारा की जाएगी। इसी प्रकार विद्वानों, सन्यासियों को वृद्धा अवस्था में उपचार आदि की व्यवस्था हेतु भी सहायता दी जा सकेगी । उन्होंने कहा कि जो उपदेशक हिंदुओं के धर्मांतरण को रोकने और ईसाई मुस्लिमों की घर वापसी के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में काम करेंगे उनकी आर्थिक सहायता ट्रस्ट के माध्यम से की जाएगी। इसी प्रकार जो विद्वान विदेशों में वहां के मूल निवासियों में वैदिक सिद्धांतों का प्रचार प्रसार करेंगे उनको भी आर्थिक सहयोग इस ट्रस्ट के माध्यम से दिया जाएगा। कुल मिलाकर इस ट्रस्ट का कार्य वैदिक सिद्धांतों की रक्षा, प्रचार-प्रसार और वैदिक विद्वानों की आर्थिक सहायता करना रहेगा।
आचार्य विद्या प्रसाद मिश्र, डी पी आर्य, विद्या भूषण गुप्ता डॉ चंद्रमौली, चतरसिंह नागर, दानवीर सिंह आर्य आदि ने भी बैठक में अपने विचार व्यक्त किए।

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