नेहरू की गंदी मानसिकता
सरदार पटेल: नेहरूजी आइए रिक्शा मे बैठ लीजिए।
नेहरू: नही पटेलजी, हम खान साहब से जरूरी बाते कर रहे है।
सरदार पटेल: ऐसी क्या जरूरी बाते है?
नेहरू: यह पाकिस्तान जाने की जिद किए हुए है हम चाहते है कि भारत मे ही रहे।
सरदार पटेल: तो जाने क्यो नही देते, फिर पाकिस्तान बनवाया ही किसलिए?
नेहरू: लेकिन इनके साथ पांच लाख मुस्लिम और पाकिस्तान चले जाएंगे।
सरदार पटेल: तो जाने दीजिए।
नेहरू: लेकिन दिल्ली तो खाली हो जाएगी।
पटेल: जो लाहौर से हिन्दू आएंगे उनसे भर जाएगी।
नेहरू: नही उन्हे मुस्लिमो के घर हम नही देंगे, वक्फ बोर्ड को सौंप देंगे।
सरदार पटेल: और लाहौर मे जो अभी से मंदिर और डीएवी स्कूल कब्जाकर उनके नाम इस्लामिक रख दिए है?
नेहरू: पाकिस्तान से हमे क्या लेना-देना।
सरदार पटेल: लेकिन देश का बंटवारा तो धर्म के आधार पर हुआ है। अब यह हिन्दुस्तान हिन्दुओ का है।
नेहरू: नहीं यह देश कांग्रेस का है कांग्रेस जैसा चाहेगी वैसा होगा।
सरदार पटेल: इतिहास बदलता रहता है, अंग्रेज भी जा रहे है फिर कांग्रेस की हस्ती ही क्या है?
नेहरू: ऐसा कभी नही होगा।
सरदार पटेल: जरूर होगा, आप मुगल सोच त्याग दे।
(रिक्शाचालक, धर्मसिंह तोमर की डायरी के आधार पर)
प्रस्तुति: सनातनी विक्रांत