कोरोनावायरस ने शारीरिक नुकसान से अधिक पहुंचाया है आर्थिक नुकसान
सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक पूरी दुनिया रुक गई!
कोरोना वायरस ने जितना शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचाया उससे कहीं ज्यादा नुकसान आर्थिक है।
अचानक ऐसी बिमारियों का उत्पन होना कुछ संदेश भी पैदा करता है। इसलिए इस पर तथ्यों के आधार पर विश्लेषण जरुरी है।
पोजिटिव या निगेटिव किस से ?
Rt-pcr टेस्ट कोई भी वायरस के लिए टेस्ट किट नहीं है बल्कि यह एक एंटीबाडी टेस्ट किट है। इसके नतीजों के आधार पर वायरस का विश्लेषण मुर्खतापूर्ण है, लेकिन यहां सबूत कौन मांगता है?
अच्छे पढ़ें लिखे लोग भी जानकारी के लिए टी वी ताकतें हैं और स्वास्थ्य के विषय में जानकारी का इतना आभाव है कि कोई भी बेवकूफ बना सकता है।
दवा कंपनियों का बजट का बड़ा हिस्सा प्रोमोशन पर खर्च होता है और यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर का है तो बजट खरबों में होगा ही।
कुछ लोग बोलते हैं कि इतने लोग मर रहे हैं! तो मैं पुछता हुं कितने?
जिस देश में हर साल पांच लाख लोग टी बी के कारण मर जाते हैं,
वहां 10000 का आंकड़ा क्या है?
शमशान में सन्नाटा पसरा हुआ है…
आमतौर पर जहां सैकड़ों लाशें आती थी। आखिर ऐसा क्या हुआ कि हृदयाघात और अन्य गंभीर रोगों से मृत्यु में भारी गिरावट आई है?
अब बात करते हैं समाधान की !
किसी भी प्रकार का वायरल इन्फेक्शन हो डरने की कोई जरूरत नहीं है,
बस हमें अपने भोजन में कुछ बदलाव करने की जरूरत है, वह भी केवल 72 घंटे के लिए और हर प्रकार का वायरल फीवर खत्म हो जाती है।
क्या बदलाव लाने की जरूरत है?
1. सभी प्रकार के पके हुए भोजन को बंद कर दें।
2. लगभग छः ग्राम विटामिन सी एक दिन में प्राकृतिक रुप में लेना होगा, जिसके लिए 8 ग्लास मौसंबी का रस पर्याप्त है।
3. बुखार से शरीर में मिनरल का तालमेल बिगड़ जाता है, इसलिए लगभग 6 ग्लास नारियल पानी पिएं।
यह पहले दिन के लिए है, अब बुखार 100 से उपर नहीं जाएगा।
दुसरे दिन 12 बजे तक 5 ग्लास नारियल पानी और उतना ही मौसंबी का रस लें।
12 बजे के बाद खिरा टमाटर नींबू का रस मिलाकर खाएं।
तीसरे दिन भी 12 बजे तक लिक्विड डाइट पर रहें और फिर सबकुछ सामान्य खा सकते हैं।अब आप ठीक हो चुके हैं और कोई वायरस के लक्षण नहीं मिलेंगे।
यह इतना आसान है तो लोग डरे हुए क्यों हैं?
क्योंकि लोगों को प्रायोजित षड्यंत्र के तहत डराया जा रहा है।