तनाव दूर कर के मन को शांत करेंगे ये 9 योगासन
हमारी रोज रोज की भाग दौड़ और काम के बोझ तले दबी जिंदगी में तनाव इस कदर बढ़ जहाता है कि वह हमारे दिमाग के साथ साथ शरीर को भी नुकसान पहुंचाने लगता है। इसलिए बिगड़ती सेहत को रोकने के लिए जरूरी है दिमाग को शांत रखना। जानिए, किन योगा आसनों से आप रोज के तनाव से मुक्ति पा सकते हैं।
अंजलि मुद्रा
दोनों हाथों को जोड़ कर दिल के चक्र के बीचों बीच रखें यह मुद्रा दिल के दोनों कोनों के बीच का संतुलन दिखाती है। इसे जमीन पर बैठ कर, पलथी मार कर, आंखें बंद कर के किया जाता है। जैसे इस तस्वीर में दिखाया गया है।
सुखासन
कमर की हड्डी को सीधा कर के बैठें और 60 सेकेंड के लिए सांस खींचें और छोड़ें। इसी पर अपना ध्यान केंद्रित करें। ऐसा करने से मन और दिमाग को शांति मिलती है। शरीर से सारी घबराहट दूर होती है।
मर्जरी आसन
घुटनों और हाथों के बल बैठ जाएं जैसे शरीर को टेबल बना लिया हो। ध्यान रखें कंधे और हथेली एक सीध में हो, वैसे ही कूल्हे और घुटने भी सीध में रखें। जैसे तस्वीर में दिख रहा है। इससे दिमाग के साथ साथ पूरे शरीर को बहुत फायदा मिलता है।
उत्तान शिशो आसन
अगर आपको नींद न आने की तकलीफ है तो यह आसन करें। घुटने और हथेली के बल बैठ कर धीरे धीरे अपने हाथों को थोड़ा आगे बढ़ाएं और पैर के अंगूठों को अंदर की तरफ मोड़ लें। सांस छोड़ने पर कूल्हों को पीछे एढ़ियों की तरफ ले जाएं। कोहनी को जमीन से न छूने दें। माथे को नीचे झुका कर गर्दन को आराम दें।
पश्चिमोत्तनासन
जमीन पर बैठ कर पैरों को आगे की तरफ सीधे फैला कर सिर को घुटनों की तरफ ले जाएं। ऐसा करने से शरीर से तनाव और थकान दूर होती है। पाचन प्रकि्रिया भी सुधरती है।
जानू शीर्षासन
पैरों को आगे की तरफ फैला कर, दोनों हाथों से पैर के अंगूठों को छूने की कोशिश करें। फिर एक पैर मोड़ कर दूसरे के साथ ऐसा ही करें। यह सिरदर्द या पीरियड्स के दर्द से भी आराम दिलाता है।
सालांब शीर्षासन
सिर के बल खड़े हो जाइए औऱ शरीर को पूरा भार गर्दन या सिर पर डालने के बजाए कंधों और हाथों पर डालिए। शरीर में खून का बहाव उलट जाता है। यह तनाव को दूर करने और अपनी सांसों पर ध्यान लगाने में मदद करता है।
बालासन
घुटने के बल बैठिए और अपने हाथों को आगे की तरफ फैलाइये। ऐसा करते समय शरीर को भी आगे की तरफ झुकाइये। सिर को जमीन से लगा कर आराम दीजिए।
शवासन
आराम से जमीन पर लेट कर चहरा सीधा और ऊपर की तरफ रखें। हाथों को शरीर से लगा कर सीधा रखें और हथेलियों को खुला और छत की तरफ मुंह करता हुआ रखें। इस मुद्रा में पांच मिनट तक रहें। कुछ मिनटों के लिए शरीर को पूरी तरह से शांत रखने से लंबे समय तक की शांति मिलती है।