चीन जुटा हुआ है नई चालबाजियों में , सेना पीछे नहीं हट रही है , भारत को रहना होगा सावधान : संदीप कालिया
नई दिल्ली ( संवाददाता ) अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संदीप कालिया ने कहा है कि मीडिया और एजेंसी की रिपोर्ट जिस प्रकार आ रही हैं उनसे स्पष्ट होता है कि चीन अपनी हरकतों और चालबाजियों से बाज आने वाला नहीं है
। वह अभी भी अपनी सेनाओं को पीछे हटाने को तैयार नहीं है । भारतीय नेतृत्व को धोखा देने के लिए उसने अपने आपको पीछे हटाने का संदेश देने का प्रयास किया है । श्री कालिया ने कहा कि हमें पूरी तरह सावधान रहना होगा और इस बात के पूरे इंतजाम करने होंगे कि फिर नेहरू जैसी गलतियां न दोहराई जाएं ।
श्री कालिया ने समाचार पत्रों में छपी खबरों के आधार पर कहा कि एक तरफ तो उसने अपने सैनिकों को वापस नहीं बुलाया है लेकिन दूसरी तरफ यह दावा कर रहा है कि अधिकांश जगहों से सैनिकों की वापसी हो गई है। चीन का यह भी दावा है कि एलएसी पर अब हालात सामान्य हो रहे हैं। वास्तव में चीन के द्वारा फैलाए गए ऐसे भ्रम पर भारतीय नेतृत्व को विश्वास नहीं करना चाहिए । श्री कालिया ने कहा कि यह एक अच्छी बात है कि वर्तमान नेतृत्व चीन के किसी भी भ्रम में फ़ंसता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। ज्ञात रहे भारत ने गुरुवार को चीन का दोहरा चरित्र उजागर करते हुए बताया कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सभी इलाकों से चीनी सैनिकों के वापसी की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हो पाई है। भारत ने चीन से इस मामले में गंभीरता से प्रयास करने को भी कहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी को लेकर कुछ प्रगति हुई है लेकिन वापसी प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। दोनों पक्षों के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच शीघ्र ही मुलाकात होनी है ताकि आगे का रास्ता निकाला जा सके। हम पहले ही यह कह चुके हैं कि सीमा पर अमन शांति ही द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत बनाने की सबसे अहम शर्त है। हमें उम्मीद है कि चीनी पक्ष गंभीरता से काम करेगा और पूर्व में विशेष प्रतिनिधियों के बीच बनी सहमति के मुताबिक पूरी तरह से सैनिकों की वापसी सुनिश्चित करेगा।’
असल में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि हाल ही में भारत और चीन के बीच सैन्य व कूटनीतिक स्तर पर कई चरणों में विमर्श हुआ है। इसके तहत कमांडर स्तर पर चार चरणों की, सीमा विवाद सुलझाने पर स्थापित विशेष व्यवस्था के तहत तीन चरणों और दूसरी व्यवस्थाओं के तहत भी बैठकें हुई हैं। ज्यादातर स्थानों से दोनो पक्षों की सेनाएं फ्रंट लाइन से वापस हो चुकी हैं। हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। अभी भारत और चीन पांचवीं कमांडर स्तर की बातचीत की तैयारी में हैं। हमें उम्मीद है कि दोनों पक्षों की तरफ से शांति स्थापित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
हिंदू महासभा के नेता ने कहा कि चीन एलएसी के मामले को फिलहाल लटकाना चाहता है। वह इस बात पर काम करता हुआ दिखाई दे रहा है कि जब अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां भारत के प्रतिकूल और उसके अनुकूल होंगी उस समय तक चुपचाप रह कर इंतजार किया जाए और उसके पश्चात भारत का ‘इंतजाम’ किया जाए । इसलिए भारत को भी पूरी तरह सावधानी बरतनी ही चाहिए । चीन अपनी साम्राज्यवादी और विस्तारवादी नीतियों से बाज आने वाला नहीं है। उसके अतिक्रमण का यह खेल लंबा चल सकता है जो भारत को देर तक परेशान करने वाला होगा । श्री कालिया ने कहा कि भारतीय सोशल मीडिया को भी थोड़ा सावधान रहना चाहिए । उत्तेजक बातों का प्रचार प्रसार करने से माहौल बिगड़ता है। इसलिए अनावश्यक और अनर्गल बातों का प्रचार प्रसार न किया जाए । उन्होंने कहा कि प्रत्येक देशवासी को इस समय अपने राष्ट्र धर्म का पालन करना चाहिए और जिन बिंदुओं पर सरकार मजबूती से राष्ट्रहित को साध रही है वहां पर उसका समर्थन करना चाहिए।
श्री कालिया ने कहा कि हमें अपनी सेना के पराक्रम पर पूर्ण विश्वास है । भारतीय सेनाएं चीन की इस रणनीति से बखूबी वाकिफ हैं। सेनाओं ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन की किसी भी हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी कर ली है। पूर्वी लद्दाख में सैन्य तनातनी के लंबा खींचने के संकेतों को देखते हुए सेना सीमा पर 35 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती करने जा रही है। वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है।
चीन की साजिशों से सावधान करते हुए हिंदू महासभा के नेता ने कहा कि चीन इस समय एक नई काल्पनिक एलएसी तैयार करने की योजना पर भी काम करता हुआ दिखाई दे रहा है । चीन के चरित्र की ओर संकेत करते हुए श्री कालिया ने कहा कि वह पूर्व में भी इसी प्रकार धीरे-धीरे आगे बढ़कर दूसरे देशों की सीमाओं को तोड़ने का कार्य करता रहा है और फिर जहां तक उसकी सेनाएं पहुंच जाती हैं उसी को एलएसी का नाम देकर विवादों को बनाए रखने की योजना पर काम करता रहता है । अब हमें चीन की प्रत्येक साजिश को नाकाम करने के लिए एक मजबूत राष्ट्र के रूप में एक था बस देखना होगा तभी हम चीन की साजिशों का पर्दाफाश कर उसका सामना कर पाएंगे।