हिंदू समाज की प्रगति और उन्नति में बाधक अंधविश्वास
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हिन्दुओं की अज्ञानता*
हिन्दू समाज ने सबसे ज्यादा प्रगति अज्ञानता और अन्धविश्वास के रूप में की है । एक समय मंदिरों में इतना धन इकट्ठा कर दिया गया था कि कोई भी मुस्लिम आक्रान्ता हमला करके तिनके के समान रक्षा पंक्ति को तोड़ देता और मंदिरों को लूट कर मूर्तियों को अपमानित करता था । अच्छा होता यदि उन मूर्तियों और मंदिरों को भव्य बनाने के स्थान पर उनसे हिन्दू सैनिकों और फौजों को शक्तिशाली बनाया जाता । जिससे शत्रु को मुंह तोड़ उत्तर दिया जाता । देश के विभिन्न क्षेत्रों में, आज ईसाई धर्मान्तरण के गढ़़ बने हुए हैं । ईसाई लोग धन के बल पर गरीब हिन्दुओं का रोटी, रोजगार , चिकित्सा सुविधा और शिक्षा देकर धर्म परिवर्तन कराते हैं । और हिन्दू समाज कबूतर की भांति आँख बंद कर मंदिरों में अपने धन और सामर्थ्य को व्यय करने में लगा हुआ है ।
दक्षिण भारत के वेल्लोर नामक स्थान में लगभग ५०० करोड़ की लागत से सोने का स्वर्ण मंदिर बनाया गया, वहाँ जल में श्रद्धालु नोट चढ़ाते हैं, जो नष्ट हो जाते हैं । और वहीं ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित बहुत ही बड़ा अस्पताल सी. एम. सी. वैल्लौड़ है, जहाँ पुरे भारतवर्ष से लोग उपचार के लिए आते हैं | क्या सोने की मन्दिर के स्थान पर एक विशाल अस्पताल नहीं बन सकता था, जो सी. एम. सी. वैल्लौड़ का विकल्प बनता, और जहाँ सभी असाध्य रोगों का उपचार होता |
हमारा उनसे एक प्रश्न है कि किसी भी हिन्दू धर्मशास्त्र का प्रमाण प्रस्तुत करे, जिसमें यह कहा गया है कि ईश्वर उस मंदिर में पूजा करने से अधिक प्रसन्न होता है, जहाँ उनकी सोने की हीरे-जड़ित मूर्ति हो और उस मंदिर की दीवारों पर सोने की परत चढ़ी हो । साईं जैसे गोमांस भक्षी एक मुस्लिम को शंकर, दुर्गा जैसे देवी देवता से उपर स्थान देते हुए उसका सबसे धनी मन्दिर बना दिया |
इस अंधविश्वास की पराकाष्ठा तो तब हो गई जब वेम्ब्ली, इंग्लैंड में हिन्दुओं ने एक मंदिर में मदर टेरेसा, जिसने अपना पूरा जीवन हिन्दुओं को ईसाई बनाने में लगाया, की मूर्ति स्थापित कर दी ।
मेरा सभी हिन्दू भाइयों से अनुरोध है कि अपनी शक्ति और सामर्थ्य को धर्म, देश और जाति के कल्याण में, वेदों के ज्ञान के प्रचार-प्रसार में लगाना चाहिये । धर्मान्तरित हो रहे हिन्दुओं की घर वापसी में, लव जिहाद के विरुद्ध जाग्रति लाने में, छुआछूत को मिटाने में अपना सहयोग करना चाहिए। अन्यथा जैसे पूर्व में विधर्मी आक्रान्ता ने हिन्दू मंदिरों का विध्वंस किया था, उसी प्रकार इनका भी कर देगें । अपने इतिहास से हिन्दुओं ने कुछ नहीं सिखा ।
……. डा. विवेक आर्य |