नए वित्तीय वर्ष में कौन-कौन से बदलाव होने संभावित हैं
कमलेश पांडेय
नए वित्त वर्ष से बदलने वाले हैं कौन-कौन से नियम
केंद्र सरकार ने पैन को आधार से लिंक करने के लिए 31 मार्च 2021 तक का समय दिया है। इससे पूर्व इसकी आखिरी तारीख 30 जून 2020 थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 31 मार्च तक कर दिया था। लिहाजा, पैन कार्ड को आधार से लिंक नहीं करने पर उपयोगकर्ता का पैन कार्ड अमान्य हो जाएगा।
भारत वर्ष में 31 मार्च को बीतते वित्तीय वर्ष का आखिरी दिन माना जाता है। लिहाजा, आयकर जमा करने के अलावा कई तरह की टैक्स बचत प्रक्रिया को पूरा करने का भी यह अंतिम दिन होता है। वैसे इस साल 31 मार्च को एलटीसी स्कीम के तहत खरीदारी और उसका बिल जमा करने की प्रक्रिया पूरी होनी वाली है, जिसके बाद केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित कुछ योजनाओं में बदलाव होने जा रहे हैं। इसलिए हाथ आये मौके न गंवाएं और 31 मार्च तक अपने दावों को निपटा लें और अपेक्षित कार्य कर लें।
दरअसल, इस बार उपभोक्ताओं को पैन-आधार लिंक, सरकारी कर्मियों के लिए एलटीसी स्कीम के तहत खरीदारी, संशोधित विलंबित इनकम टैक्स रिटर्न, टैक्स बचत की प्रक्रिया पूरी करना, करदाताओं हेतु विवाद से विश्वास, फेस्टिवल एडवांस जैसी स्कीम के लाभ लेने से सम्बंधित कार्यों को 31 मार्च या उससे पहले पूरा करना होगा। अन्यथा आपके दावे धरे के धरे रह जाएंगे।
पैन-आधार लिंक करवाने की अंतिम तारीख
केंद्र सरकार ने पैन को आधार से लिंक करने के लिए 31 मार्च 2021 तक का समय दिया है। इससे पूर्व इसकी आखिरी तारीख 30 जून 2020 थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 31 मार्च तक कर दिया था। लिहाजा, पैन कार्ड को आधार से लिंक नहीं करने पर उपयोगकर्ता का पैन कार्ड अमान्य हो जाएगा।
कर्मचारियों के एलटीसी बिल पर छूट का मौका
पिछले साल सरकार ने एलटीसी बिल पर टैक्स छूट की पेशकश की थी। जिसके तहत कर्मचारियों को 12 फीसदी या उससे अधिक जीएसटी वाली सेवा-खरीदारी पर छूट राशि का तीन गुना खर्च करना है। इसके लिए एलटीसी का बिल दिए गए फॉर्मेट में जमा करना होगा, जिसकी अंतिम तारीख 31 मार्च है।
प्री-फाइल्ड आईटीआर फॉर्म
अगले वित्त वर्ष की शुरुआत यानी 1 अप्रैल 2021 से आयकर रिटर्न की प्रक्रिया को थोड़ा और आसान बनाया जाएगा। जिसके तहत एकल करदाताओं को 1 अप्रैल से पहले से भरे हुए आईटीआर फॉर्म उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे इनकम टैक्स रिटर्न भरना आसान हो जाएगा।
विभिन्न प्रकार की कर बचत निवेश प्रक्रिया पूरी करें
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि बीमा पॉलिसी, ईएलएसएस, आवास और शिक्षा ऋण एवं पीपीएफ समेत टैक्स छूट मिलने वाले अन्य सभी विकल्पों में निवेश की प्रक्रिया मार्च खत्म होने के पहले ही पूरी करनी होगी। अन्यथा, इसके बाद चालू वित्त वर्ष के लिए ऐसा नहीं कर पाएंगे।
सरकारी कर्मचारियों के लिए बिना ब्याज के अग्रिम पाने का अवसर
मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को पिछले साल विशेष त्योहारी अग्रिम की पेशकश की थी। जिसके तहत सरकारी कर्मचारी 10 हजार रुपये तक का अग्रिम बिना ब्याज के ले सकते हैं। उन्हें इसे 10 बराबर किस्तों में चुकाना है। लिहाजा, 31 मार्च के पहले आवेदन कर इसका फायदा उठा सकते हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उठाने की आखिरी समय सीमा
पीएम नरेंद्र मोदी सरकार में पहला घर खरीदने या बनवाने के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2.67 लाभ रुपये की सब्सिडी मिल रही है। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए जरूरतमंद व्यक्ति मार्च 31 तक आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद इस वित्तीय वर्ष के अपेक्षित दावे खत्म समझे जाएंगे।
विदेशी नागरिकों को दोहरे कराधान से बचाव
वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से मार्च 2020 से मई 2020 तक भारत में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद रहीं। जिसके चलते कई विदेशी नागरिक भारत में फंस गए। लिहाजा, नियमों के मुताबिक इस स्थिति में भारत के साथ उनको मूल देश में भी टैक्स देना होगा। हालांकि, भारत सरकार ने दोहरे कराधान से बचाव के लिए स्वघोषणा की ईसुविधा दी है। इसलिये 31 मार्च 2021 से पहले ऐसा करने पर दोहरे कराधान से बच सकते हैं, अन्यथा नहीं।
वरिष्ठ नागरिकों को आईटीआर फाइल करने से छूट
अगले वित्त वर्ष में यानी 1 अप्रैल 2021 से 75 साल से ज्यादा उम्र वाले वरिष्ठ नागरिकों को आईटीआर नहीं भरना होगा। दरअसल, ऐसे लोगों को अब आईटीआर भरने से छूट दी गई है। हालांकि ये छूट उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए है जो पेंशन या फिर फिक्स्ड डिपोजिट (एफडी) से हासिल होने वाले ब्याज पर निर्भर हैं। अन्य लोगों के लिए पुरानी व्यवस्था का अनुपालन किया जाएगा।
आत्मनिर्भर भारत पैकेज अंतर्गत आपात कर्ज योजना
बीते वर्ष कोरोना महामारी से प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत व्यापारियों के लिए गारंटी रहित कर्ज सुविधा (ईसीएलजीएस) की शुरुआत की थी। लेकिन, यह योजना 31 मार्च 2021 को खत्म हो जाएगी। लिहाजा, इससे पहले आवेदन करने वाले ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। बाद में उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
करदाताओं के लिए विवाद से विश्वास योजना
मोदी सरकार ने करदाताओं के कर विवाद को सुलझाने के लिए विवाद से विश्वास योजना शुरू की है। जिसके तहत विवादित कर का 100 प्रतिशत और विवादित जुर्माना या ब्याज या शुल्क का 25 प्रतिशत देकर लंबित मामलों का निपटान किया जा सकता है। इस योजना के तहत कोई भी करदाता 31 मार्च तक ही आवेदन कर सकते हैं। क्योंकि आगे उन्हें करंट वित्तीय वर्ष के विवादों का लाभ नहीं दिया जाएगा।
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