नेता होने की सजा
मोदी सरकार के मंत्री गिरिराज सिंह ने माफी मांग ली है। उन्हें भाजपा के पार्टी अध्यक्ष ने भी फटकार दिया है। भाजपा ने भी उनके बयान से पल्ला झाड़ लिया है। तभी विचारणीय है कि अब कांग्रेस की इस मांग में कितना दम रह गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी माफी मांगें? क्या मोदी के कहने पर गिरिराज ने वह बयान दिया था या क्या मोदी सरकार ने कोई नीति ऐसी बनाई थी कि कोई भारतीय किसी अफ्रीकी महिला से शादी करे तो अवैध घोषित हो जाएगी?ऐसा कुछ नहीं है। वह बयान गिरिराज का अपना था और उनका कहना है कि वह उन्होंने निजी बातचीत में कहा था। उन्होंने राजीव गांधी की शादी के बारे में कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया था।
गिरिराज ने यही कहा था कि राजीव गांधी यदि किसी नाईजीरियाई काली लड़की से शादी कर लेते तो क्या कांग्रेसी उन्हें अपनी पार्टी का अध्यक्ष बनाते? ऐसा कह कर गिरिराज ने नाईजीरिया पर तो आक्षेप किया ही है, रंगभेद का भी परिचय दिया है। इसमें राजीव पर भी अनावश्यक छींटाकशी हुई है। किसी भी मंत्री को इस तरह की बातें कहने से इसलिए परहेज करना चाहिए कि लोग उनसे नराज हो जाते हैं।
यह बात बिल्कुल अलग है कि आप सच बोल रहे हैं या नहीं? हो सकता है कि आप बिल्कुल सच बोल रहे हों और यह भी सच हो कि वही बात सभी लोग आपस में बोलते रहते हों और यह भी सच हो कि आपने जो कहा, लोग वैसा ही आचरण करते हों तो भी यदि आप मंत्री हैं या नेता हैं तो आप से यह उम्मीद की जाती है कि आप ढोंग करते रहें। सच न बोलें। अनजान बने रहें। यदि फंस ही जाएं तो मौन धारण कर लें। यह मंत्री या नेता होने की सजा है।
सिर्फ भारत ही नहीं, सारी दुनिया में रंगभेद फैला हुआ है। कोई भी भारतीय या अमेरिकी या यूरोपीय या चीनी किसी भी काली लड़की या लड़के से शादी करना पसंद नही करता। यहां तक कि काले लोग भी गोरे रंग की लड़की और लड़के की तलाश में क्या-क्या पापड़ नही बेलते हैं?यह बहुत ही शर्मनाक है। यह शर्मनाक है लेकिन यह विश्वव्यापी तथ्य है। इस तथ्य को सत्य बनने से रोकना सबसे बड़ी चुनौती है।