राहुल का मोदी पर वार
लोकसभा और राज्यसभा के अनिश्चतकाल के लिए स्थगित होने के साथ ही मानसून सत्र भी समाप्त हो गया। 3 हफ्ते से ज्यादा चले इस सत्र में लगातार कांग्रेस ने अपना विरोध प्रदर्शन सदन के बाहर और अंदर जारी रखा। सत्र के आखिरी दिन गुरुवार को भी कांग्रेस ने लोकसभा से वाकआउट किया। पीएम नरेंद्र मोदी, सुषमा स्वराज और व्यापमं पर सरकार को घेरने वाली कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बाद में कहा कि प्रधानमंत्री में कोई दम नहीं है, वह डरते हैं। उन्होंने कहा कि यदि उनमें दम है तो वह ललित मोदी को भारत वापस लाकर दिखाएं।
उन्होंने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि विदेश मंत्री ने कल संसद में लंबी-लंबी बातें की थीं लेकिन जो हमनें उनसे पूछा था उन सवालों का जवाब उन्होंने नहीं दिया। सुषमा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जो सदन के अंदर होता है उसके बारे में उन्हें जानकारी होनी चाहिए। सदन में सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को बोफोर्स सौदे में घेरे जाने पर उन्होंने कहा कि वह पिछले तीस वर्षों से ऐसा कर रहे हैं जबकि उन्हें कोर्ट ने क्लीन चिट तक दे दी है।
राहुल गांधी अब चाहे जो कुछ कहें पर दुनिया ने कल उनका और उनकी माता सोनिया गांधी दोनों का चेहरा और हश्र देख लिया है। उनके पास तरकश में कोई तीर नही था, जिससे वह जेटली और सुषमा स्वराज के तीरों की काट कर सकते। वह घायल होकर लौटे और संसद का सामना करने का साहस खो बैठे। उनकी मां ने सुषमा स्वराज पर नौटंकी करने का आरोप लगाया था, परंतु समय ने बता दिया कि नौटंकी सुषमा स्वराज नही कर रही बल्कि नौटंकी कर रहे हैं सोनिया के लाडले राहुल गांधी। उनके पास संसद के आखिरी दिन भी देश को यह बताने के लिए कुछ भी नही था कि आखिर वह सुषमा स्वराज का इस्तीफा क्यों चाहते हैं? जो व्यक्ति जेटली और सुषमा का सामना नही कर सका वह मोदी के 56 इंची सीने की रगड़ में आकर अपना वजूद बचा पाएगा, इसमें शक है।
देवेन्द्रसिंह आर्य