यूपीए की वर्तमान अध्यक्ष व पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की दो बार की सरकार को फ्रंट डोर से चलाने वाली मैडम सोनिया गाँधी पर इन दिनों केवल अपने सुपुत्र राहुल गाँधी को ट्रैक पर लाने का जिम्मा नहीं है। इस समय उन पर उनके कई और बेटों के मार्गदर्शन का भार है। सोशल मीडिया पर लंबे समय तक केवल अपने एक बेटे की नादानियों के कारण मीम्स में दिखने वाली सोनिया गाँधी अब भारत माँ और सीता माँ के साथ दिखने लगी हैं। वैसे हिन्दू देवी-देवताओं के साथ छेड़छाड़ करना कोई नहीं बात नहीं। यूपीए के कार्यकाल में सोनिया के दुर्गा माता के मिम्स बनाए जा चुके हैं।
इसके लिए उन्हें और उनके करीबियों को अर्नब गोस्वामी को थैंक्स कहना चाहिए। मगर, कांग्रेसियों को एहसान फरामोशी की हद और मातृ ऋण चुकाने के बीच का फर्क़ बहुत महीन रेखा के इधर-उधर दिखता है। इसलिए, जिसकी नजर कमजोर होती है वे इधर-उधर निकल जाते हैं।
अर्नब गोस्वामी ने सोनिया गाँधी को लेकर एक दिन तीखे सवाल किए। उससे पहले सोनिया गाँधी या कोई कांग्रेसी सुर्खियों में बहुत चाहते हुए भी कितनी जगह बटोर पा रहा था? शायद सुपरफास्ट 100 खबरों में 1 खबर के स्लॉट बराबर भी नहीं।
मगर जैसे ही उन्हें लेकर अर्नब ने टिप्पणी की, वे चारों ओर छा गईं। यहीं से सोनिया गाँधी के अन्य पुत्रों को मातृ ऋण चुकाने का भी अवसर मिला। पहले तो खुद को हनुमान-अंगद समझकर अपनी माँ की रक्षा में दो दूत अर्नब के सामने आ गए, लेकिन जब पकड़े गए तो स्थिति रावण के गुप्तचर शूक जैसी हो गई।
कहना गलत नहीं है कि त्रेतायुग में माता सीता के प्रति हनुमान जी का प्रेम जितना असीम था, उतना ही आज कांग्रेसियों का सोनिया गाँधी के लिए है। फर्क बस ये है कि पहले के समय में मातृ प्रेम की पराकाष्ठा को भक्ति कहा जाता था। लेकिन, कांग्रेसियों के संदर्भ में वो चमचागिरी कहलाती है।
हालाँकि, भारत माता से तुलना करने पर कांग्रेसियों की थू-थू बहुत हुई। लेकिन माँ के नाम पर चढ़े चढ़ावे को चरणामृत मानकर इन्होंने उसके भी दो घूँट मार लिए और विथ कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से उन्हें सीता माँ के समकक्ष रख दिया। आप कहेंगे कि यूथ कांग्रेस तो मालूम है। मगर, विथ कांग्रेस कैसी बला है?
विथ कांग्रेस भी यूथ कांग्रेस की तरह ही है। फर्क बस इतना है कि यूथ कांग्रेस क्रच के समान हैं, जहाँ देर-सवेर उन्हें माँ के दर्शन होते हैं। लेकिन विथ कांग्रेस अनाथालय की तरह है। जो माँ से मरहूम है लेकिन फिर भी उनकी छत्रछाया में काम किए जा रहा है।
इसी विथ कांग्रेस, जिसने एक पोस्टर शेयर किया है और संदेश दिया है कि जैसे सीता माँ नेपाल की थीं और त्रेतायुग में राक्षसों ने इनके चरित्र पर सवाल उठाते हुए अपशब्द कहे थे। वैसे ही सोनिया माँ इटली की हैं और कलयुग में राक्षस (शायद अर्नब या देश की पूरी जनता ही) उन पर सवाल उठा रहे हैं, उनके चरित्र पर सवाल उठाकर अपशब्द कह रहे हैं।
अब इन पोस्टरों से और कोई बात प्रमाणित हुई हो या न हुई हो। लेकिन सोनिया गाँधी के सुर्खियों में आने से ये पता चल गया कि जिस प्रकार सीता माँ की भक्ति में वानरों ने उन्हें माँ का दे दर्जा दिया था, वैसे ही सोनिया गाँधी के चमचों ने चमचागिरी में उन्हें माँ का ओहदा दे दिया है।
अब कांग्रेस के पास कुर्सी के लिए बहुतेरे विकल्प हैं और राहुल गाँधी के अनेकों भाई-बहन। जिनका न केवल मातृ प्रेम सोनिया गाँधी के प्रति राहुल जितना है, बल्कि बुद्धि में भी वे उनसे कम नहीं हैं। जो समय आने पर अपनी माँ स्वरूप सोनिया गाँधी पर उठे सवाल को नारी शक्ति का अपमान बताते हैं लेकिन जब भी मौक़ा पाते हैं तो स्मति ईरानी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माँ, निर्मला सीतारमण जैसी अनेकों महिलाओं का मखौल उड़ाते हैं और ऐसा करके अपनी माँ व ‘एकमात्र भाई-बहन’ के दुलारे बने रहते हैं।
सोनिया गाँधी की चाटुकारिता में जुटा यूथ कांग्रेस ट्वीट कर कहा- माँ तुझे सलाम
एक टीवी डिबेट में रिपब्लिक भारत के एडिटर अर्नब गोस्वामी ने सोनिया गाँधी को लेकर कुछ तीखे सवाल किए थे। पालघर में साधुओं की मॉब लिंचिंग पर कांग्रेस अध्यक्ष की चुप्पी को लेकर उन्होंने बुधवार (22 अप्रैल) को सवाल उठाए थे। इसके बाद यूथ कांग्रेस अपना ‘मातृ प्रेम’ जाहिर करने में जुट गया।
यूथ कांग्रेस के दो सदस्यों ने बुधवार देर रात अर्नब की कार पर हमला किया।।
शुक्रवार(अप्रैल 24) को अपनी चाटुकारिता का प्रदर्शन करते हुए यूथ कांग्रेस ने ‘माँ तुझे सलाम’ के स्लोगन के साथ सोनिया की तस्वीर ट्वीट की। लेकिन, सोशल मीडिया यूजर्स को यूथ कांग्रेस की यह चाटुकारिता रास नहीं आई। उन्होंने जमकर खरी खोटी सुनाई।