पहले कहती थी – हिजाब पहनती हूं, मुसलमानों की हिफाजत करती हूं , अब खुद को ब्राह्मण बता रही हैं ममता

हिजाब पहनती हूँ, मुसलमानों की हिफाजत करती हूँ अब- BJP के डर से खुद को ब्राह्मण बताने में जुटीं ममता’
गुजरात से बाहर निकल राष्ट्रीय राजनीति में नरेंद्र मोदी के पदापर्ण करते राजनीति नहीं सियासत के मायने ही बदल गए हैं। पहले चुनावों में हिन्दू अथवा हिन्दुत्व की बात करने को चुनाव संहिता का दोषी माना जाता था, लेकिन अब हिन्दू को जूते की नोक रखने वाले चुनावों में ‘कोट पर जनेऊ पहन’, ‘हनुमान भक्त बन’, ‘मंदिरों में माथा टेकना’ और अब तो ‘चंडी स्रोत’ पढ़ अपने आपको हिन्दू होने का प्रमाण-पत्र देते नज़र आते हैं। ये वही सांप्रदायिक नेता हैं, जो किसी मुसलमान की हत्या होने पर उसके घर को तीर्थ स्थल समझ जाकर, ऐसे लाखों रूपए की खैरात बांटते हैं, मानो अपनी जेब से दान कर रहे हैं, परन्तु स्थिति विपरीत होने पर इन सबके मुंह में दही जम जाता है।

पश्चिम बंगाल में जैसे-जैसे चुनाव के पहले चरण की तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे सूबे का सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। राजनीतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चरम पर है। इस बीच कॉन्ग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बड़ा हमला बोला है।
दरअसल, नंदीग्राम की रैली में ममता के मंत्र और श्लोक पाठ के बाद बीजेपी उन्हें चुनावी हिंदू बता रही है। वहीं कॉन्ग्रेस नेता अधीर चौधरी ने कहा, “बीजेपी के डर से ममता उनसे भी बड़ी हिन्दूवादी बनने की कोशिश कर रहीं हैं।”

अधीर रंजन ने कहा कि इस चुनाव में आम लोगों की कोई बात नहीं कर रहा। सिर्फ सोनार बांग्ला करके बीजेपी (BJP) और टीएमसी (TMC) लोगों से वोट माँग रहे हैं। ममता पहली बार खुद को ब्राह्मण साबित करने की कोशिश कर रही हैं। पहले कहती थीं की हिजाब पहनती हूँ और मुसलमानों की हिफाजत करती हूँ। अब तेवर बदल गए हैं आजकल चंडी पाठ कर रही हैं। और ये सब बीजेपी के डर की वजह से हो रहा है।

कॉन्ग्रेस नेतृत्व द्वारा बंगाल में चुनाव प्रचार की योजना पर पूछे गए सवाल के जवाब में अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पार्टी पूरे दमखम से चुनाव लड़ेगी। अपने सहयोगियों के खिलाफ हम विरोधियों को कड़ी टक्कर देंगे। वहीं अधीर रंजन ने ये भी कहा कि राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी भी प्रचार करने के लिए वहाँ जाएँगे।

राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने में मदद कर रहे हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने मतदाताओं को लुभाने के लिए चालें चल दी हैं। हमेशा की तरह, उन्होंने राजनेताओं को उनकी हिंदू पहचान का सहारा लेने का सुझाव दिया।

टीएमसी महाशिवरात्रि पर अपना घोषणा पत्र जारी करने जा रही है। घोषणा पत्र जारी करने से पहले 11 मार्च को नंदीग्राम में सुबह पूजा करने की भी उम्मीद है। जाहिर तौर पर, उन्हें भाजपा की ‘राम भक्त’ छवि का विरोध करने के लिए ‘शिव भक्त’ के रूप में पेश किया जा रहा है।

इधर दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वे भगवान राम के भक्‍त हैं। विधानसभा में केजरीवाल ने कहा कि वे हनुमान के भक्‍त हैं और हनुमान रामचंद्र जी के… तो इस नाते वे रामचंद्र जी के भी भक्‍त हुए। केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 6 सालों में दिल्‍ली के भीतर ‘राम राज्‍य’ लाने की कोशिश की है। दिल्‍ली के सीएम ने घोषणा करते हुए कहा कि अयोध्‍या में भव्‍य मंदिर बनने के बाद, सरकार बुजुर्गों को मुफ्त में दिल्‍ली से अयोध्‍या दर्शन के लिए ले जाएगी।

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