आखिर नाराज क्यों हुये कांग्रेसी इनसे
कांग्रेस के केरल से चुने गए सांसद डा. शशि थरुर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है, क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। वे उनके साफ-सफाई अभियान के नवरत्नों में शामिल हो गए हैं। उन पर आरोप यह भी है कि वे जब-तब नरेंद्र मोदी की तारीफ करते रहे हैं। भारत में आजकल जैसी राजनीति चल रही है, उसमें शशि थरुर जैसे लोगों को इस तरह की प्रतिक्रिया के लिए पहले से तैयार रहना चाहिए। इस समय राजनेता और राजनीतिक दल घनघोर आत्म-प्रेम में लीन हैं। उन्हें अपने सिवाय कुछ भी दिखाई नहीं देता। अपने स्वार्थ के आगे वे देश के हित को कुर्बान करने में कोई संकोच नहीं करते।
सोचते हैं कि स्वच्छता अभियान से कांग्रेस को या उसके नेताओं को क्या मिलेगा? यदि राजनीतिक फायदा होगा तो मोदी को होगा, भाजपा को होगा? ऐसे में शशि थरुर जो कर रहे हैं, उसमें कांग्रेस को नुकसान होगा? कांग्रेसी लोग इस बात से भी दुखी हैं कि मोदी ने शशि को ही क्यों चुना? सोनिया और राहुल को क्यों नहीं बुलाया? क्या मोदी ने अपने प्रशंसकों या खुशामदियों की भीड़ जुटाने का ही संकल्प कर रखा है? यदि इसे उन्हें राष्ट्रीय अभियान बनाना था तो सभी दलों के प्रमुख नेताओं को बुलाना था।
कुछ बेहद खिसियाए हुए कांग्रेसी मित्रों का कहना है कि मोदी ने जो नवरत्न चुने हैं, वे क्या करेंगे? सफाई? क्या खूब? आप उन्हें नौ रत्न कह रहे हैं, मोदी ने नौ महासफाई कर्मचारी खड़े कर दिए हैं। हमारे थरुरजी भी उनमें से एक हैं। तो मैंने पूछा कि फिर भी आप थरुर से नाराज क्यों हैं? थरुर से नाराज़ लोग यह समझ बैठे हैं कि मोदी इस अभियान के जरिए गांधी को उनसे छिना ले जा रहे हैं। वे यह नहीं जानते क्या, कि इन नवरत्नों को सामाजिक सफाई क्या, अपनी ही सफाई की फुर्सत नहीं है। बाबा रामदेव के अलावा शायद ही कोई मोदी-रत्न ऐसा हो, जो अपने अधोवस्त्र भी रोज़ साफ करता हो। इस टीवी और अखबारी अभियान से परेशान होकर नादान कांग्रेसी अपने सांसद शशि थरुर से फिजूल ही नाराज़ हो रहे हैं।