सृष्टि के लिए संजीवनी है भगवान देवनारायण का लोकवतरण – अखंड भारत गुर्जर महासभा व वर्ल्ड पार्लियामेंट का हुआ संयुक्त आयोजन

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मांडल (भीलवाड़ा) ।।एल अखंड भारत गुर्जर महासभा व अर्थ कॉन्स्टिट्यूशन एंड पार्लियामेंट एसोसिएशन के संयुक्त आयोजन में मांडल स्थित रूपी देवी महाविद्यालय में भगवान देवनारायण के महान संदेशों को वैश्विक पटल पर स्थापित करने का संकल्प लिया गया। इस अवसर पर अमेरिका से पधारे मुख्य अतिथि वर्ल्ड पार्लियामेंट के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर ग्लेन टी मार्टिन ने कहा कि पृथ्वी संविधान में भगवान देवनारायण के महान संदेश पूर्ववत निहित है ।
उन्होंने कहा कि देवनारायण के पृथ्वी संरक्षण और मानवता संदेशों को पूरी दुनिया में प्रसारित कर जन कल्याण को समर्पित किया जाएगा । उन्होंने उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की स्थिति पर चर्चा की। मुख्य अतिथि मोहन लाल वर्मा ने कहा विश्व पटल पर भगवान देवनारायण के संदेशों को मान्यता मिलना राजस्थानी भूमि के लिए गौरव की बात है ,और अखंड भारत गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवनारायण गुर्जर ने कहा कि गुर्जर इतिहास में छेड़छाड़ करके आपस में समाजो को लड़ाने का कार्य जो कार्य किया जा रहा है ।वह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । इससे समाज के युवाओं को सतर्क रहने की आवश्यकता है। विशिष्ट अतिथि राकेश जी छोकर, प्रेमराज भाटी लक्ष्मण जी गुर्जर ,वाइस प्रेसिडेंट पी एन मूर्थी,सुनील प्रधान ,नंदलाल गुर्जर आदि ने भी विचार रखे।
विदित हो कि पृथ्वी संघ के संविधान को वर्ल्ड पार्लियामेंट द्वारा पुरे विश्व भर में आयोजित चार सत्रों 1968,1977,1979 और 1991 के द्वारा गठित किया गया है, विविध राष्ट्रो , प्रजातियो, पंथों , विचारधाराओं और संस्कृतियो के होते हुए भी मानवता के एक होने का सनद रखते हुए , विविधता में एकता एक नए युग का आधार है।
विश्व संविधान और संसद संघ (डब्ल्यूसीपीए) एक लोकतांत्रिक, गैर-सैन्य, संघीय विश्व सरकार है जो शांति की स्थापना और पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने पर आधारित है। इसके तीन सदन हैं (पीपल्स-काउंसलर-नेशंस), द वर्ल्ड एग्जीक्यूटिव, द वर्ल्ड ज्यूडिशियरी, द वर्ल्ड एडमिनिस्ट्रेशन और स्पिरिचुअल लाइजनस। इसके अध्यक्ष ग्लेन टी मार्टिन हैं। वह रेडफोर्ड यूनिवर्सिटी, वर्जीनिया में दर्शन और धार्मिक अध्ययन के प्रोफेसर हैं। वह शांति अध्ययन कार्यक्रम के संस्थापक हैं। वह लोकतांत्रिक विश्व कानून, धर्म के दर्शन और शांति अध्ययन के दार्शनिक नींव पर प्रोफेसर और लेखक हैं।डब्ल्यूसीपीए की स्थापना प्रोफेसर फिलिप इस्ली और उनकी पत्नी मार्गरेट इस्ली ऑफ डेनवर कोलोराडो ने की थी, जो कि पृथ्वी के संघ के लिए एक संविधान बनाने और उस संविधान के तहत लोकतांत्रिक विश्व सरकार को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री, मुख्य सचेतक रहे कालूलाल गुर्जर समेत अनेकों गणमान्यों का सम्मान वर्ल्ड पार्लियामेंट की ओर से किया गया।विश्व वाल्मीकि संगठन ने भी राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सुनीता खोखर, उनके पति संजय खोखर के
जरिये सम्मानित किया गया।

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