खालिस्तान की मांग को जिंदा करने वाले केजरीवाल ने अब गुजरात में चली नई चाल
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पंजाब में खालिस्तान को पुनर्जीवित करता केजरीवाल अब गुजरात में नक्सलवाद की जड़ों में पानी देने चला है*
*वर्ष 2017 में बनी “भारतीय ट्राइबल पार्टी” (BTP), नक्सली पार्टी के साथ शहरी नक्सल केजरीवाल ने गुजरात चुनाव के लिए गठबंधन किया है*
*BTP कहने को ग्रामीण नक्सली दल है मगर नक्सली हिंसा मुख्य पेशा है इसका*
*-सरदार पटेल के स्टैचू ऑफ़ लिबर्टी को ये स्टैचू ऑफ़ डिस्प्लेसमेंट कहते हैं;*
*पार्टी अध्यक्ष छोटू वासवा के अनुसार सवर्ण सांसद हिजड़े हैं*;
*कश्मीर का आतंकी क्षेत्र और नक्सली क्षेत्र में कोई अंतर नहीं है;*
*हमें हिन्दू क्यों कहते हो, हम तो नक्सली हैं जिस पर हमें गर्व है;*
*आदिवासियों और मुस्लिमों को न्याय नहीं मिलता*
*ये कुछ विचार हैं इस नक्सली पार्टी के जिसके अध्यक्ष छोटू वासवा के अनुज महेशभाई वासवा पर सबसे अधिक आपराधिक केस चल रहे हैं, केजरीवाल ने इस पार्टी के साथ प्रेम संबंध स्थापित किया है*
*पिछले चुनाव में BTP ने कांग्रेस से गठबंधन किया था गुजरात में और 2 सीट जीती थी जबकि वर्ष 2018 के राजस्थान चुनाव में भी 2 सीट जीती थी और कांग्रेस को समर्थन दिया था मगर बाद में वापस ले लिया*
*अब केजरीवाल ने इस पार्टी के साथ हाथ मिलाया है और लगता है मुख्य उद्देश्य गुजरात को नक्सलवाद की आग में झोंकने का है जैसे पंजाब में खालिस्तान को हवा दे रहा है*
*पंजाब में एक भी वायदा पूरा करने के लिए पैसा नहीं है और 10 दिन में कटोरा हाथ में ले कर खड़े हो गए मोदी के सामने*
यही केजरीवाल है जिसने कहा
था कि चुनाव जीतने के लिए और
फिर सरकार चलाने के लिए कुछ
तो बेईमानी करनी ही पड़ती है
और वो ये बखूबी कर रहा है —
मूर्ख हैं लोग जो इसके बहकाये
में आते हैं —
बेईमानी थोड़ी बहुत नहीं, हद से
ज्यादा कर रहा है, ईमानदारी की
कसमें खाने वाली पार्टी का दूर दूर
तक ईमानदारी के साथ कोई नाता
नहीं है —
दिल्ली में हर मोहल्ले में शराब की
दुकानें खोलने वाला केजरीवाल
गुजरात में भी हर जिले के स्कूलों
के बाहर दारू के ठेके खुलवा देगा
जहां आज शराब बंदी है —
इस आदमी की हरकतों को आज
ही समझ ले गुजरात की जनता कि
कितना खतरनाक है जिसने आपको
महाराष्ट्र के साथ लड़ाने की कोशिश
की –खुद हरियाणा का और सी एम
है दिल्ली का मगर पूछता है भाजपा
अध्यक्ष गुजरात का गुजराती क्यों
नहीं है मराठी क्यों है –कोई इसके
जैसा धूर्त हो सकता है क्या –
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