जीव, ईश्वर और प्रकृति सृष्टि आधार है : डॉक्टर भारत वेदालंकार
वेद ज्ञान सबसे पुरातन व श्रेष्ठ -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
गाजियाबाद,शुक्रवार 16 अप्रैल 2021,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “भारतीय तत्व मीमांसा वैदिक दर्शन के परिप्रेक्ष्य में” विषय पर ऑनलाइन जूम पर आर्य गोष्टी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल में 204 वां वेबिनार था।
वैदिक विद्वान डॉ.भारत वेदालंकार(गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय) ने विवेचना करते हुए कहा कि जीव,ईश्वर व प्रकृति तीन अनादि स्वतंत्रत सताये हैं और सृष्टि का आधार है।एक तत्ववादी दो दर्शन मिलते हैं एक जड़वादी चार्वाक दर्शन।दूसरा एक तत्ववादी चेतनावादी आचार्य शंकर का अद्वैत वेदांत दर्शन है। जिसका वर्तमान समय में अज्ञानता के कारण अत्यधिक प्रचार-प्रसार हो रहा है।जोकि अव्यावहारिक सिद्धांत है यह संसार परमात्मा,जीवात्मा और प्रकृति माता के अभाव में संभव नहीं है दो तत्ववादी जीवात्मा और प्रकृति से भी संसार का व्यवहार नहीं चल सकता है।इसलिए वैदिक दर्शन का जो चिंतन तीन तत्वों का है यही वैज्ञानिक और दार्शनिक दृष्टिकोण पर सत्य ठहरता है।आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती ने इसी चिंतन को अपने ग्रंथों में वर्णित करते हुए स्पष्ट किया है।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि वेद सृष्टि की सबसे पुरातन पुस्तक है व सर्वश्रेष्ठ ज्ञान है।
आर्य युवती परिषद की अध्यक्षा उर्मिला आर्या ने कहा कि महर्षि दयानंद जी ने वैदिक जीवन दर्शन को पुनर्जीवित किया।
मुख्य अतिथि दिनेश आर्य (मंत्री,आर्य विद्या सभा शामली) व अध्यक्ष वेदपाल आर्य(सोनीपत) ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमे पाखण्ड अंधविश्वास से बचना चाहिए और सत्य सिद्धान्तों का प्रचार प्रसार करना चाहिए।
प्रमुख रूप से आर्य नेता महेंद्र भाई, प्रवीण आर्य(महामंत्री,उत्तर प्रदेश),सौरभ गुप्ता,कमलेश हसीजा,चंद्र कांता आर्या,डॉ मनोज तंवर आदि उपस्थित थे।
गायिका संगीता आर्या गीत,नरेंद्र आर्य सुमन,पुष्पा चुघ,बिंदु मदान, विजय हंस,रवीन्द्र गुप्ता,राज कुमार भंडारी आदि ने गीत प्रस्तुत किये।